भागलपुरः बलिदान के पर्व बकरीद के मौके पर जिले में हिंदू-मुस्लिम सौहार्द की मिसाल देखने को मिली. एक तरफ मंदिर की घंटी और बोल बम के नारे लगाते शिवभक्त दिखे तो दूसरी तरफ हजारों मुसलमान भाई एक दीवार के फासले में नमाज पढ़ते दिखे. दोनों समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे का सहयोग किया और नमाजी रास्ता बदलकर ईदगाह मैदान पहुंचे. जहां बकरीद की नमाज अदा की गई.
25 हजार लोगों ने अदा की नमाज
सूर्योदय के साथ ही लोग ईदगाह की ओर बढ़ते नजर आए. नाथनगर के सीटीएस ईदगाह मैदान में बैठे करीब 25 हजार नमाजी नेकी के रास्ते पर चलने और अमन चैन की बात ध्यान से सुनते नजर आए. मौलाना अंसार कासमी ने नमाज अदा से पहले नमाजियों को खुतबा पढ़ाया और नेकी के रास्ते पर चलने की अपील की.
एक-दूसरे को दी बकरीद की बधाई
मौलाना ने खुतबे के बाद सात बजे नमाज अदा कराया. नमाज के बाद सभी ने एक-दूसरे से गले मिलकर बकरीद की बधाई दी. मौलाना ने कहा कि अल्लाह नेकी पर चलने वाले को ही जन्नत देते है. उन्होंने बकरीद के दिन मुसलमान भाई के घरों में होने वाली कुर्बानी को तीन हिस्सों में बांटने को कहा. जिसका पहला हिस्सा गरीबों, दूसरा रिश्तेदार और दोस्तों के लिए और तीसरा हिस्सा खुद के लिए रखने की अपील की.
पारा मिलेट्री फोर्स की तैनाती
वहीं, नाथनगर स्थित मनसकामना रोड में सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर जलाभिषेक का दौर जारी रहा. मंदिरों में घंटी और बोल बम के नारे लगते दिखे. यहां के लोगों ने हिन्दू-मुस्लिम एकता का परिचय दिया. सुरक्षा के लिहाज से ईदगाह के चारों रास्ते और नाथनगर में प्रमुख चौक चौराहों पर पारा मिलेट्री फोर्स की तैनाती की गई.