बेगूसराय: राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने धर्मेंद्र प्रधान और राजकुमार सिंह को लिखे पत्र में कहा कि आज जिस दौर से देश गुजर रहा है, उसमें हम सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी प्रेरणा से अपने-अपने स्तरों पर यथासंभव कार्यरत हैं. वर्तमान दौर में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का बरौनी रिफाइनरी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. बिहार के जिस शहर में राज्य का एकलौता रिफाइनरी है, वह राज्य का एकमात्र औद्योगिक नगर है.
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''प्रधानमंत्री की कल्पना इस औद्योगिक शहर का विस्तार कर रही है, 2019 में इसके लिए केंद्र सरकार ने बड़ा पैकेज घोषित किया था, लेकिन चिकित्सा के इंफ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से बेगूसराय क्षेत्र अविकसित है. स्वभाविक है कि संकट के इस दौर में लोगों की अपेक्षा इंडियन ऑयल से है.''- राकेश सिन्हा, राज्यसभा सांसद
'आईओसीएल करें मुश्किल घड़ी में मदद'
उन्होंने कहा कि बेगूसराय में कोरोना का संक्रमण गांवों तक फैल चुका है, लोग निजी अस्पतालों में संक्रमण का इलाज कराने में अक्षम है. इसलिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन उत्तर बिहार के लोगों को राहत देने के लिए 500 बेड का ऑक्सीजन सुविधा से युक्त अस्पताल बनाएं, जिसमें 100 आईसीयू की भी व्यवस्था करें. बेगूसराय क्षेत्र में कोरोना से मृत गरीब परिवार के बच्चों की शिक्षा में मदद करें और एक ऑक्सीजन प्लांट लगाए.
एनटीपीसी से राकेश सिन्हा ने की अपील
संकट का कठिन और चुनौतियों भरा दौर चल रहा है. बिहार में कोरोना के संक्रमण ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. इस क्रम में हर स्तर पर प्रयास हो रहा है. इसे और तेज करने की जरूरत है. बरौनी में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की यूनिट है, इसलिए लोगों की इससे अपेक्षा स्वभाविक है. इस औद्योगिक नगर में कोरोना का संक्रमण काफी अधिक है, संक्रमण गांव तक पहुंच चुका है.
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औद्योगिक शहर की स्थिरता आर्थिक विकास के लिए भी आवश्यक है. इसलिए एनटीपीसी को इस दिशा में अधिक से अधिक सक्रिय होकर आम लोगों की मदद करने का निर्देश दें. एनटीपीसी कम से कम ऑक्सीजन से युक्त 500 बेड का अस्पताल बनाए और इसमें 50 आईसीयू बेड की सुविधा हो. ऐसे अस्पताल की शुरुआत से बेगूसराय ही नहीं बल्कि मुंगेर, खगड़िया और समस्तीपुर जिले के लोगों को भी राहत मिलेगी. ये इसलिए जरूरी है कि कोविड-19 के तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है.