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अरार पंचायत का कुछ ऐसा हाल! न आवास न पानी...बाढ़ में बह गया घर... नहीं सुनने वाला कोई दर्द

भागलपुर के अरार पंचायत के लोग विकास कार्य न होने से काफी परेशान हैं. यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं सहित प्रशासन की कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीणों से बातचीत की. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 30, 2021, 10:47 AM IST

भागलपुर: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार विकास कार्यों का बखान करते नहीं थकती हैं. खासकर गांव-गांव तक सड़क, बिजली और शुद्ध पेयजल पहुंचाने का सुशासन बाबू दंभ भी भरते हैं लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल परे है. जिसका जीता जागता उदाहरण आप बिहार के भागलपुर जिले के एक छोटे से पंचायत अरार (Arar Panchayat In Bhagalpur) में देख सकते हैं. इस पंचायत में कोई भी काम ठीक से नहीं किया गया है. जिसके कारण यहां के लोग काफी परेशान हैं. साथ ही साथ मुखिया बदलने की बात कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: नवादा: पैर टूटा तो खाट पर मतदान करने पहुंची महिला, कहा- गांव का विकास जरूरी

जिले के सनहौला प्रखंड (Sanhola Block In Bhagalpur) का सबसे छोटा पंचायत अरार पंचायत में कोई काम ठीक से नहीं हुआ है. अरार पंचायत 4,893 मतदाताओं वाला पंचायत है. इस पंचायत में 8 वार्ड हैं. यह सबसे कम वार्ड वाला पंचायत है. लेकिन इसके बावजूद भी काम नहीं हुआ है. जबकि पंचायत में बीते 10 साल से यानी दो बार से दिवंगत नेता सदानंद सिंह के परिवार से रिश्ते में चाची जमुना देवी और विपिन सिंह मुखिया रहे. वर्तमान में विपिन सिंह धुआवै में पंचायत के मुखिया हैं. जबकि मां अरार पंचायत की मुखिया है.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: आरा: 7 दशकों बाद भी नहीं सुधरी तस्वीर, बाढ़ और कटाव के बीच गुजर रही जिंदगी

अरार पंचायत में 10 सालों से मां बेटे का राज है. लेकिन फिर भी कोई काम सही से नहीं हुआ है. इसलिए पंचायत के लोग बीते 10 सालों से अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. पंचायत में जो भी काम हुआ है सिर्फ राशि उठाने के लिए और योजना को गिनाने के लिए हुआ है. किसी भी कार्य को गुणवत्तापूर्ण तरीके से नहीं किया गया है. जिसके कारण इस बार अरार की जनता वर्तमान प्रतिनिधि को बदलेंगे और नये को मौका देंगे. स्थानीय मक्को ठाकुर और बबलू मंडल ने कहा कि अब यह मुखिया जीतकर क्या करेंगे जह कोई काम ही ठीक से नहीं होता है. पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं की गई है.

'गांव में कोई काम ठीक से नहीं हुआ है. रोड बनाया गया है लेकिन नाला नहीं बना है. जो भी सड़क बनाए गए थे वह भी बीच-बीच से टूट गया है. जिसके कारण नाले का पानी रोड पर आ रहा है. जिससे हमलोगों को आने-जाने में परेशानी होती है. हम गरीब को देखने वाला कोई नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिला है. बारिश में घर भी गिर गया है. कोई देखने के लिए नहीं आता है. पीने का पानी दिन भर में एक समय ही आता है.' -विमल तांती, स्थानीय

'मेरे गांव के बीचो-बीच तालाब है. इस तालाब में लोग स्नान करते हैं और पर्व त्योहार के समय व्रत भी करते हैं. छठ पर्व में यहां बहुत सारे लोग व्रत करने के लिए आते हैं. लेकिन इस तालाब की स्थिति बद से बदतर है. तलाब की घेराबंदी नहीं हुई है. शेड का निर्माण होना था जो नहीं हुआ है.' -भुट्टो तांती, स्थानीय

भुट्टो तांती ने कहा कि गांव में पीने के पानी की व्यवस्था कर दी गई है. लेकिन पानी ससमय नहीं मिलता है. उन्होंने बताया कि रोड नाला का निर्माण सही से नहीं हुआ है. इसलिए सड़क पर पानी बहता रहता है. इससे चलने में दिक्कत होती है. उन्होंने कहा कि जमीन की कमी के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया है. वहीं, ब्रह्मदेव ने बताया कि बीपीएल सूची में नाम भी दर्ज नहीं कराया गया है. जिससे राशन भी नहीं मिलता है.

बता दें कि यह पंचायत झारखंड के गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड के दिग्गी से सटा हुआ है. इस पंचायत के बीचो बीच एकचारी महागामा राजकीय पथ है. इस पंचायत में मुख्य फसल धान और गेहूं की उपज होती है. सिंचाई को लेकर भी कोई ठोस प्रबंध नहीं है. स्थानीय किसान आकाशीय वर्षा पर निर्भर है.

पंचायती राज्य भारत सरकार के आंकड़ों की बात करें, तो अरार पंचायत में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 1 करोड़ 14 लाख 15 हजार 558 रुपये आवंटित किया गया है. जबकि 2020-2021 में 1 करोड़ 40 लाख 4 हजार 466 रुपये आवंटित किया गया था. वहीं, 2019-2020 के लिये 48 लाख 20 हजार 257 रुपये आवंटित किया गया था. इसी प्रकार 2018-2019 के लिये 9 लाख 54 हजार 500 रुपये आवंटित किया गया था. इसके साथ ही 2017-2018 के लिये 55 लाख 34 हजार आवंटित किया गया था. यह आंकड़ा पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार के पोर्टल ई-ग्राम स्वरोजगार का है.

