ETV Bharat / state

काम पर वापस ले जाने के लिए दूसरे प्रदेशों से आ रही है बस, मजदूरों ने सरकारी वादों को बताया झूठा - 50 से ज्यादा मजदूर बस से रोजगार के लिए चेन्नई गए

प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लग्जरी और सामान्य बसों में भरकर मजदूर काम पर लौट रहे हैं. शुक्रवार के दिन रोजगार के लिए लगभग 50 से ज्यादा मजदूर भागलपुर से तमिलनाडु के लिए रवाना हुए हैं. इसमें ज्यादातर लोग जोगबनी, सुपौल और आसपास के इलाकों के हैं.

Company sent bus from Chennai to Bhagalpur to bring laborers
Company sent bus from Chennai to Bhagalpur to bring laborers
author img

By

Published : Sep 12, 2020, 2:27 PM IST

भागलपुर: वैश्विक महामारी कोरोना में लॉकडाउन के दौरान देशभर में उद्योग और कारखानों के बंद होने से अपने घर काे लौटे मजदूर एक बार फिर रोजी-रोटी की तलाश में प्रदेश का रुख करने लगे हैं. लॉकडाउन में मजदूरों को भूखे मरने के लिए छोड़ने वाले फैक्ट्री संचालक मजदूरों को लाने के लिए उनके घरों तक बस भेज रहे हैं. इसके अलावे और भी कई तरह की सुविधा देने का आश्वासन दे रहे हैं. वहीं बिहार से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लग्जरी और सामान्य बसों में भरकर मजदूर काम पर लौट रहे हैं.

रोजगार के लिए चेन्नई गए मजदूर
वहीं वैश्विक महामारी में कंपनी की भी हालत बगैर मजदूर के काफी ज्यादा खराब हो गई. कंपनी ने मजदूरों को वापस लाने के लिए तमिलनाडु से बस भागलपुर भेजें. जिससे भागलपुर के आसपास के इलाके के लगभग 50 से ज्यादा मजदूर बस पर सवार होकर रोजगार के लिए चेन्नई वापस जा रहे है. इसमें ज्यादातर लोग जोगबनी, सुपौल और आसपास के इलाकों के थे.

देखें पूरी रिपोर्ट

अन्य प्रदेशों में काम करने को मजबूर
मजदूरों ने बताया कि इन छह महिनों में कोई ठोस रोजगार साधन उपलब्द नहीं हो सका. जिसके कारण फिर से तमिलनाडु जाकर फैक्ट्री में काम करने को मजबूर है. उन्होंने बता कि तमिलनाडु से कारखाना मालिक ने बस भेज कर उन्हें रोजगार के लिए वहां ले जाया जा रहा है. मजदूरों में बाहर जाकर काम करने की पीड़ा साफ झलक रही थी, लेकिन बेरोजगारी के कारण वे अपने बाल बच्चो की परवरिश को लेकर चिंतित नजर आए और मजबूर होकर बाहर जाकर काम करने के लिए विवश है.

सरकार के वादे निराधार
बता दें कि कोरोना वायरस के कारण अन्य राज्यों से मजदूर वापस आए थें. मजदूरों को लंबा वक्त अपने गांव-घरों में बीताने की वजह से आर्थिक तंगी उत्पन्न हो गई. सरकार ने रोजगार, धंधे और आर्थिक सहायता का वादा तो किया. लेकिन कोई वादा पूरा नहीं कर पाई, खाने के नाम पर महज 5 किलो चावल और 5 किलो गेहूं लोगों को मिल रहा था. सरकार ने अपने घर लौटे मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं कर पाए, जिस कारण से मजदूरों को विवश हो कर अन्य प्रदेशों में काम करने को लाचार है.

भागलपुर: वैश्विक महामारी कोरोना में लॉकडाउन के दौरान देशभर में उद्योग और कारखानों के बंद होने से अपने घर काे लौटे मजदूर एक बार फिर रोजी-रोटी की तलाश में प्रदेश का रुख करने लगे हैं. लॉकडाउन में मजदूरों को भूखे मरने के लिए छोड़ने वाले फैक्ट्री संचालक मजदूरों को लाने के लिए उनके घरों तक बस भेज रहे हैं. इसके अलावे और भी कई तरह की सुविधा देने का आश्वासन दे रहे हैं. वहीं बिहार से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लग्जरी और सामान्य बसों में भरकर मजदूर काम पर लौट रहे हैं.

रोजगार के लिए चेन्नई गए मजदूर
वहीं वैश्विक महामारी में कंपनी की भी हालत बगैर मजदूर के काफी ज्यादा खराब हो गई. कंपनी ने मजदूरों को वापस लाने के लिए तमिलनाडु से बस भागलपुर भेजें. जिससे भागलपुर के आसपास के इलाके के लगभग 50 से ज्यादा मजदूर बस पर सवार होकर रोजगार के लिए चेन्नई वापस जा रहे है. इसमें ज्यादातर लोग जोगबनी, सुपौल और आसपास के इलाकों के थे.

देखें पूरी रिपोर्ट

अन्य प्रदेशों में काम करने को मजबूर
मजदूरों ने बताया कि इन छह महिनों में कोई ठोस रोजगार साधन उपलब्द नहीं हो सका. जिसके कारण फिर से तमिलनाडु जाकर फैक्ट्री में काम करने को मजबूर है. उन्होंने बता कि तमिलनाडु से कारखाना मालिक ने बस भेज कर उन्हें रोजगार के लिए वहां ले जाया जा रहा है. मजदूरों में बाहर जाकर काम करने की पीड़ा साफ झलक रही थी, लेकिन बेरोजगारी के कारण वे अपने बाल बच्चो की परवरिश को लेकर चिंतित नजर आए और मजबूर होकर बाहर जाकर काम करने के लिए विवश है.

सरकार के वादे निराधार
बता दें कि कोरोना वायरस के कारण अन्य राज्यों से मजदूर वापस आए थें. मजदूरों को लंबा वक्त अपने गांव-घरों में बीताने की वजह से आर्थिक तंगी उत्पन्न हो गई. सरकार ने रोजगार, धंधे और आर्थिक सहायता का वादा तो किया. लेकिन कोई वादा पूरा नहीं कर पाई, खाने के नाम पर महज 5 किलो चावल और 5 किलो गेहूं लोगों को मिल रहा था. सरकार ने अपने घर लौटे मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं कर पाए, जिस कारण से मजदूरों को विवश हो कर अन्य प्रदेशों में काम करने को लाचार है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.