भागलपुर: भागलपुर को ट्रिपल आईटी की नींव पड़ चुकी है. करीब तीन साल पहले बने भागलपुर ट्रिपल आईटी को इस साल 5 फरवरी को कैबिनेट ने राष्ट्रीय महत्व संस्था का दर्जा दिया था. जिसके बाद अगस्त महीने में ही भवन निर्माण की मंजूरी मिल गई थी. वहीं, अब भवन निर्माण का प्रारूप बनकर तैयार हो गया है.
भवन का स्वरूप कुछ इस प्रकार रहेगा
वहीं, इसका स्वरूप के तौर जो खाका तैयार हुआ है. वह इस प्रकार है. भवन में अकैडमी ब्लॉक G+2 बिल्डिंग होगी. इस भवन में हेड ऑफ डिपार्टमेंट का दफ्तर होगा. वहीं, 123 फैकेल्टी चेंबर बनाए जाएंगे. 12 अच्छी तरह से सुसज्जित क्लासरूम स्मार्ट क्लास के आधार पर बनाया जाएगा. जिसमें 120 छात्रों के बैठने की क्षमता होगी. साथ ही 12 प्रयोगशाला का निर्माण भी किया जाएगा.
25000 वर्ग क्षेत्रफल में बनेगा भवन
ट्रिपल आईटी भागलपुर के निदेशक प्रोफेसर अरविंद चौधरी ने इस बाबत कहा कि भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में ट्रिपल आईटी भवन का निर्माण मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाएगा. यह भवन का निर्माण 25000 वर्ग क्षेत्रफल पर होगा. भवन की बनावट में विक्रमशिला विश्वविद्यालय की छाप दिखेगी. वहीं, भवन के निर्माण में बिहार की पारंपरिक कलाकों दिवारों पर उकेरा जाएगा. वहीं, भवन में अत्याधुनिक सुविधा लैस रहेंगे. ट्रिपल आईटी में वाई-फाई, वाटर हार्वेस्टिंग, हाईटेक पुस्तकालय, अत्याधुनिक बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल, खेल के लिए भी अतिरिक्त मैदान उपलब्ध रहेगा. इसके साथ-साथ सिक्योरिटी के तौर पर भी पूरे परिसर में हाईटेक व्यवस्था की गई है. कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. मुख्य गेट पर मेटल डिटेक्टर के अलावा ऑटोमेटिक विजिटर यंत्र लगाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि भागलपुर ट्रिपल आईटी को कैबिनेट से राष्ट्र महत्व के संस्था का दर्जा मिलने के साथ ही यहां छात्रों का एडमिशन भी अब काफी हो रहा है. यहां एमटेक और पीएचडी की पढ़ाई करवाई जा रही है. आने वाले दिनों में सीटों की संख्या 68 से बढ़ाकर 150 होने वाली है.
"बता दें कि भागलपुर ट्रिपल आईटी को राष्ट्रीय महत्त्व का दर्जा सूरत ,भोपाल ,अगरतला ,रायपुर के साथ मिला है. जहां पर भवन का निर्माण ट्रिपल पी मोड में करवाया जा रहा है."
शिक्षा मंत्री ने किया वर्चुअली शिलान्यास
इसके साथ ही सबौर स्थित भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में ट्रिपल आईटी भवन का निर्माण सीपीडब्ल्यू केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाएगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद भारत सरकार के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वर्चुअल माध्यम से 17 दिसंबर को भवन निर्माण का शिलान्यास किया.
इंजीनियरिंग काॅलेज के एक ब्लाॅक में चल रहा ट्रिपल आईटी
वहीं अब तक ट्रिपल आईटी करीब चार साल से इंजीनियरिंग काॅलेज के ही एक ब्लाॅक में चल रहा है. काॅलेज का एक संकाय जिस ब्लाॅक में चलता है. उतने में ही पूरा ट्रिपल आईटी के तीनाें संकाय और प्रशासनिक कार्य हाे रहा है. इसमें भवन में नाै फैकल्टी रूम के अलावा एक डायरेक्टर और एक रजिस्ट्रार ऑफिस भी है.
छात्रों के एडमिशन का कोटा रह जाता था अधूरा
वहीं, सुविधा के घोर अभाव के चलते बीते सत्र तक छात्र यहां एडमिशन लेने से कतराते थे. प्रीमियर इंस्टीट्यूट हाेने के बावजूद ट्रिपल आईटी में चाैथे सत्र में भी सभी सीटें फुल नहीं हुईं थी. काॅलेज में 188 सीटाें में से 124 सीटाें पर ही दाखिला हुआ था. 64 सीटें खाली रह गईं थी. जिसे लेकर कॉलेज प्रशासन बचे हुए 64 सीटाें के लिए प्रबंधन ऑनस्पाॅट दाखिला के प्रोसेस को अपनाना पड़ा था.