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बेगूसराय में असरदार रहा वाम दलों का बंद, पूरी तरह ठप रहा यातायात - यातायात ठप्प

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान बिल के विरोध में वाम दलों के साथ साथ अन्य संघ और संगठनों का देश बंद आंदोलन जिले में असरदार रहा.

begusarai
बेगूसराय
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Published : Sep 25, 2020, 6:06 PM IST

बेगूसराय: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान बिल के विरोध में वाम दलों के साथ साथ अन्य संघ और संगठनों का देश बंद आंदोलन जिले में असरदार रहा. इस दौरान जिले के विभिन्न चौक चौराहों पर कार्यकर्ताओं ने एनएच 31 को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. वाम दलों के इस बंद के ऐलान में देश के 256 संगठनों ने हिस्सा लिया.

इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, एआईएसएफ, सीपीआई एमएस, अखिल भारतीय किसान सभा समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया. इस बंद का समर्थन कर रहे विभिन्न संगठनों द्वारा एनएच 31 को जाम किए जाने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प रही. वही गाड़ियों की लंबी कतारें सड़कों पर लग गई. जिससे आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सुबह से ही कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर एनएच 31 को जाम कर दिया. इस दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे.

protest
विरोध करते वाम दल के कार्यकर्ता

किसानों को बर्बाद करने पर तुली सरकार
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान, मजदूर, छात्र , नौजवनो का कहना है कि अच्छे दिन का सपना दिखा कर सत्ता में बैठी केंद्र सरकार पूरी तरीके से कॉर्पोरेट के चंगुल में फंस गई है. उनका कहना है कि इस बिल के कारण किसानों में तबाही मची है. जबकि पूर्व से ही तबाही के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. वहीं अब इस बिल को लाकर सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है. उन्होंने कहा कि जब तक यह बिल वापस नहीं होगा हम लोग चरणबद्ध आंदोलन करते रहेंगे. मोदी की सरकार ने बिना विपक्ष के इस बिल को पास किया है. यह शर्मसार करने वाला है और लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय है.

बेगूसराय: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान बिल के विरोध में वाम दलों के साथ साथ अन्य संघ और संगठनों का देश बंद आंदोलन जिले में असरदार रहा. इस दौरान जिले के विभिन्न चौक चौराहों पर कार्यकर्ताओं ने एनएच 31 को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. वाम दलों के इस बंद के ऐलान में देश के 256 संगठनों ने हिस्सा लिया.

इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, एआईएसएफ, सीपीआई एमएस, अखिल भारतीय किसान सभा समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया. इस बंद का समर्थन कर रहे विभिन्न संगठनों द्वारा एनएच 31 को जाम किए जाने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प रही. वही गाड़ियों की लंबी कतारें सड़कों पर लग गई. जिससे आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सुबह से ही कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर एनएच 31 को जाम कर दिया. इस दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे.

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विरोध करते वाम दल के कार्यकर्ता

किसानों को बर्बाद करने पर तुली सरकार
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान, मजदूर, छात्र , नौजवनो का कहना है कि अच्छे दिन का सपना दिखा कर सत्ता में बैठी केंद्र सरकार पूरी तरीके से कॉर्पोरेट के चंगुल में फंस गई है. उनका कहना है कि इस बिल के कारण किसानों में तबाही मची है. जबकि पूर्व से ही तबाही के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. वहीं अब इस बिल को लाकर सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है. उन्होंने कहा कि जब तक यह बिल वापस नहीं होगा हम लोग चरणबद्ध आंदोलन करते रहेंगे. मोदी की सरकार ने बिना विपक्ष के इस बिल को पास किया है. यह शर्मसार करने वाला है और लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय है.

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