बेगूसराय: बिहार के एकमात्र नमक सत्याग्रह स्थल गढ़पुरा की उपेक्षा से की अपेक्षा से आहत लोगों ने सत्याग्रह शुरू किया. दरअसल, इस जगह के लिए 71 डिसमिल जमीन अधिग्रहण के लिए सीएम नीतीश कुमार ने साल 2014 में घोषणा की थी. लेकिन बावजूद 6 साल से यह कार्य अधर में लटका हुआ है. जिस वजह से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है.
सीएम नीतीश कुमार ने की थी घोषणा
जिले की ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह स्थल पर 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्मारक निर्माण करने की घोषणा की थी. इस घोषणा के 6 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी प्रशासन की तरफ से अब तक 71 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सका है. जबकि संस्थान पर स्मारक बनाने के लिए राशि का आवंटन भी कर दिया गया है. इन्हीं बातों से आहत नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा समिति के सदस्यों ने सोमवार से बेगूसराय में हड़ताली चौक पर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू कर दिया है.
'2 करोड़ 68 लाख की परियोजना'
सत्याग्रह के पहले दिन सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष एकजुट होकर इसकी अपेक्षा का आरोप लगाया रहे है. वहीं, सत्याग्रह में शामिल लोगों का कहना है कि दांडी की तर्ज पर ही यह स्थान विकसित हो और सत्य ग्रहों की स्ट्रक्चर का निर्माण किया जाए. 22 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नमक सत्याग्रह स्थल आये थे. इसके विकास के लिए 2 करोड़ 68 लाख की योजनाओं का तोहफा दिया था. लेकिन जमीन अधिग्रहण नहीं होने की वजह से यह स्थान डांडी का रूप नहीं ले पाया.