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भागलपुर: लॉकडाउन में धंधा ठप है, यहां फ्री में खाना मिलता है तो चले आते हैं

कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लागू किया है. इससे सबसे अधिक गरीब और दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हुए हैं. उन्हें दो-जून की रोटी तक मयस्सर नहीं हो पा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कम्यूनिटी किचन की शुरुआत की है.

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Published : May 8, 2021, 1:42 PM IST

भागलपुर
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भागलपुर: राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से शहर के घंटाघर स्थित टीचर ट्रेनिंग कॉलेज परिसर में सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है. जहां गरीब तबके के मजदूर मुफ्त में खाना खा रहे हैं. खाने की व्यवस्था भी कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार की गयी है. खाने की गुणवत्ता और पंडाल में व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए जिला पदाधिकारी के निर्देश पर जगदीशपुर अंचलाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त गया है.

यह भी पढ़ें:पटना में कालाबाजारी का 'खेला', PMCH का डॉक्टर 45 हजार में बेच रहा 1 रेमडेसिविर!

मुफ्त में खाना मिलता है तो आ जाते हैं
सामुदायिक किचन में खाना खा रहे भागलपुर ईशाकचक के रहने वाले रमेश कुमार दास ने कहा कि वे रिक्शा चला कर जीवन यापन करते हैं. उन्हें यहां चल रहे सामुदायिक किचन के बारे में जानकारी नहीं थी. यहां से खाना खाकर जाने के बाद उसके साथी ने बताया कि फ्री में यहां खाना खिलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण कमाई कम हो रही है, कमाई होगी तभी परिवार चलेगा. इसलिए वे भी यहां मुफ्त में खाना खाने आ जाते हैं.

वहीं, बंटी तापी ने कहा कि जगदीशपुर से 20 किलोमीटर दूर भागलपुर रिक्शा चलाने के लिए वे रोजाना आते हैं. उसी पैसे से घर चलता है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण पैसेंजर कम हो रहा है. जिस कारण वे रुपये बचाने के लिए यहां आ जाते हैं.

यह भी पढ़ें: बिहार के अस्पतालों में कबाड़ हो रहे वेंटिलेटर, टेक्नीशियन की कमी से टूट रही मरीजों की सांसें

लॉकडाउन के कारण निशक्त, निस्सहाय और अत्यंत ही गरीब लोगों को खाने की परेशानी ना हो, इसके लिए टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में सामुदायिक किचन की शुरुआत की गई है. यहां लोग मुफ्त में आकर खाना खा सकते हैं. जरूरत पड़ने पर इसे और बढ़ाया जाएगा. ग्रामीण स्तर पर भी मॉनिटरिंग की जा रही है. यदि जरूरत पड़ेगी तो वहां पर भी इस प्रकार का किचन शुरू किया जाएगा. - सुब्रत कुमार सेन, जिलाधिकारी

भागलपुर: राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से शहर के घंटाघर स्थित टीचर ट्रेनिंग कॉलेज परिसर में सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है. जहां गरीब तबके के मजदूर मुफ्त में खाना खा रहे हैं. खाने की व्यवस्था भी कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार की गयी है. खाने की गुणवत्ता और पंडाल में व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए जिला पदाधिकारी के निर्देश पर जगदीशपुर अंचलाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त गया है.

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मुफ्त में खाना मिलता है तो आ जाते हैं
सामुदायिक किचन में खाना खा रहे भागलपुर ईशाकचक के रहने वाले रमेश कुमार दास ने कहा कि वे रिक्शा चला कर जीवन यापन करते हैं. उन्हें यहां चल रहे सामुदायिक किचन के बारे में जानकारी नहीं थी. यहां से खाना खाकर जाने के बाद उसके साथी ने बताया कि फ्री में यहां खाना खिलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण कमाई कम हो रही है, कमाई होगी तभी परिवार चलेगा. इसलिए वे भी यहां मुफ्त में खाना खाने आ जाते हैं.

वहीं, बंटी तापी ने कहा कि जगदीशपुर से 20 किलोमीटर दूर भागलपुर रिक्शा चलाने के लिए वे रोजाना आते हैं. उसी पैसे से घर चलता है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण पैसेंजर कम हो रहा है. जिस कारण वे रुपये बचाने के लिए यहां आ जाते हैं.

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लॉकडाउन के कारण निशक्त, निस्सहाय और अत्यंत ही गरीब लोगों को खाने की परेशानी ना हो, इसके लिए टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में सामुदायिक किचन की शुरुआत की गई है. यहां लोग मुफ्त में आकर खाना खा सकते हैं. जरूरत पड़ने पर इसे और बढ़ाया जाएगा. ग्रामीण स्तर पर भी मॉनिटरिंग की जा रही है. यदि जरूरत पड़ेगी तो वहां पर भी इस प्रकार का किचन शुरू किया जाएगा. - सुब्रत कुमार सेन, जिलाधिकारी

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