भागलपुर: बिहार के भागलपुर में करोड़ों के पुल के गंगा में जल समाधि लेने के बाद अब करोड़ों का कटावरोधी कार्य कोसी की भेंट चढ़ता जा रहा है. भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमण्डल अंतर्गत जहांगीरपुर बैसी में लगातार कटाव हो रहा है. पिछले वर्ष सैकड़ों घर कटकर कोसी में विलीन हो गए थे. अब लोगों के घर और जमीन ना कटे इसके लिए तीन करोड़ 40 लाख की लागत से कटाव रोधी कार्य किया गया.
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जियो बैग नदी में समा रहाः जियो बैग को कोसी किनारे बांधा गया लेकिन अब वह कार्य भी कोसी नदी की भेंट चढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां जियो बैग के बहने के बाद वहां फिर री स्टोरेशन का कार्य किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ जियो बैग नदी में समाता जा रहा है. कई जगह बोरियां नदी में समाने के कगार पर है. ग्रमीणों में डर है कि फिर से कटाव न हो, नहीं तो बांकी बचे लोगों का आशियाना भी कोसी में समा जाएगा. जिस तरह कटाव हो रहा है जलस्तर बढ़ने के बाद हालात भयावह होंगे.
"काम संतोषजनक नहीं हुआ है. उम्मीद नहीं है कि एक भी बोरा टिकेगा. बोरा में पकड़ नहीं है. 2 मीटर गड्ढा कर के बोरा देने था, नया मिट्टी से लेबल किया और उसी दलदल पर बोरा बैठा दिया. काम में अनियमितता हुई है"- मोहम्मद मोइजुद्दीन, ग्रामीण
लीपापोती करने में लगे अधिकारीः अधिकारी मामले को लीपापोती करने में लगे हैं. 15 मई को कटावरोधी कार्य पूरा हुआ था और कुछ ही दिनों में ऐसी स्थिति हो गयी ग्रामीण फिर से सहम गए हैं. अभी जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हुई है. जून के अंतिम सप्ताह और जुलाई महीने में कोसी विकराल रूप धारण करती है, ऐसे में हालात फिर भयावह होंगे. सारे जियो बैग नदी में समा जाएंगे और फिर कोसी किनारे के दर्जनों घर कोसी में समाहित हो सकते हैं.
"वाटर लेबल से काम हुआ, वाटर लेबल से 3 से 4 मीटर डिप कर रहा है. डिप करने के कारण जो काम किया हुआ है दब रहा है. दबने के बाद इसको फिर से रिस्टोर किया जा रहा है. पानी के करंट आने के कारण जितना बोरी के नीचे का बालू था वो हट गया, जिसके कारण से गहरा हो गया और बोरी उसी में जाकर बैठ गया. जितना काम हुआ है वो उसी जगह है उसके ऊपर से हमलोग रिस्टोर कर रहे है"- विजय कुमार, जूनियर इंजीनियर, जल संसाधन विभाग