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बेगूसरायः 8 जनवरी को ट्रेड यूनियन का भारत बंद, भाकपा माले समेत 253 संगठनों का समर्थन

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Published : Jan 3, 2020, 1:05 PM IST

किसान महासभा के जिला संयोजक बैजू सिंह ने बंद को समर्थन देने का ऐलान करते हुए कहा कि देश में कृषि व्यवस्था चौपट हो गई है. कृषि उपकरण 10 गुना महंगा हो गया है. लेकिन अब तक मूल्य निर्धारण नहीं किया गया है.

8 जनवरी को ट्रेड यूनियन का भारत बंद
8 जनवरी को ट्रेड यूनियन का भारत बंद

बेगूसरायः जिले में आगामी 8 जनवरी को ट्रेड यूनियन की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया है. इस बंद को जिला भाकपा माले समेत 253 किसान संगठनों ने अपना समर्थन दिया है. बंद को सफल बनाने के लिए किसान नेता और भाकपा माले के नेता गांव-गांव जाकर आम लोगों से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं.

श्रमिकों के अधिकार छीन रही सरकार- भाकपा माले
बंद के बारे में भाकपा माले के नेता दिवाकर सिंह बताते हैं कि बेगूसराय की धरती कम्युनिस्टों का गढ़ रही है. ये आंदोलन की धरती है. वर्तमान समय में सरकार मजदूरों के अधिकारों को छीनकर अपने मित्र अडानी और अंबानी को दे रही है. केंद्र सरकार रेलवे और कई अन्य अहम सेक्टरों का निजीकरण कर रही है. लोगों को रोजगार देने के बजाए, बेरोजगार किया जा रहा है.

बंद का ऐलान करते हुए भाकपा नेता समेत अन्य
बंद का ऐलान करते हुए भाकपा नेता समेत अन्य

'आईसीयू में है देश की अर्थव्यवस्था'
इस बाबत खेत मजदूर सभा के जिला महासचिव चन्द्रदेव वर्मा ने बताया कि इस बंद को समर्थन देने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान समय में केंद्र की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस बंद को सिर्फ जिले से ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों का अपार जनसमर्थन मिलेगा.

8 जनवरी को ट्रेड यूनियन का भारत बंद

कृषि व्यवस्था चौपठ- किसान महासभा
किसान महासभा के जिला संयोजक बैजू सिंह ने बंद को समर्थन देने का ऐलान करते हुए कहा कि देश में कृषि व्यवस्था चौपट हो गई है. कृषि उपकरण 10 गुना महंगा हो गया है. लेकिन अब तक मूल्य निर्धारण नहीं किया गया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस बंद को देश के 253 संगठनों का समर्थन प्राप्त है. किसान नेता ने कहा कि आगामी 8 जनवरी को गांव से लेकर शहर सभी बंद रहेंगे. गांव से किसान सब्जियां, दूध और अन्य सामान को शहरों में विक्रय के लिए नहीं ले जाएंगे.

बेगूसरायः जिले में आगामी 8 जनवरी को ट्रेड यूनियन की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया है. इस बंद को जिला भाकपा माले समेत 253 किसान संगठनों ने अपना समर्थन दिया है. बंद को सफल बनाने के लिए किसान नेता और भाकपा माले के नेता गांव-गांव जाकर आम लोगों से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं.

श्रमिकों के अधिकार छीन रही सरकार- भाकपा माले
बंद के बारे में भाकपा माले के नेता दिवाकर सिंह बताते हैं कि बेगूसराय की धरती कम्युनिस्टों का गढ़ रही है. ये आंदोलन की धरती है. वर्तमान समय में सरकार मजदूरों के अधिकारों को छीनकर अपने मित्र अडानी और अंबानी को दे रही है. केंद्र सरकार रेलवे और कई अन्य अहम सेक्टरों का निजीकरण कर रही है. लोगों को रोजगार देने के बजाए, बेरोजगार किया जा रहा है.

बंद का ऐलान करते हुए भाकपा नेता समेत अन्य
बंद का ऐलान करते हुए भाकपा नेता समेत अन्य

'आईसीयू में है देश की अर्थव्यवस्था'
इस बाबत खेत मजदूर सभा के जिला महासचिव चन्द्रदेव वर्मा ने बताया कि इस बंद को समर्थन देने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान समय में केंद्र की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस बंद को सिर्फ जिले से ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों का अपार जनसमर्थन मिलेगा.

