बेगूसराय: बेगूसराय में बुधवार को पटना की घटना के खिलाफ माले का धिक्कार मार्च आयोजित किया गया. इस दौरान माले के नेताओं ने कहा कि नया पुलिस कानून का यह तो एक ट्रेलर है. कल राजधानी की सड़क से लेकर संसद तक के अंदर घटित हुई घटना लोकतंत्र का काला अध्याय है. सरकार और प्रशासन की गुंडागर्दी है. इसके पहले भाकपा माले कार्यालय कमलेश्वरी भवन से एक मार्च निकाला गया, जो समाहरणालय के उत्तरी द्वार पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया.
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महिला विधायक के साथ भी दुर्व्यवहार
सभा को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि विधानसभा के भीतर सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध कर रहे विपक्षी विधायकों के ऊपर भाजपा जदयू और रैपिड एक्शन फोर्स एवं पटना के डीएम एसपी द्वारा जानलेवा हमला करने, महिला विधायक के साथ दुर्व्यवहार, बर्बर पिटाई की घटना संसदीय लोकतंत्र के लिए कलंक है. दिवाकर कुमार ने कहा कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम 2011 में जो आशंकाएं जाहिर की जा रही थी, विधानसभा के अंदर वह देखने को मिल गया.
जब जनता के चुने हुए प्रतिनिधि के साथ सरकार ऐसा व्यवहार कर सकती है, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा जदयू लोकतंत्र की हत्या करके बिहार को फासीवाद शासन की ओर धकेलना चाहती है.
शर्मनाक है घटना
इस अवसर पर खेग्रामस राज्य उपाध्यक्ष चंद्रदेव वर्मा ने कहा कि विधानसभा के अंदर भाकपा माले विधायकों सहित तमाम विपक्षी दलों के विधायकों पर भाजपा जदयू के हमले की पूर्व नियोजित साजिश थी. इनका आरोप था कि इस दौरान महिला विधायक को भी नही बख्शा. जमीन पर घसीटा गया. जो शर्मनाक घटना है. हम इसकी निंदा करते हैं. घटना के दोषी अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हैं.