भागलपुर: देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है. लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिसकर्मियों पर जिम्मेदारी बढ़ गई है. तमाम काम रोककर भी वह अपनी ड्यूटी निभाने में लगे हुए हैं. बिहार के भागलपुर जिले में भी ऐसे कर्मवीर, जिन्होंने फर्ज की राह में अपनी व्यक्तिगत खुशियों को आड़े नहीं आने दिया.
बिहार के भागलपुर जिले के पुलिस लाइन में पिछले दो साल से तैनात प्रीति कुमारी भी अपने फर्ज को बखूबी निभा रही है. प्रीति की सगाई एक मई और शादी 8 मई को होनी थी. लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रीति ने सब कुछ छोड़ कर अपनी ड्यूटी को चुना. उसने अपने घर वालों से सगाई और शादी कैंसिल करने के लिए कहा, ताकि उसके फर्ज की राह में व्यक्तिगत खुशियां आड़े न आए.
इस समय ड्यूटी जरूरी है
बिहार के रोहतास जिले के सेमरा गांव निवासी प्रीति अपने सात भाई-बहनों में परिवार की तीसरी बेटी है. एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रीति के पिता मुरली पासवान ने मजदूरी कर किसी तरह सबकी परवरिश की. परिवार ने प्रीति को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया. प्रीति ने भी अपनी पढ़ाई जारी रखी. साथ ही अपने भाई-बहनों की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए बच्चों को ट्यूशन तक पढ़ाया. आज कोरोना महामारी के बीच प्रीति का कहना हबै कि स्थिति सामान्य होने के बाद शादी करुंगी. इस समय ड्यूटी जरूरी है.
ड्यूटी पर मुस्तैदी से डटी है प्रीति
प्रीति ने बताया कि, इस समय खुद के बजाय उसका फर्ज देश के लिए अधिक है. लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें जागरूक करना है. साथ ही विभाग व शासन के दिशा-निर्देशों के तहत कार्य करना है. जिससे किसी भी विषम परिस्थिति से आसानी से निपटा जा सके.
एसएसपी ने महिला सिपाही की प्रशंसा की
वहीं, पुलिस वरीय अधीक्षक आशीष भारती ने भी महिला पुलिस की जमकर प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भागलपुर में तैनात महिला सिपाही प्रीति ने शादी और काम के ड्यूटी के लिए फर्ज को चुना है, यह प्रशंसनीय है. उन्होंने कहा कि इसी तरह भागलपुर में कई पुलिस अफसर है और सिपाही है, जो अभी इस संकट की घड़ी में घर द्वार छोड़कर पहले ड्यूटी को प्राथमिकता दे रहे है. सभी प्रशंसा के पात्र है. इस तरह के जोश, जब्जे और निर्णय क्षमता अन्य के लिए प्रेरणा है.