भागलपुर: लॉकडाउन के कारण फलों की बिक्री कम हो गई है. भागलपुर शहर के प्रसिद्ध जर्दालु आम की बिक्री न के बराबर हो रही है. 25 हजार किसान आम के खेतों में बैठकर खरीददार का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी है. बता दें कि ये वही आम है जो पिछले 14 सालों से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश जैसे बड़े अधिकारी को भेजे जाते हैं.
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से भागलपुर का प्रसिद्ध जर्दालु आम पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. सामान्य दिनों में अप्रैल महीने में आम उत्पादन करने वाले किसान अपने बगीचे को बेच दिया करते थे. लेकिन इस बार लॉकडाउन के साथ-साथ मौसम की मार से भी किसान काफी ज्यादा परेशान हो गए हैं. पेड़ में आम का फल आधा से भी ज्यादा कम हो गया है. कुछ दिन पहले हुए भीषण बारिश और ओलावृष्टि से आम के फसल को नुकसान पहुंचा है.
प्रतिवर्ष आम का उत्पादन
बता दें कि भागलपुर का प्रसिद्ध जर्दालु आम का उत्पादन पूरे भागलपुर में लगभग 7000 से 8000 टन तक का प्रतिवर्ष होता है. भागलपुर के किसानों के लिए जर्दालु आम किसी वरदान से कम नहीं है. दाल उत्पादन करने वाले किसान आम का व्यवसाय कर काफी मुनाफा हर वर्ष कमाते हैं. भागलपुर के लगभग 108 किलोमीटर के दायरे में बड़े पैमाने पर जर्दालु का उत्पादन किसानों करते हैं. जर्दालु आम के उत्पादन के बाद इसे कई पड़ोसी देशों को निर्यात भी किया जाता है. जिसमें मुख्य तौर पर नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और भूटान भी शामिल है. लेकिन इस बार फसल के उत्पादन की बदतर स्थिति को देखकर आम उत्पादन करने वाले किसान का अनुमान है कि इस बार उत्पादन में लगभग 50% से ज्यादा की कमी आने वाली है. इस बार खरीदार भी नहीं पहुंच रहे हैं.
लगाई जाती है प्रदर्शनी
मालूम हो कि भागलपुर कृषि के मामले में अन्य जिलों के मुकाबले काफी ज्यादा आगे है. उसकी वजह भागलपुर में स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय भी है. जहां कृषि का एक बड़ा संस्थान होने के साथ-साथ भागलपुर के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. भागलपुर के प्रसिद्ध जर्दालु आम की प्रदर्शनी हर वर्ष वृहद पैमाने पर भागलपुर के कृषि विश्वविद्यालय में लगाई जाती है. जिसे देखने के लिए काफी दूरदराज से भारी संख्या में किसान पहुंचते हैं. 200 से ज्यादा प्रकार के आमों की प्रदर्शनी कृषि विश्वविद्यालय की श्रेष्ठता कुशलता के साथ-साथ भागलपुर के उन्नत किसानों का परिचय भी है.