भागलपुर: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये सरकार लगातार प्रयासरत है, लेकिन समय-समय पर ऐसी खबरें भी सामने आती हैं, जो कोरोना चेन तोड़ने के सभी प्रयासों पर पानी फेरते नजर आते हैं. जिले में प्रवासी मजदूरों को स्टेशन से क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाने के लिये बसों को बिना सेनेटाइज किये दौड़ाया जा रहा है.
दरअसल, गुरुवार को पहुंचे श्रमिक एक्सप्रेस से भागलपुर और बांका के रहने वाले 12 से अधिक मजदूर वापस आये. इन सभी को उनके संबंधित प्रखंडों के क्वॉरेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने बसों की व्यवस्था की थी. शुक्रवार को फिर उन्हीं बसों से बांका, सहरसा, पटना, दरभंगा, आरा, शेखपुरा, गया, सिवान, सीतामढ़ी, मुंगेर, अरवल, लखीसराय और खगड़िया सहित अन्य जिलों में मजदूरों को ले जाया जा रहा है.
सरकार दे रही सेनेटाइजेशन की सलाह
मजदूरों को उनके संबंधित प्रखंडों के क्वॉरेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने वाले इन बसों को सेनेटाइज भी नहीं किया जा रहा. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. गौरतलब है कि सरकार की तरफ से लगातार लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन की सलाह दी जा रही है. लेकिन लगता है ये सलाह प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के पल्ले नहीं पड़ रहा. ऐसे में अगर कोरोना का संक्रमण फैलता है तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी?