भागलपुर: फ्लिपकार्ट और अमेजन सहित अन्य ऑनलाइन मार्केटिंग साइट्स से हस्ताक्षर होने के बाद बिहार के लाखों कारीगर, बुनकरों और शिल्पकारों को ई-कॉमर्स के पटल पर प्रसिद्धि मिली है. साथ ही उन्हें रोजगार भी मिला है. राज्य सरकार की ओर से बांस, खादी, हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने और बदलते समय की मांग को देखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग को बाजार में उतारा है. अब बिहार की सभी हस्तशिल्प ऑनलाइन बिक रहे हैं. यहां पर अब आसानी से लोगों को सामान उपलब्ध हो रहा है. लोगों की मांग भी बढ़ रही है. जिससे कारीगरों को रोजगार भी मिला है.
बिहार के हैंडीक्राफ्ट को ऑनलाइन मार्केटिंग से जोड़ा गया
उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान के आईडी एमआईएस एक्सपर्ट प्रकाश कुमार ने बताया कि बाजारवाद और ऑनलाइन वाले इस युग में बिहार के हैंडीक्राफ्ट को ऑनलाइन मार्केटिंग से जोड़ दिया है. इसलिए हम लोग अमेजॉन और फ्लिपकार्ट से भी खरीद सकते हैं. उन्होंने कहा कि आर्डर मिल रहा है. यहां लगे मेले में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान के प्रोडक्ट को प्रदर्शनी के रूप में रखा गया है. जिसे पसंद आ रहा है उनसे नंबर ले रहे है और उन्हें बाद में प्रोडक्ट मुहैया कराया जाएगा.
ऑनलाइन साइट्स पर हो रही सामान की बिक्री
बिहार हस्तशिल्प के मार्केटिंग ऑफिसर अशोक कुमार ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट आदि साइट्स पर भी सामान की बिक्री हो रही है. उन्होंने कहा कि हमारे सारे प्रोडक्ट सभी जगहों पर बिक रहे हैं. बिहार के 14 हैंडीक्राफ्ट ऑनलाइन बिक रहे हैं. इसके अलावा बिहार म्यूजियम में भी शिल्पकार चाहते हैं तो वे अपने सामान की प्रदर्शनी लगा सकते हैं. सामान बिकने के बाद उन्हें 15 दिन के अंदर उनके खाते में पैसा भेज दिया जा रहा है.
ऑनलाइन साइट्स पर भी बिहार के हैंडीक्राफ्ट उपलब्ध
उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान केंद्र के उप महानिदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि बाजारवाद और ऑनलाइन वाले युग में बिहार के हैंडीक्राफ्ट को ऑनलाइन बाजार से जोड़ दिया गया है. अभी फ्लिपकार्ट, अमेजन के अलावा कई अन्य ऑनलाइन साइट्स पर भी बिहार के हैंडीक्राफ्ट उपलब्ध है. जहां से लोग आसानी से सामान खरीद सकते हैं. वहीं, वैश्विक स्तर पर भी बिहार के हैंडीक्राफ्ट को मुहैया करवाया जा रहा है.