बेगूसराय: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बेगूसराय में शहीद लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के आजादी पर दिए गए बयान (Controversial Statement Of Kangana Ranaut) पर निशाना साधते हुए कहा कि कंगना से अविलंब अवार्ड वापस ले लेना चाहिए.
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इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कंगना रनौत को पद्मश्री अवार्ड देकर भूल की है. उनका अवार्ड अविलंब वापसी ले लेना चाहिए.
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"ऋषि कुमार की शहादत से मन को तकलीफ पहुंचता है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने देश के लिए शहादत दी है, उससे सीना चौड़ा भी होता है. हम सभी उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. उनके परिवार के लोगों ने राज्य सरकार से कुछ अपेक्षा की है, जिससे संबंधित एक मांग पत्र दी गई है. मुझसे जो कुछ भी बन पाएगा करूंगा."- उपेंद्र कुशवाहा,अध्यक्ष, संसदीय बोर्ड, जदयू
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बेगूसराय के शहीद लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार को पूरा देश नमन कर रहा है. उनकों श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रतनपुर स्थित एक निजी स्कूल के प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेने पहुंचे जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऋषि कुमार की शहादत पर बेगूसराय ही नहीं पूरे देश को गर्व है. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने अभिनेत्री कंगना रनौत पर जमकर निशाना साधा.
दरअसल कंगना रानौत ने 1947 में मिली आजादी (Independence Statement) को भीख में मिली आजादी बताया था और 2014 में असली आजादी की बात कही थी. जिसके बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर है. उपेंन्द कुशवाहा ने राशिद अल्वी और सलमान खुर्शीद के हिन्दूत्व को लेकर बयान पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि आज लोग वोट के लिए कुछ भी बोलते हैं. कोई हिंदू, कोई मुसलमान की बात करता है, जबकि राजनीति में विकास की बात का होनी चाहिए.
"कंगना रनौत इतनी बड़ी हस्ती नहीं है कि जिसपर कोई टिप्पणी की जाए. लेकिन मुझे लगता है कि इनको अवार्ड देने में कहीं न कहीं भारत की सरकार ने भूल की है. उनको दिया गया अवार्ड अविलंब वापस लिया जाना चाहिए. इससे ज्यादा मैं और कोई टिप्पणी नहीं करूंगा."-उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, संसदीय बोर्ड , जदयू
श्रद्धांजलि सभा में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा , केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण सिंह, सीपीआई के पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह समेत विभिन्न राजनीतिक दल के नेता कार्यकर्ता और आम लोग उपस्थित थे.
दरअसल, कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यूह के दौरान भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में सावरकर, लक्ष्मीबाई और नेताजी बोस को याद करते हुए कहा, 'ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए. वे इसे जानते थे. बेशक, उन्हें एक पुरस्कार दिया जाना चाहिए. वह आजादी नहीं थी, वो भिक्षा थी. हमें 2014 में असली आजादी मिली है.