भागलपुर: मंदिरों में पूजा नहीं होने की वजह से डाकघर को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. बता दें कोरोना के कहर से बचने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू किया गया है. जिसमें मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर पूजा-पाठ बंद करने का निर्देश भी जारी किया गया है. जब सब कुछ सामान्य था, तो भागलपुर प्रधान डाकघर में रोजाना 40 से 50 बोतल गंगाजल की बिक्री होती थी. लेकिन अभी तीन से चार बोतल ही बिक रहे हैं.
सभी धार्मिक स्थल बंद
डाकघर में हरिद्वार गंगोत्री गंगाजल उपलब्ध है. लेकिन भागलपुर सहित आसपास के सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया है. वहां आम लोगों को पूजा-पाठ नहीं करने दिया जा रहा है. ऐसे में गंगा-जल लेने कोई डाकघर नहीं पहुंच रहे हैं. भागलपुर के डाक अधीक्षक आरपी प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण सरकार की ओर से धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया है. साथ ही मांगलिक कार्य भी बंद है. जिस कारण गंगाजल की बिक्री पर काफी प्रभाव पड़ा है.
50 बोतल से ज्यादा की बिक्री
आरपी प्रसाद ने बताया कि आम दिनों में 50 बोतल से ज्यादा की बिक्री डाकघर से गंगाजल की हो जाती थी. लेकिन अभी तीन से चार बोतल ही बिक पा रहा है. जिससे डाकघर को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. बता दें केंद्र सरकार ने 2016 में डाकघर को राजस्व प्राप्ति कराने के लिए कुछ चुनिंदा देश के डाकघर से लोगों के घर तक गंगाजल पहुंचाने की पहल की थी.
गंगाजल के माध्यम से राजस्व की प्राप्ति
इसमें ऋषिकेश के गंगाजल की 200 एमएल की बोतल का मूल्य 15 रुपये और 500 एमएल की कीमत 22 रुपया है. वहीं गंगोत्री के 200 एमएल 25, और 500 एमएल की कीमत 35 रुपये रखी गयी है. जिससे डाक विभाग गंगाजल के माध्यम से राजस्व अर्जित कर सके. गंगोत्री और ऋषिकेश से मिलने वाले गंगाजल की मांग लगातार बढ़ी हुई थी. जिससे राजस्व की प्राप्ति हो रही थी.