भागलपुर: बिहार के भागलपुर (Bhagalpur) के आठवीं पास रामानंद पासवान ने एक ऐसा टॉर्च बनाया है जो आवाज से जलता और बुझता है. कहलगांव प्रखंड (Kahalgaon Block) के कुरमा गांव के रामानंद अपने गांव में मोबाइल रिपेयरिंग का काम करते हैं. उन्होंने मोबाइल के खराब पार्ट्स की मदद से टॉर्च बनाया है.
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रामानंद की इच्छा है कि उनके आविष्कार को खास जगह मिले. उनके पिता कल्लू पासवान दिहाड़ी मजदूर हैं. रामानंद ने बताया कि आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद परिवार चलाने के लिए मैंने मोबाइल रिपेयरिंग का काम सीखा. इसके बाद अपने घर पर मोबाइल ठीक कर रोजी-रोटी कमाने लगा.
रामानंद ने कहा, 'मोबाइल ठीक करने के साथ ही मैं कुछ नया करने की कोशिश में भी जुटा रहता था. इसी दौरान मुझे ऐसा टॉर्च बनाने का विचार आया जो आवाज की मदद से जले. इसके लिए कबाड़ से खराब टॉर्च ले आया. बैटरी और मोबाइल के ऑपरेटिंग सिस्टम को असेंबल कर टॉर्च को जलने और बुझने लायक बनाया. इसी तरह मैं एक्सपेरिमेंट करता गया. मैंने मोबाइल के अलग-अलग पार्ट्स को टॉर्च में लगाया, जिसके बाद टॉर्च आवाज से जलने और बुझने लायक बना.'
रामानंद ने कहा, 'आवाज सुनकर ऑन होने वाला टॉर्च सीमा की रक्षा कर रहे सैनिकों के काम आ सकता है. सीमा पर घुसपैठ की कोशिश होती रहती है. इस तरह का यंत्र अगर सीमा पर लगा दिए जाएं तो घुसपैठ की कोशिश के दौरान हुई हल्की सी आवाज से भी टॉर्च ऑन हो जाएगा और सैनिक अलर्ट हो जाएंगे. मैंने ब्लूटूथ कनेक्शन से चलने लायक टॉर्च भी बनाया है.'
"मैंने अपने टॉर्च का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इसके बाद दिल्ली, पटना, मुंबई, पुणे, गुजरात, कोलकाता सहित अन्य शहरों से शोधकर्ता और वैज्ञानिकों के फोन आ रहे हैं. कई कंपनियों ने भी संपर्क किया है. कंपनी के लोग एक बेहतर टॉर्च बनाकर भेजने को कह रहे हैं. आर्थिक तंगी की वजह से मैं मॉडिफाइड टॉर्च नहीं बना पा रहा हूं. यदि मुझे आर्थिक मदद मिले तो इससे भी बेहतर तरीके से टॉर्च बना सकता हूं. वह लोगों के लिए उपयोगी होने के साथ ही सुरक्षा के क्षेत्र में भी काम आ सकता है."- रामानंद पासवान, टॉर्च बनाने वाला युवा
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