भागलपुर: जिले के नाथनगर प्रखंड अंतर्गत गनौरा में बादरपुर एक सुदूर गांव है. जहां पर लड़कियों को खेलने भेजना तो दूर की बात पढ़ने के लिए स्कूल तक भेजने पर भी लोग राजी नहीं होते थे, लेकिन सपना और भारती ने पूरे गांव की इस सोच को बदल कर रख दिया है. भारती ने तीन राष्ट्रीय पदक जीते हैं, तो वहीं सपना ने भी राष्ट्रीय और राजकीय मेडल की झड़ी लगा दी है.
ओलंपिक गेम्स में दी दस्तक
गांव के कटीले पगडंडियों पर प्रैक्टिस से लेकर राष्ट्रीय ओलंपिक के ट्रैक पर दौड़ने के अनुभव को साझा करना वाकई काफी चौंकाने जैसा है. जिस गांव में लड़कियों के पढ़ने पर पाबंदी थी, उस गांव की दो लड़कियों ने रूढ़िवादी मानसिकता की जंजीरों को तोड़कर ना सिर्फ ओलंपिक गेम्स में दस्तक दे दी. बल्कि सुदूर गांव के रूढ़िवादी मानसिकता को भी बदल कर रख दिया और पूरे भारत में महिला सशक्तिकरण का नायाब मिसाल पेश किया.
गांव के लोग देते थे ताना
राष्ट्रीय गेम्स में पहुंचने वाली भारती और सपना कहती हैं कि रनिंग में शॉट्स पहनकर प्रैक्टिस करना होता है. जिसे पहनने के बाद गांव के लोग हम दोनों को ताना देने के साथ-साथ मां पापा को भी भला बुरा कहते थे. लेकिन हमारे मजबूत इरादे और सपनों के सामने ऐसी रूढ़िवादी मानसिकता की कोई जगह नहीं थी. सपना बताती हैं कि गांव के ही पास खेत को उनके टीचर जितेंद्र मणि ने प्रैक्टिस के लायक बनाया.
हौसले को कभी टूटने नहीं दिया
भारती और सपना ने बताया कि जैसे खेत को साफ कर उन्होंने दौड़ने की प्रैक्टिस शुरू की. वैसे ही गांव के रूढ़िवादी लोग उन्हें काफी परेशान करते थे. शीशे की बोतल को तोड़ कर सड़क पर फेंक देते थे. ताकि हमारी प्रैक्टिस बंद हो जाए और हमारे हौसले टूट जाएं. लेकिन जितेंद्र मणि संदेश सर की प्रेरणा ने हौसले को कभी भी टूटने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अब लड़कियां सिर्फ पढ़ने ही नहीं जाती बल्कि ट्रैक्स पर भी दौड़ती दिखती हैं.
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देश के लिए जीतना है मेडल
भारती और सपना की सफलता के इस मुकाम पर पहुंचने के बाद अब गांव की कई लड़कियां भी पढ़ाई के साथ-साथ पगडंडियों पर दौड़ती हुई दिखती हैं. वहीं एक तरफ भारती पढ़ाई के साथ-साथ अपनी प्रैक्टिस पर पूरा फोकस कर रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ सपना भी पढ़ाई के साथ प्रैक्टिस करती हैं.
भारती टीएनबी कॉलेज से सोशियोलॉजी ऑनर्स में सेकेंड पार्ट में है और सपना जियोग्राफी ऑनर्स सेकेंड पार्ट में है. दोनों लड़कियां पूरे समाज में एक मिसाल पेश कर रही हैं. भारती और सपना का लक्ष्य देश के लिए मेडल जीतकर लाना है. जिसके लिए दोनों काफी ज्यादा मेहनत भी कर रही हैं.
भारती कुमारी की उपलब्धि
- 2014 में ईस्ट जोन प्रतियोगिता में लंबी कूद में प्रथम स्थान
- 2014 में इंटर जोनल खेल प्रतियोगिता पुणे में लंबी कूद में तृतीय स्थान
- 2015 में ऑल इंडिया डिस्ट्रिक्ट एथलेटिक्स मीट हरिद्वार में लंबी कूद में प्रथम स्थान
- 2016 में ऑल इंडिया एथलेटिक मीट रांची में प्रथम स्थान
- 2014 से लगातार 2017 तक स्कूली खेल प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधि किया
- 5 बार जूनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधि किया
- 2017 और 2018 में ईस्ट जोन खेल प्रतियोगिता में लंबी कूद में द्वितीय स्थान
- राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता 2019 में बिहार का प्रतिनिधि किया और इंटर जोनल प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधि किया
- अब तक दो बार ऑल इंडिया विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिता में भागलपुर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधि किया.
- 5 सालों से बिहार की लंबी कूद की सबसे बेस्ट एथलीट हैं
- 2019 में बिहार राज्य यूनिवर्सिटी एकलव्य खेल प्रतियोगिता में तीन गोल्ड जीत कर बेस्ट वूमेन एथलीट का खिताब जीता.
सपना कुमारी की उपलब्धि
- 5 बार राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधि लंबी दूरी दौड़ में किया
- 2015 में 1500 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में ईस्ट जोन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान
- 2016 में 3 किलोमीटर दौड़ प्रतियोगिता में तृतीय स्थान, जो रांची में हुआ था
- 2016 में मधेपुरा में आयोजित महिला खेल प्रतियोगिता में बेस्ट वुमन एथलीट का खिताब मिला
- 6 बार जूनियर राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व किया
- दो बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी खेल प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधि किया
- 2019 में बिहार राज्य यूनिवर्सिटी एकलव्य खेल प्रतियोगिता में एक गोल्ड और दो रजत जीतीं
- खेलो इंडिया विश्वविधालय में रग्बी टीम में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधि किया