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भागलपुर: मॉब लिंचिंग मामले में 8 लोगों को आजीवन कारावास, स्पीडी ट्रायल के तहत आया फैसला

बता दें कि 6 जनवरी 2017 को सुबह चोरी के आरोप में उमेश मंडल के पुत्र किशोर मंडल को पीट-पीट कर अधमरा कर गांव के एक बगीचे में फेंक दिया गया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

मॉब लिंचिंग में 8 को आजीवन कारावास
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Published : Nov 19, 2019, 10:37 PM IST

भागलपुर: जिला कोर्ट ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग मामले में 8 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अपर जिला एवं न्यायाधीश प्रथम विनोद कुमार तिवारी की बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर जिला कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई के बाद सजा सुनाई है.

6 जनवरी 2017 की है घटना
मामला जिले के शाहकुंड थाना क्षेत्र के रसुल्ला गांव की है. बता दें कि 6 जनवरी 2017 को सुबह चोरी के आरोप में उमेश मंडल के पुत्र किशोर मंडल को पीट-पीट कर अधमरा कर गांव के एक बगीचे में फेंक दिया गया था. गंभीर स्थिति में किशोर को शाहकुंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. जहां डाक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज भागलपुर रेफर कर दिया. वहीं, इलाज के दौरान किशोर मंडल की मौत हो गई.

8 लोगों को हुई आजीवन कारावास

'धारा 302 और 148 का पाया गया दोषी'
सरकारी वकील काशीनाथ मिश्रा ने बताया कि मामला 6 जनवरी 2017 का है. भीड़ ने 18 वर्षीय लड़के को पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. कोर्ट ने 8 लोगों को धारा 302 और 148 का दोषी पाया है. जिसके तहत अपराधियों को आजीवन कारावास और 20 हजार जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि जुर्माना नहीं देने पर 3 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी.

भागलपुर: जिला कोर्ट ने मंगलवार को मॉब लिंचिंग मामले में 8 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अपर जिला एवं न्यायाधीश प्रथम विनोद कुमार तिवारी की बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर जिला कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई के बाद सजा सुनाई है.

6 जनवरी 2017 की है घटना
मामला जिले के शाहकुंड थाना क्षेत्र के रसुल्ला गांव की है. बता दें कि 6 जनवरी 2017 को सुबह चोरी के आरोप में उमेश मंडल के पुत्र किशोर मंडल को पीट-पीट कर अधमरा कर गांव के एक बगीचे में फेंक दिया गया था. गंभीर स्थिति में किशोर को शाहकुंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. जहां डाक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज भागलपुर रेफर कर दिया. वहीं, इलाज के दौरान किशोर मंडल की मौत हो गई.

8 लोगों को हुई आजीवन कारावास

'धारा 302 और 148 का पाया गया दोषी'
सरकारी वकील काशीनाथ मिश्रा ने बताया कि मामला 6 जनवरी 2017 का है. भीड़ ने 18 वर्षीय लड़के को पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. कोर्ट ने 8 लोगों को धारा 302 और 148 का दोषी पाया है. जिसके तहत अपराधियों को आजीवन कारावास और 20 हजार जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि जुर्माना नहीं देने पर 3 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी.

Intro:भागलपुर जिला कोर्ट ने भीड़ द्वारा हत्या के मामले में 8 लोगों को आजीवन कारावास की सजा मंगलवार को सुनाई है । हाईकोर्ट के आदेश पर जिला कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई करने के बाद यह सजा आज अपर जिला एवं न्यायाधीश प्रथम विनोद कुमार तिवारी की बेंच ने सजा सुनाई है । मामला भागलपुर के शाहकुंड थाना क्षेत्र के रसुल्ला गांव में 18 वर्ष के युवक की हत्या का था । घटना 6 जनवरी 2016 की थी । 6 जनवरी को सुबह चोरी के आरोप में उमेश मंडल के पुत्र किशोर मंडल को पीट-पीट कर अधमरा कर गांव के एक बगीचे में फेंक दिया था । गंभीर स्थिति में किशोर को शाहकुंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था, लेकिन वहां के डाक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज भागलपुर रेफर कर दिया था जहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था ।

9 सितंबर को दोनों पक्षों की ओर से केस में बहस पूरी की गई थी।

इस मामले में नंदकिशोर के पिता उमेश मंडल के बयान पर चंद्रशेखर मंडल, गणेश मंडल ,सुनील मंडल, मृत्युंजय मंडल, पंकज मंडल ,फुचुल मंडल, दीपक मंडल और कार्तिक मंडल को आरोपी बनाया था । पुलिसया जांच में सभी को दोषी पाकर 22 फरवरी 2017 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि सुबह 3 बजे बेटे को पढ़ने के लिए जगह में गए तो बेटा अपने बिस्तर पर नहीं था , घर के बाहर खोजबीन की गई इसी दौरान चंद्रशेखर मंडल के घर की ओर से हल्ला सुनाई पड़ा । उमेश मंडल और उनका बेटा श्यामसुंदर मंडल के साथ मौके पर पहुंचे तो आरोपियों द्वारा बेटे को लाठी डंडे से पीटा जा रहा था । घटना का कारण है पंचायत चुनाव को लेकर आरोपियों से विवाद चल रहा था ।


Body:एडिशनल पीपी काशीनाथ मिश्रा ने बताया कि मामला 6 जनवरी 2017 का है ।जिसमें भीड़ द्वारा 18 वर्षीय एक लड़के की हत्या पीट - पीट कर कर दिया था । जिसमें 8 लोग को दोषी पाया ।धारा 302 और 148 । 302 में आजीवन कारावास और 148 में 1 वर्ष की कारावास । इसके अतिरिक्त 20 हजार जुर्माना भरने की सजा सुनाई है । जुर्माना नहीं देने पर 3 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी ।



Conclusion:visual
byte - काशीनाथ मिश्रा ( एडिशनल पीपी )
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