8 जनवरी को ट्रेड यूनियन का भारत बंद

कृषि व्यवस्था चौपठ- किसान महासभा
किसान महासभा के जिला संयोजक बैजू सिंह ने बंद को समर्थन देने का ऐलान करते हुए कहा कि देश में कृषि व्यवस्था चौपट हो गई है. कृषि उपकरण 10 गुना महंगा हो गया है. लेकिन अब तक मूल्य निर्धारण नहीं किया गया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस बंद को देश के 253 संगठनों का समर्थन प्राप्त है. किसान नेता ने कहा कि आगामी 8 जनवरी को गांव से लेकर शहर सभी बंद रहेंगे. गांव से किसान सब्जियां, दूध और अन्य सामान को शहरों में विक्रय के लिए नहीं ले जाएंगे.

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रेडी टू अपलोड
8 जनवरी को ट्रेड यूनियन की बंद को सफल बनाने के लिए भाकपा माले उतरेगा सड़कों पर ।

गांव से लेकर भारत बंद को सफल बनाने के लिए फल सब्जी और दूध नहीं आएगी शहर तक ।

भाकपा माले का आरोप मजदूरों के हक और अधिकार को छीन रही है मोदी सरकार ।

बेगूसराय में आगामी 8 जनवरी को ट्रेड यूनियन की ओर से भारत बंद को सफल बनाने के लिए भाकपा माले ने व्यापक तैयारी की । उस दिन को खास बनाने के लिए जहां प्रचार प्रसार का सहारा लिया जा रहा है वही लगातार गांव में बैठकों का दौर जारी है । इस बंद में 253 किसान संगठनों द्वारा भी बंद का समर्थन करने का दावा किया जा रहा है है। भाकपा माले का आरोप है कि श्रमिकों के अधिकार को छीन कर लोगों को बेरोजगार बना रही है सरकार ।


Body:कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ माने जाने वाला बेगूसराय एक बार फिर ट्रेड यूनियन की बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर नजर आएगा । 8 जनवरी को ट्रेड इंडिया यूनियन की तरफ से आहूत किया गया है । भाकपा माले का कहना है कि मजदूरों के अधिकारों को छीन कर मोदी सरकार अदानी और अंबानी का पेट भरने का काम कर रही है वही रेलवे और निजी सेक्टर की कंपनियों को निजी करण कर लोगों को रोजगार बनाने का काम किया जा रहा है ।
बाइट - दिवाकर सिंह - जिला महासचिब भाकपा माले
भियो - भाकपा माले का दावा है कि देश के बुद्धिजीबी युवा छात्र सहित तमाम तरह के लोग आज सड़कों पर हैं । क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 लोगों को आशु में भेजने का काम किया है । इसलिए लोग आईसीयू से निकालने के लिए सड़कों पर उतरेंगे । इनका यह भी दावा है कि नसीब बेगूसराय बल्कि पूरे हिंदुस्तान में इसकी तैयारी की जा रही है । बेगूसराय में इस बंद को सफल बनाने के लिए प्रचार प्रसार और बैठकों का दौर जारी है । इतना ही नहीं सफल बनाने के लिए नुक्कड़ सभा तक का भी आयोजन किया गया है ।
बाइट- चन्द्रदेव वर्मा - खेत मजदूर सभा के जिला महासचिव ।
भियो - संगठन के लोगों का दावा है कि देश मैं कृषि के सामान जहां 10 गुना महंगा हो गया है वहीं अब तक किसी मूल्य का निर्धारण नहीं किया गया है । यूनियन का दावा है कि अखिल भारतीय किसान सभा के 253 संगठन इस बंद में शामिल होंगे । दवाई अभी किया गया है कि 8 जनवरी को शहर से लेकर पूरा गांव बंद होगा । वही 8 जनवरी को शहर में गांव की सब्जियां दूध और फल नहीं आएंगे ।
बाइट- बैजू सिंह अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला संयोजक


Conclusion:कुल मिलाकर ट्रेड यूनियन की इस बंद को सफल बनाने के लिए भाकपा वाले ने कमर कस ली है और इसके लिए व्यापक तैयारी गांव से लेकर शहर तक की जा रही है । इसके लिए प्रचार प्रसार और नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक करना भाकपा माले का मुख्य उद्देश्य है ताकि अधिक से अधिक लोग सड़कों पर नजर आएं।
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