भागलपुर: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार विकास कार्यों का बखान करते नहीं थकती हैं. खासकर गांव-गांव तक सड़क, बिजली और शुद्ध पेयजल पहुंचाने का सुशासन बाबू दंभ भी भरते हैं लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल परे है. जिसका जीता जागता उदाहरण आप बिहार के भागलपुर जिले के एक छोटे से पंचायत अरार (Arar Panchayat In Bhagalpur) में देख सकते हैं. इस पंचायत में कोई भी काम ठीक से नहीं किया गया है. जिसके कारण यहां के लोग काफी परेशान हैं. साथ ही साथ मुखिया बदलने की बात कर रहे हैं.

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जिले के सनहौला प्रखंड (Sanhola Block In Bhagalpur) का सबसे छोटा पंचायत अरार पंचायत में कोई काम ठीक से नहीं हुआ है. अरार पंचायत 4,893 मतदाताओं वाला पंचायत है. इस पंचायत में 8 वार्ड हैं. यह सबसे कम वार्ड वाला पंचायत है. लेकिन इसके बावजूद भी काम नहीं हुआ है. जबकि पंचायत में बीते 10 साल से यानी दो बार से दिवंगत नेता सदानंद सिंह के परिवार से रिश्ते में चाची जमुना देवी और विपिन सिंह मुखिया रहे. वर्तमान में विपिन सिंह धुआवै में पंचायत के मुखिया हैं. जबकि मां अरार पंचायत की मुखिया है.

देखें रिपोर्ट.

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अरार पंचायत में 10 सालों से मां बेटे का राज है. लेकिन फिर भी कोई काम सही से नहीं हुआ है. इसलिए पंचायत के लोग बीते 10 सालों से अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. पंचायत में जो भी काम हुआ है सिर्फ राशि उठाने के लिए और योजना को गिनाने के लिए हुआ है. किसी भी कार्य को गुणवत्तापूर्ण तरीके से नहीं किया गया है. जिसके कारण इस बार अरार की जनता वर्तमान प्रतिनिधि को बदलेंगे और नये को मौका देंगे. स्थानीय मक्को ठाकुर और बबलू मंडल ने कहा कि अब यह मुखिया जीतकर क्या करेंगे जह कोई काम ही ठीक से नहीं होता है. पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं की गई है.

'गांव में कोई काम ठीक से नहीं हुआ है. रोड बनाया गया है लेकिन नाला नहीं बना है. जो भी सड़क बनाए गए थे वह भी बीच-बीच से टूट गया है. जिसके कारण नाले का पानी रोड पर आ रहा है. जिससे हमलोगों को आने-जाने में परेशानी होती है. हम गरीब को देखने वाला कोई नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिला है. बारिश में घर भी गिर गया है. कोई देखने के लिए नहीं आता है. पीने का पानी दिन भर में एक समय ही आता है.' -विमल तांती, स्थानीय

'मेरे गांव के बीचो-बीच तालाब है. इस तालाब में लोग स्नान करते हैं और पर्व त्योहार के समय व्रत भी करते हैं. छठ पर्व में यहां बहुत सारे लोग व्रत करने के लिए आते हैं. लेकिन इस तालाब की स्थिति बद से बदतर है. तलाब की घेराबंदी नहीं हुई है. शेड का निर्माण होना था जो नहीं हुआ है.' -भुट्टो तांती, स्थानीय

भुट्टो तांती ने कहा कि गांव में पीने के पानी की व्यवस्था कर दी गई है. लेकिन पानी ससमय नहीं मिलता है. उन्होंने बताया कि रोड नाला का निर्माण सही से नहीं हुआ है. इसलिए सड़क पर पानी बहता रहता है. इससे चलने में दिक्कत होती है. उन्होंने कहा कि जमीन की कमी के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया है. वहीं, ब्रह्मदेव ने बताया कि बीपीएल सूची में नाम भी दर्ज नहीं कराया गया है. जिससे राशन भी नहीं मिलता है.

बता दें कि यह पंचायत झारखंड के गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड के दिग्गी से सटा हुआ है. इस पंचायत के बीचो बीच एकचारी महागामा राजकीय पथ है. इस पंचायत में मुख्य फसल धान और गेहूं की उपज होती है. सिंचाई को लेकर भी कोई ठोस प्रबंध नहीं है. स्थानीय किसान आकाशीय वर्षा पर निर्भर है.

पंचायती राज्य भारत सरकार के आंकड़ों की बात करें, तो अरार पंचायत में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 1 करोड़ 14 लाख 15 हजार 558 रुपये आवंटित किया गया है. जबकि 2020-2021 में 1 करोड़ 40 लाख 4 हजार 466 रुपये आवंटित किया गया था. वहीं, 2019-2020 के लिये 48 लाख 20 हजार 257 रुपये आवंटित किया गया था. इसी प्रकार 2018-2019 के लिये 9 लाख 54 हजार 500 रुपये आवंटित किया गया था. इसके साथ ही 2017-2018 के लिये 55 लाख 34 हजार आवंटित किया गया था. यह आंकड़ा पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार के पोर्टल ई-ग्राम स्वरोजगार का है.

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