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जैविक खेती के लिए किसानों को दी गई ट्रेनिंग, भागलपुर में 2 हजार एकड़ पर उगायी जाएगी हरी सब्जी

बिहार में जैविक खेती को लेकर कृषि विभाग जोर-शोर से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर रहा है. जैविक खेती के बारे में किसानों को अधिक मुनाफा कैसे होगा. ये बताया जा रहा है.

किसानों की ट्रेनिंग
किसानों की ट्रेनिंग
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Published : Mar 4, 2020, 7:05 PM IST

Updated : Mar 4, 2020, 7:58 PM IST

भागलपुर: जिले के कृषि कार्यालय परिसर में कृषि विभाग के तत्वाधान में 16 प्रखंडों के चयनित किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन जैविक खेती की जानकारी दी गई. किसानों को बताया कि कैसे जैविक खेती से वह अपने उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं. साथ ही कम लागत में अधिक धन कमा सकते हैं. जैविक खेती से मिट्टी की क्षमता भी कम नहीं होगी और मानव के स्वास्थ्य पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

प्रशिक्षण के दौरान किसानों को बताया गया कि गाय और भैंस के गोबर सहित अन्य खाद बीजों से कैसे खाद्य तैयार कर अपने खेतों में प्रयोग करेंगे. जानकारी देते हुए सहायक जिला कृषि पदाधिकारी दिलीप कुमार सिंह ने बताया गया कि बुधवार के दिन किसानों को उन्नत खेती करने के बारे में बताया है. किसानों को बताया गया कि कैसे वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करें, जिससे कि फसल में कोई नुकसान भी नहीं होगी और अधिक पैदावार भी होगी. उन्होंने कहा कि किसानों को बताया गया कि जैविक खेती से न ही उनकी फसल को नुकसान होगी और न ही मनुष्य को कोई बीमारी होगी.

किसानों को दिया गया प्रशिक्षण

2 हजार एकड़ जमीन पर होगी जैविक खेती
जिले में कृषि विभाग ने जैविक कॉरिडोर के लिए किसानों और किसान सलाहकारों का चयन किया था. जिसके बाद उन्हीं चयनित किसानों को जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया. जिले में 2000 एकड़ में जैविक खेती की जाएगी. इतने क्षेत्रफल में सिर्फ हरी सब्जी का उत्पादन होगा.

भागलपुर: जिले के कृषि कार्यालय परिसर में कृषि विभाग के तत्वाधान में 16 प्रखंडों के चयनित किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन जैविक खेती की जानकारी दी गई. किसानों को बताया कि कैसे जैविक खेती से वह अपने उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं. साथ ही कम लागत में अधिक धन कमा सकते हैं. जैविक खेती से मिट्टी की क्षमता भी कम नहीं होगी और मानव के स्वास्थ्य पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

प्रशिक्षण के दौरान किसानों को बताया गया कि गाय और भैंस के गोबर सहित अन्य खाद बीजों से कैसे खाद्य तैयार कर अपने खेतों में प्रयोग करेंगे. जानकारी देते हुए सहायक जिला कृषि पदाधिकारी दिलीप कुमार सिंह ने बताया गया कि बुधवार के दिन किसानों को उन्नत खेती करने के बारे में बताया है. किसानों को बताया गया कि कैसे वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करें, जिससे कि फसल में कोई नुकसान भी नहीं होगी और अधिक पैदावार भी होगी. उन्होंने कहा कि किसानों को बताया गया कि जैविक खेती से न ही उनकी फसल को नुकसान होगी और न ही मनुष्य को कोई बीमारी होगी.

किसानों को दिया गया प्रशिक्षण

2 हजार एकड़ जमीन पर होगी जैविक खेती
जिले में कृषि विभाग ने जैविक कॉरिडोर के लिए किसानों और किसान सलाहकारों का चयन किया था. जिसके बाद उन्हीं चयनित किसानों को जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया. जिले में 2000 एकड़ में जैविक खेती की जाएगी. इतने क्षेत्रफल में सिर्फ हरी सब्जी का उत्पादन होगा.

Last Updated : Mar 4, 2020, 7:58 PM IST
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