भागलपुर: जिले के बहुचर्चित हिमांशु हत्याकांड में सभी 19 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है. एडीजे दीपंकर पांडे की अदालत ने यह फैसला सुनाया है. इस दौरान न्यायालय परिसर में हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठी थी. मामला कजरेली थाना के गौरा चौकी गांव का है.
ट्यूशन पढ़ाने के दौरान हिमांशु और सोनी के बीच प्रेम हो गया था. फिर कुछ दिनों के लिए दोनों गांव छोड़कर कहीं चले गए. इसके बाद सोनी के परिजनों ने कजरेली थाना में सोनी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था. हालांकि बाद में सोनी को सकुशल बरामद कर लिया गया जिसके बाद वो अपहरण की घटना से मुकर गए.
प्रेम प्रसंग का था मामला
20 अप्रैल 2017 को हिमांशु और सोनी दोबारा घर से भाग गए और स्थानीय गोनू धाम मंदिर में शादी कर ली. शादी के बाद हिमांशु और सोनी दिल्ली जले गएं. कुछ दिनों बाद सोनी गर्भवती हो गई. दोनों को लगा कि गांव का माहौल सामान्य हो गया है इसलिए दोनों अपने गांव लौट गए. लेकिन जैसे ही दोनों गांव पहुंचे, फिर से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई.
भीड़ ने की थी हिमांशु की पीट-पीटकर हत्या
5 जून 2017 को सोनी के परिजनों ने पंचायत बुलाई. पंचायत के फैसले के बाद लड़की पक्ष के लोगों ने घर से खींच कर हिमांशु की पीट-पीटकर हत्या कर दी. बीच बचाव करने आई हिमांशु की मां को भी हत्यारों ने बुरी तरह से घायल कर दिया. भीड़ ने सोनी को भी उसके घर से अगवा कर लिया जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. हालांकि पुलिस ने सोनी की खोजबीन के लिए टीम का गठन किया था लेकिन सोनी का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. आशंका जताई जा रही है कि सोनी की भी हत्या परिजनों ने कर दी है.
19 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
हिमांशु की हत्या का मामला कजरैली थाने में दर्ज किया गया था. मामले में कुल 19 लोगों को आरोपी बनाया गया और जांच शुरू की गई. हिमांशु हत्याकांड में 11 लोगों की गवाही कराई गई. साक्ष्य के आधार पर सभी 19 आरोपियों को दोषी करार देते हुए एडीजे 5 दीपांकर पांडे ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस दौरान न्यायालय परिसर में हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा थी.
एडीजे5 दीपंकर पांडे की अदालत ने सुनाया फैसला
हिमांशु हत्याकांड एक ऑनर किलिंग का मामला है, जिसमें सोनी के परिवार ने अपनी प्रतिष्ठा में हिमांशु की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी. इस मामले में अभियोजन की तरफ से एपीपी नरेश प्रसाद राम ने मजबूती से अपने पक्ष रखा और कड़ी से कड़ी सजा की मांग की. एडीजे5 ने इसे स्वीकारते हुए सभी लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.