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MDM के चावल चोरी के आरोपी टीचर पहुंचे स्कूल तो ग्रामीणों ने भगाया, 3 महीने से चल रहे सस्पेंड - ईटीवी भारत न्यूज

बेगूसराय में निलंबित प्रधानाध्यापक (Commotion of villagers in Begusarai) संजय कुमार को आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल में योगदान करने नहीं दिया. ग्रामीणों ने जमकर हंगामा भी मचाया. मामला मटिहानी प्रखंड के सफापुर मध्य विद्यालय का है. संजय कुमार पूर्व में मध्य विद्यालय सफापुर के प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे. इनके कार्यकाल में विद्यालय की विधि व्यवस्था खराब रहने चावल चोरी और मध्याह्न भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं में ग्रामीणों ने लापरवाही का आरोप लगाया था. पढ़ें पूरी खबर..

बेगूसराय में ग्रामीणों ने जमकर हंगामा भी मचाया
बेगूसराय में ग्रामीणों ने जमकर हंगामा भी मचाया
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Published : Dec 19, 2022, 7:41 PM IST

बेगूसराय में ग्रामीणों ने जमकर हंगामा भी मचाया

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में आक्रोशित ग्रामीणों ने निलंबित प्रधानाध्यापक (Suspended headmaster chased away in Begusarai) को स्कूल में योगदान करने नहीं दिया. मामला मटिहानी प्रखंड के सफापुर मध्य विद्यालय का है. जहां प्रधानाध्यापक संजय कुमार को 3 माह पूर्व डीएम रोशन कुशवाहा ने जांच के दौरान निलंबित कर दिया था. निलंबन से मुक्त होने के बाद वे सोमवार को विद्यालय में योगदान देने पहुंचे थे. इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल से उन्हे बाहर कर दिया और जमकर हंगामा किया.

ये भी पढ़ें : बेगूसराय में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद की सजा, 50 हजार का अर्थदंड भी

जेल भेजने की देते थे धमकी : ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि इनके कार्यकाल में विद्यालय की व्यवस्था जर्जर हो चुकी थी. इनके द्वारा चापाकल से पानी लेने की भी मनाही थी. इतना ही नहीं शिकायत करने पर यह जेल भेजने और केस करने की धमकी दिया करते थे. इन्हीं सब बातों से नाराज ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी कीमत पर उन्हें यहां योगदान करने नहीं दिया जाएगा.

"ग्रामीणों का कहना था कि संजय कुमार मध्य विद्यालय सफापुर के प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे. इनके कार्यकाल में विद्यालय की व्यवस्था चौपट हो गई थी. इनके कार्यकाल में विद्यालय में मध्याह्न भोजन का चावल भी चोरी कर लिया जाता था. ग्रामीणों ने इनके खिलाफ विभाग में शिकायत भी की थी." -ग्रामीण

"प्रधानाध्यापक की कार्यशैली से ग्रामीण काफी नाराज हैं. संजय कुमार ग्रामीणों को केस करने की धमकी दिया करते थे. कहते थे कि हम सरकारी आदमी है हमारे खिलाफ बोले तो अंजाम बुरा होगा." -ग्रामीण

"इनके समय में स्कूल की हालत काफी खराब थी. जब भी इसकी शिकायत ग्रामीण करते थे तो प्रधानाध्यापक गाली देते थे. इनके रवैय्ये से गांव का हर व्यक्ति परेशान था." -ग्रामीण

"सारे आरोप बेबुनियाद हैं. वह खुद इस विद्यालय में ज्वाइन करना नहीं चाहते थे, लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा इस विद्यालय में उन्हें ज्वाइन करने को कहा गया. विभागीय आदेश के बाद वे विद्यालय में योगदान करने पहुंचे थे. लेकिन उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने उन्हें विद्यालय में योगदान करने नहीं दिया." -संजय कुमार, प्रधानाध्यापक

बेगूसराय में ग्रामीणों ने जमकर हंगामा भी मचाया

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में आक्रोशित ग्रामीणों ने निलंबित प्रधानाध्यापक (Suspended headmaster chased away in Begusarai) को स्कूल में योगदान करने नहीं दिया. मामला मटिहानी प्रखंड के सफापुर मध्य विद्यालय का है. जहां प्रधानाध्यापक संजय कुमार को 3 माह पूर्व डीएम रोशन कुशवाहा ने जांच के दौरान निलंबित कर दिया था. निलंबन से मुक्त होने के बाद वे सोमवार को विद्यालय में योगदान देने पहुंचे थे. इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल से उन्हे बाहर कर दिया और जमकर हंगामा किया.

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जेल भेजने की देते थे धमकी : ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि इनके कार्यकाल में विद्यालय की व्यवस्था जर्जर हो चुकी थी. इनके द्वारा चापाकल से पानी लेने की भी मनाही थी. इतना ही नहीं शिकायत करने पर यह जेल भेजने और केस करने की धमकी दिया करते थे. इन्हीं सब बातों से नाराज ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी कीमत पर उन्हें यहां योगदान करने नहीं दिया जाएगा.

"ग्रामीणों का कहना था कि संजय कुमार मध्य विद्यालय सफापुर के प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे. इनके कार्यकाल में विद्यालय की व्यवस्था चौपट हो गई थी. इनके कार्यकाल में विद्यालय में मध्याह्न भोजन का चावल भी चोरी कर लिया जाता था. ग्रामीणों ने इनके खिलाफ विभाग में शिकायत भी की थी." -ग्रामीण

"प्रधानाध्यापक की कार्यशैली से ग्रामीण काफी नाराज हैं. संजय कुमार ग्रामीणों को केस करने की धमकी दिया करते थे. कहते थे कि हम सरकारी आदमी है हमारे खिलाफ बोले तो अंजाम बुरा होगा." -ग्रामीण

"इनके समय में स्कूल की हालत काफी खराब थी. जब भी इसकी शिकायत ग्रामीण करते थे तो प्रधानाध्यापक गाली देते थे. इनके रवैय्ये से गांव का हर व्यक्ति परेशान था." -ग्रामीण

"सारे आरोप बेबुनियाद हैं. वह खुद इस विद्यालय में ज्वाइन करना नहीं चाहते थे, लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा इस विद्यालय में उन्हें ज्वाइन करने को कहा गया. विभागीय आदेश के बाद वे विद्यालय में योगदान करने पहुंचे थे. लेकिन उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने उन्हें विद्यालय में योगदान करने नहीं दिया." -संजय कुमार, प्रधानाध्यापक

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