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भागलपुर: दिहाड़ी मजदूरों के भोजन के लिए कई जगहों पर लगा राहत शिविर - दल्लू बाबू धर्मशाला

भागलपुर में मजदूरों को जिला प्रशासन 3 वक्त का खाना खिला रहा है. जिला प्रशासन को भूखे और जरूरतमंद लोगों के बारे में जानकारी फोन या अन्य माध्यमों से मिलती है.

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Published : Apr 1, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Apr 2, 2020, 9:39 AM IST

भागलपुर: जिला प्रशासन ने रिक्शा चालक, दिहाड़ी मजदूर और भीख मांगने वाले और कूड़ा बीन कर अपना पेट पालने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई है. इन सभी को रोजना 3 वक्त का भोजन दिया जा रहा है. कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू किया गया है.

इन लोगों के लिए जिले के दल्लू बाबू धर्मशाला में भोजन तैयार किया जाता है. जिसके बाद उसे गाड़ी में रखकर इलाके के अंचल अधिकारी स्वयं वैसे जगहों पर जाकर खाने का वितरण करते हैं, जहां जरूरतमंद और निसाहाय लोग रह रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

जिला प्रशासन ने की खाने की व्यवस्था
दल्लू बाबू धर्मशाला में बन रहे भोजन की गुणवत्ता, स्वाद और साफ-सफाई आदि को स्वयं अंचल अधिकारी जांचते हैं. संतुष्टि होने के बाद ही उसे वितरण करने के लिए ले जाया जाता है. अंचल अधिकारी सोनू कुमार भगत ने बताया कि लॉक डाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर, भीख मांगने वाले, कूड़ा बीनने वाले और रोजना कमा कर खाने वालों को परेशानी हुई है.

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लोगों के लिए खाना ले जाते कर्मचारी

इन लोगों के बारे में जानकारी मिलने पर उनके इलाके में सर्वे किया जाता है. इसके बाद वहां पर खाने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है. जिसमें चावल, दाल और सब्जी दी जाती है.

दर्जन जगहों पर राहत शिविर
रोजना करीबन 200 से 300 लोगों को तीनों वक्त का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला प्रशासन को भूखे और जरूरतमंद लोगों के बारे में जानकारी फोन या अन्य माध्यमों से मिलती है. जिसके बाद इलाके का सर्वे किया जाता है. जिसके बाद वहां जिला प्रशासन भोजन उपलब्ध कराती है. इसके अलावा शहर में करीबन आधे दर्जन जगहों पर राहत शिविर बनाया गया है. जिसमें निशुल्क भोजन और रहने की व्यवस्था की गई है. साथ ही कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए जारी किए गए गाइडलाइंस का भी ख्याल रखा जाता है.

भागलपुर: जिला प्रशासन ने रिक्शा चालक, दिहाड़ी मजदूर और भीख मांगने वाले और कूड़ा बीन कर अपना पेट पालने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई है. इन सभी को रोजना 3 वक्त का भोजन दिया जा रहा है. कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू किया गया है.

इन लोगों के लिए जिले के दल्लू बाबू धर्मशाला में भोजन तैयार किया जाता है. जिसके बाद उसे गाड़ी में रखकर इलाके के अंचल अधिकारी स्वयं वैसे जगहों पर जाकर खाने का वितरण करते हैं, जहां जरूरतमंद और निसाहाय लोग रह रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

जिला प्रशासन ने की खाने की व्यवस्था
दल्लू बाबू धर्मशाला में बन रहे भोजन की गुणवत्ता, स्वाद और साफ-सफाई आदि को स्वयं अंचल अधिकारी जांचते हैं. संतुष्टि होने के बाद ही उसे वितरण करने के लिए ले जाया जाता है. अंचल अधिकारी सोनू कुमार भगत ने बताया कि लॉक डाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर, भीख मांगने वाले, कूड़ा बीनने वाले और रोजना कमा कर खाने वालों को परेशानी हुई है.

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लोगों के लिए खाना ले जाते कर्मचारी

इन लोगों के बारे में जानकारी मिलने पर उनके इलाके में सर्वे किया जाता है. इसके बाद वहां पर खाने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है. जिसमें चावल, दाल और सब्जी दी जाती है.

दर्जन जगहों पर राहत शिविर
रोजना करीबन 200 से 300 लोगों को तीनों वक्त का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला प्रशासन को भूखे और जरूरतमंद लोगों के बारे में जानकारी फोन या अन्य माध्यमों से मिलती है. जिसके बाद इलाके का सर्वे किया जाता है. जिसके बाद वहां जिला प्रशासन भोजन उपलब्ध कराती है. इसके अलावा शहर में करीबन आधे दर्जन जगहों पर राहत शिविर बनाया गया है. जिसमें निशुल्क भोजन और रहने की व्यवस्था की गई है. साथ ही कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए जारी किए गए गाइडलाइंस का भी ख्याल रखा जाता है.

Last Updated : Apr 2, 2020, 9:39 AM IST
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