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बेगूसराय में रोजगार और दुकान के नाम पर लाखों की ठगी, पीड़ित बोले- पुलिस ठीक से नहीं कर रही है जांच

बेगूसराय जिले में व्यवसाय के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी की गई है. इसको लेकर ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों पर अलग-अलग थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है. पढ़ें पूरी खबर..

लाखों रुपये की ठगी
लाखों रुपये की ठगी
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Published : Jan 29, 2022, 12:38 PM IST

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय जिले में व्यवसाय के नाम पर ठगी का मामला प्रकाश (Fraud in Begusarai From Many Peoples For Business) में आया है. दर्जनों लोगों से जैविक खाद एजेंसी, स्टॉक प्वाइंट सहित कई अन्य रोजगार के लिए 25 लाख से ज्यादा की राशि की ठगी की बात कही जा रही है. ठगी ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी (Green Earth Bio Technology) के नाम पर की गयी है.

ये भी पढ़ें-ये है बिहार का दिमाग: ऐसा अविष्कार जिससे 30 दिनों तक ताजा रहेंगी फल-सब्जियां

मामले में जिले के अलग-अगल थाना क्षेत्रों में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस मामले में सही तरीके से जांच नहीं कर रही है. पीड़ितों के अनुसार ठगी के शिकार कई लोग हुए हैं. जांच पर भरोसा जगे तो कई और पीड़ित सामने आयेंगे.

पीड़ितों के मुताबिक ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी जुड़ें चार युवक सोनू चौहान, दिव्यांश, आरके पाण्डेय और सतीश सिंह ने मिलकर जिले के कई प्रखंडों में कई लोगों से ठगी की है. अब धीरे धीरे पीड़ित थाना में कई लोग मामला दर्ज करवा रहे हैं.

खोदावंदपुर प्रखंड के बाड़ा पंचायत के सरपंच रानी वर्मा के पति रौशन कुमार से सवा सात लाख रुपये की ठगी की गई है. रौशन कुमार ने खोदावंदपुर थाना में मामला दर्ज कराया है. रौशन ने बताया कि ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी कंपनी से जुड़ें चार युवक 21 दिसंबर को उनके घर आये थे. उसमें से एक युवक ने अपना नाम आरके पाण्डेय बताया और कहा कि वह ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी का मैनेजर है.

चारों युवकों ने एजेंसी दिलवाने के नाम पर 9 लाख रुपये की मांग की. बाद में सात लाख रुपए में एजेंसी देने की बात तय हुई. रौशन कुमार ने आगे बताया कि उसने 22 दिसंबर को दो लाख रुपये, 25 दिसंबर को एक लाख रुपये, 30 दिसंबर को दो लाख रुपये और 11 जनवरी को दो लाख 15 हजार रुपया दे दिया गया.

बार-बार संपर्क करने पर ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों की ओर से जल्द जैविक खाद मिलने की बात बताई गयी. 16 जनवरी तक जैविक खाद नहीं पहुंचा. शक होने पर जब बेगूसराय इंडियन बैंक में पता करने गये तो वहां ठगी का मामला सामने आया. मामले में रौशन कुमार के आवेदन पर 19 जनवरी को थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है. रुपये देने के बाद इन युवकों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. इनका मोबाइल नंबर भी ऑफ है.

वहीं चेरिया बरियारपुर के शिक्षिका पति राम सुधारी पासवान ने बताया कि प्रलोभन में आकर मैंने 40 हजार रुपया ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों के दे दिया. ठगी के शिकार होने की जानकारी के बाद 24 जनवरी को इस मामले की लिखित सूचना पुलिस को दे चुके हैं.

ये भी पढ़ें-पद्मभूषण शारदा सिन्हा की मार्मिक अपील का असर, 13 विश्वविद्यालयों के रुके वेतन-पेंशन का फंड जारी

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मामले में जिले के अलग-अगल थाना क्षेत्रों में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस मामले में सही तरीके से जांच नहीं कर रही है. पीड़ितों के अनुसार ठगी के शिकार कई लोग हुए हैं. जांच पर भरोसा जगे तो कई और पीड़ित सामने आयेंगे.

पीड़ितों के मुताबिक ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी जुड़ें चार युवक सोनू चौहान, दिव्यांश, आरके पाण्डेय और सतीश सिंह ने मिलकर जिले के कई प्रखंडों में कई लोगों से ठगी की है. अब धीरे धीरे पीड़ित थाना में कई लोग मामला दर्ज करवा रहे हैं.

खोदावंदपुर प्रखंड के बाड़ा पंचायत के सरपंच रानी वर्मा के पति रौशन कुमार से सवा सात लाख रुपये की ठगी की गई है. रौशन कुमार ने खोदावंदपुर थाना में मामला दर्ज कराया है. रौशन ने बताया कि ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी कंपनी से जुड़ें चार युवक 21 दिसंबर को उनके घर आये थे. उसमें से एक युवक ने अपना नाम आरके पाण्डेय बताया और कहा कि वह ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी का मैनेजर है.

चारों युवकों ने एजेंसी दिलवाने के नाम पर 9 लाख रुपये की मांग की. बाद में सात लाख रुपए में एजेंसी देने की बात तय हुई. रौशन कुमार ने आगे बताया कि उसने 22 दिसंबर को दो लाख रुपये, 25 दिसंबर को एक लाख रुपये, 30 दिसंबर को दो लाख रुपये और 11 जनवरी को दो लाख 15 हजार रुपया दे दिया गया.

बार-बार संपर्क करने पर ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों की ओर से जल्द जैविक खाद मिलने की बात बताई गयी. 16 जनवरी तक जैविक खाद नहीं पहुंचा. शक होने पर जब बेगूसराय इंडियन बैंक में पता करने गये तो वहां ठगी का मामला सामने आया. मामले में रौशन कुमार के आवेदन पर 19 जनवरी को थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है. रुपये देने के बाद इन युवकों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. इनका मोबाइल नंबर भी ऑफ है.

वहीं चेरिया बरियारपुर के शिक्षिका पति राम सुधारी पासवान ने बताया कि प्रलोभन में आकर मैंने 40 हजार रुपया ग्रीन अर्थ बायो टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों के दे दिया. ठगी के शिकार होने की जानकारी के बाद 24 जनवरी को इस मामले की लिखित सूचना पुलिस को दे चुके हैं.

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