भागलपुर: बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर स्थित तरेतपाली स्थान में धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा का 13 मई को आगमन हो रहा है. उनके आने से पहले ही राजनीतिक बयानबाजी तेज हो चुकी है. मंत्री तेजप्रताप यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत आरजेडी के नेता लगातार बयान दे रहे हैं. हालांकि महागठबंधन में सहयोगी जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल ने बागेश्वर बाबा के प्रति नरमी दिखाई है. बाबा अगर बिहार को संदेश देने के लिए आ रहे हैं तो यह अच्छी बात है.
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बागेश्वर शास्त्री को जेडीयू विधायक का समर्थन: इसी राजनैतिक उठापटक में जेडीयू के बड़बोले विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल से भी सवाल किया गया. इस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि अपने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है. साधु-संतों को घूमने का अधिकार है. अब कोई बाबा को बिहार आने से रोक रहे हैं, कोई आने पर स्वागत कर रहे हैं. दोनों पार्टियों में कोई दमखम दिखाने वाली बात नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में बाबा का स्वागत है, लेकिन वह आग लगाने वाली कोई बात ना करें. जिससे की जाति धर्म और संप्रदाय के पीछे उन्माद फैले.
बागेश्वर सरकार पर बीजेपी और आरजेडी में टकराव: नौबतपुर के तरेतपाली में बागेश्वर शास्त्री का 13 मई को आगमन है. इस बात पर बिहार में राज्यभर में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. जहां एक तरफ आरजेडी की ओर से तेज प्रताप ने खुली चुनौती दी है कि बागेश्वर बाबा को बिहार किसी भी कीमत पर नहीं आने देंगे. उन्हें एयरपोर्ट से ही वापस लौटा दिया जाएगा. जबकि बीजेपी के कई नेताओं ने आरजेडी कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि देख लेंगे बागेश्वर बाबा को रोकने वाले को.
हिंदुस्तान पहले से ही हिंदू राष्ट्र: विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि "अपना हिंदुस्तान खुद हिंदू राष्ट्र है. इसे हिंदू राष्ट्र बनाने की जरूरत नहीं है. यह देश साधु-संतों का देश है". एक तरफ जहां आरजेडी के लोग उन्हें मना कर रहे हैं. वह भी गलत है. दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से देख लेने वाली बात कह रहे हैं. वह भी गलत है. जेडीयू हर समय जनता के हित की सोचती है. इसलिए बागेश्वर बाबा का बिहार आगमन कहीं से गलत नहीं है.