भागलपुर: कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह (Sadanand Singh) गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. भागलपुर के कहलगांव स्थित गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार (Funeral) किया गया. उनके बेटे शुभानंद मुकेश (Shubhanand Singh) ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार के दौरान घाट पर कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के साथ हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे. बिहार के सभी दलों के नेताओं ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी.
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भागलपुर में सदानंद सिंह के निधन पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सह केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) ने सदानंद सिंह के निधन पर कहा कि 'सदानंद सिंह के साथ परिवारिक संबंध भी रहा है. उनके परिवार से भी हमारा घनिष्ठ संबंध है. उनके जाने से बहुत ही सुन्नता का अनुभव हो रहा है, राजनीतिक में इसकी क्षतिपूर्ति होना मुश्किल है.'
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौड़ (Virendra Rathod) ने कहा कि 'सदानंद सिंह एक शानदार व्यक्तित्व के धनी थे. उन्होंने सामाजिक जीवन में भी जन-जन की सेवा करने का काम किया. हम जैसे नौजवान नेता को भी उनके तजुर्बे से बहुत कुछ राजनीतिक क्षेत्र में सीखने के लिए मिला. 9 बार विधायक बनने के लिए बहुत ही गुणों की आवश्यकता होती है. हमारे जैसे युवा राजनेता के लिए वे राजनीति की पाठशाला थे. हम उनसे निरंतर सीखते थे.'
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बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) ने कहा कि 'सदानंद सिंह राज्य के ही नहीं बल्कि राष्ट्र के नेता थे. उनके निधन पर सभी कांग्रेस जन दुखी हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सदानंद सिंह के बेटे से फोन पर बातचीत कर संवेदना व्यक्त की. सदानंद सिंह के निधन से कांग्रेस जन मर्माहत है. सदानंद सिंह ने कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया.'
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) ने कहा कि 'सदानंद बाबू के जाने से सभी कांग्रेसी दुखी हैं. सदानंद बाबू कांग्रेस के बहुत बड़े नेता थे. वो हमारे पिताजी के मित्र थे. उनके जाने के बाद कांग्रेस ने एक बहुत बड़े नेता को खो दिया है. सदानंद बाबू के अंदर इतनी क्षमता थी कि वो गलत को गलत कहते थे और सही को सही बताते थे. वो अपने सिद्धांत पर चलते थे. कांग्रेस को बिहार में मजबूत राजनीतिक पार्टी बनाने का उनका सपना था. हम लोगों का कर्तव्य है कि उनके सपने को पूरा करने के लिए एकजुट होकर काम करें.'
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कांग्रेस बिहार विधान मंडल दल नेता अजीत शर्मा (Ajit Sharma) ने कहा कि 'सदानंद बाबू को कहलगांव की जनता ने 9 बार विधायक चुना, यह कोई मामूली बात नहीं है. सदानंद सिंह जनता के सुख दुख में हमेशा साथ रहे. सदानंद सिंह के निधन से कांग्रेस पार्टी को खासकर नुकसान हुआ है. उसकी भरपाई संभव नहीं है. सदानंद बाबू केवल कहलगांव और भागलपुर के ही नेता नहीं थे, वो बिहार सहित पूरे प्रदेश और राष्ट्र के नेता थे.'
जदयू के विधायक गोपाल मंडल (Gopal Mandal) ने कहा कि 'सदानंद बाबू राजनीति में विद्वान व्यक्ति थे. भागलपुर ही नहीं पूरे बिहार के नेता थे और काफी सुलझे हुए व्यक्ति थे. उनके जाने से हम लोग काफी दुखी हैं. भगवान से प्रार्थना है कि जहां भी सदानंद बाबू की आत्मा रहे, वहां उन्हें शांति प्रदान करें. ऐसे व्यक्ति बिहार में मिलना मुश्किल है, वह काफी गुणी और योग्य व्यक्ति थे.'
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बता दें कि सदानंद सिंह कहलगांव विधानसभा सीट से 12 बार चुनाव लड़े, जिसमें उन्होंने 9 बार जीत हासिल की थी. कांग्रेस नेता का निधन 8 अगस्त को पटना के सुगना मोड़ स्थित क्यूरिस अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया था.
सदानंद सिंह के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा सहित तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. निधन के बाद पटना से एंबुलेंस के जरिए उनके पार्थिव शरीर को जिला कांग्रेस भवन भागलपुर लाया गया. जहां सैकड़ों कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं और उनके चाहने वालों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद वहां से सदानंद सिंह के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक घर कहलगांव के सनोखर थाना क्षेत्र के धुआबै लाया गया. इसके बाद परिजनों के अंतिम विदाई देने के बाद गुरूवार को कहलगांव गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.