भागलपुर: बिहार के प्रवासी मजदूरों को लेकर गुजरात के राजकोट से भागलपुर एक्सप्रेस रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली है. यहां से सभी को उनके संबंधित जिलों में बसों के माध्यम से ले जाया जायेगा, लेकिन इन बसों की हालत ऐसी है कि इनमें थोड़ी देर बैठना भी मुश्किल है. बसों को बाहर से सेनेटाइज तो कर दिया जा रहा है, लेकिन बस के अंदर सीट से लेकर फर्श तक पर पानी के बोतल, खाने-पीने के सामान के साथ-साथ प्लास्टिक फैले हुये हैं.
ये तस्वीरें जिला प्रशासन के उन दावों की पोल खोल रहे हैं जो साफ-सफाई के दावे करते नहीं थकते. सरकार की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस को रोकने का सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई ही एक तरीका है, लेकिन बसों में फैली गंदगी को देखकर लगता है कि जिला प्रशासन को सरकार के ये गाइडलाइन्स नहीं पता.
बसों में गंदगी
शुक्रवार को पटना, गया, सीतामढ़ी, आरा, बक्सर, लखीसराय, दरभंगा जिलों से लगभग 20 से अधिक बस मजदूरों को लेकर जायेंगे. ऐसे में मजदूरों का बसों में बैठने के बाद विरोध लाजिमि है. बसों को बाहर से सेनेटाइज कर औरचारिकता पूरी कर दी जा रही है, लेकिन अंदर की हालत जस की तस बनी हुई है. बहरहाल इस संबंध में जब ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने जिला परिवहन पदाधिकारी से बात करना चाहा तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.