भागलपुर: भागलपुर में गंगा नदी में 20 नवंबर 2018 को उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने डॉल्फिन सेंचुरी में नौकायन योजना की शुरुआत की थी. भागलपुर के डॉल्फिन सेंचुरी को ईकोटूरिज्म से जोड़ना इसका उद्देश्य था ताकि लोग नौकायन का लुत्फ उठाते हुए गंगा की विविधताओं का आनंद ले पाएं, लेकिन 2 महीने में ही इस योजना ने दम तोड़ दिया. वर्तमान में नौकायन पूरी से ठप हो गया है.
20 नवंबर 2018 से संविदा पर चलाए जा रहे 24 सीटर बोट की लगभग 10 किलोमीटर की नौकायन यात्रा बहुत ही मनमोहक और खूबसूरत थी. भागलपुर के लोगों के लिए टूरिज्म को लेकर यह एक बेहतर विकल्प था लेकिन संविदा पर चल रही नौकायन ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई. जिस जोर-शोर से सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नौकायन की शुरुआत की थी, वो आज पूरी तरह से धराशाई होकर खत्म हो गई है. डॉल्फिन सेंचुरी में नौकायन के लिये संविदा दी जाती है लेकिन दूसरे साल के टेंडर के लिए अभी तक कोई संवेदक नहीं पहुंचा है.
दो महीने में योजना ने दम तोड़ी
घाट के पास ही रहने वाले स्थानीय निवासी अजय कुमार साह का कहना है कि उद्घाटन के समय चारों तरफ हुये प्रचार-प्रसार से काफी लोग यहां आने लगे थे. 24 सीटर बोट को शुरू किया गया था, जिसमें 25 और 50 रुपये का किराया भी रखा गया था. लेकिन धीरे-धीरे बोट्स की संख्या घटती गई. अब तो इस योजना के अस्तित्व पर ही सवाल उठने लगे हैं.
प्रशासन का आश्वासन
हालांकि, डॉल्फिन सेंचुरी के डीएफओ सुधाकर का कहना है कि योजना तो अभी भी चल ही रही है और टेंडर प्रोसेस में है. डीएफओ सुधाकर ने कहा कि अभी भी हमारी नौकायन योजना चल रही है और 1 साल पूरा भी हो गया है. उसके बाद हम टेंडर प्रोसेस में आएंगे. हम इस ईकोटूरिज्म की योजना को स्कूल-कॉलेजों से जोड़कर और बेहतर बनाएंगे. साथ ही साथ पर्यटन के तौर पर पूरे डॉल्फिन सेंचुरी के इलाके को लोग देख पाएंगे.