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जनता की राय: नशा है अपराध का मूल जड़, शराब की बिक्री रुके तो थम जाएंगे अपराध - बेगूसराय में अपाध

उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 1180 छापेमारी हुई है. 125 केस दर्ज किए गए हैं और 109 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. कुल 15 हजार 990 लीटर अवैध शराब जब्त किए गए हैं.

बेगूसराय
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Published : Nov 21, 2019, 11:35 AM IST

बेगूसराय: जिले में बढ़ते अपराध से आम लोग दहशत में हैं. लूट और हत्या की वारदात तो बहुत आम हो गई है. एक तरफ अपराध नियंत्रण के पुलिस के अपने दावे हैं तो दूसरी तरफ अपराध का बढ़ता ग्राफ पुलिस के दावों पर सवाल उठाता है. वहीं, बुद्धिजीवियों की मानें तो ज्यादातर वारदातों को नशे की हालत में अंजाम दिए जाते हैं. शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लग जाए तो निश्चित रूप से अपराध पर नियंत्रण हो जाएगा.

ये भी पढ़ेंः भागलपुर: बेखौफ अपराधियों ने सरेराह व्यवसाई से 6 लाख रुपये लूटे

'प्रशासन है नाकाम'
बुद्धिजीवियों का मानना है कि रोजगार का घोर अभाव है. दूसरी तरफ लोगों की जरूरतें असीमित है. ऐसे में जब लोग नशे की हालत में होते है तो सही-गलग का फैसला नहीं कर पाते हैं और वारदात को अंजाम दे देते हैं. राज्य में शराबबंदी तो है, लेकिन प्रशासन इसे पूरी तरह से लागू करने में नाकाम रहा है.

बेगूसराय
नशा करते बच्चों की कांसेप्ट इमेज

'200 रुपये की शराब 500 में बिक रही है'
सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल सिंह ने कहा कि पिछले दिनों मैंने खुद पुलिस के एक वरीय अधिकारी को शराब की सूचना दी थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिले के सभी थानेदार शराब के धंधे में शामिल हैं. 200 रुपये की शराब 500 में बिक रही है और लोगों के घर पर उपलब्ध हो जा रहा है. थानेदार को कमीशन दिया जा रहा है. नीचे से उपर तक सभी अधिकारी शराब का पैसा खा रहे हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता और उत्पाद अधीक्षक का बयान

'शराब तस्करों के खिलाफ हो रही है कार्रवाई'
वहीं, उत्पाद अधीक्षक ए के सहाय ने बताया कि शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वित्तीय साल में ज्यादा सफलता मिली है. उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 2700 छापेमारी की गई थी. 289 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें 275 तस्करों की गिरफ्तारी की हुई थी. कुल 14 हजार 642 लीटर शराब जब्त किए गए थे. इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 1180 छापेमारी हुई है. 125 केस दर्ज किए गए हैं और 109 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. कुल 15 हजार 990 लीटर अवैध शराब जब्त किए गए हैं.

बेगूसराय: जिले में बढ़ते अपराध से आम लोग दहशत में हैं. लूट और हत्या की वारदात तो बहुत आम हो गई है. एक तरफ अपराध नियंत्रण के पुलिस के अपने दावे हैं तो दूसरी तरफ अपराध का बढ़ता ग्राफ पुलिस के दावों पर सवाल उठाता है. वहीं, बुद्धिजीवियों की मानें तो ज्यादातर वारदातों को नशे की हालत में अंजाम दिए जाते हैं. शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लग जाए तो निश्चित रूप से अपराध पर नियंत्रण हो जाएगा.

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'प्रशासन है नाकाम'
बुद्धिजीवियों का मानना है कि रोजगार का घोर अभाव है. दूसरी तरफ लोगों की जरूरतें असीमित है. ऐसे में जब लोग नशे की हालत में होते है तो सही-गलग का फैसला नहीं कर पाते हैं और वारदात को अंजाम दे देते हैं. राज्य में शराबबंदी तो है, लेकिन प्रशासन इसे पूरी तरह से लागू करने में नाकाम रहा है.

बेगूसराय
नशा करते बच्चों की कांसेप्ट इमेज

'200 रुपये की शराब 500 में बिक रही है'
सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल सिंह ने कहा कि पिछले दिनों मैंने खुद पुलिस के एक वरीय अधिकारी को शराब की सूचना दी थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिले के सभी थानेदार शराब के धंधे में शामिल हैं. 200 रुपये की शराब 500 में बिक रही है और लोगों के घर पर उपलब्ध हो जा रहा है. थानेदार को कमीशन दिया जा रहा है. नीचे से उपर तक सभी अधिकारी शराब का पैसा खा रहे हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता और उत्पाद अधीक्षक का बयान

'शराब तस्करों के खिलाफ हो रही है कार्रवाई'
वहीं, उत्पाद अधीक्षक ए के सहाय ने बताया कि शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वित्तीय साल में ज्यादा सफलता मिली है. उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 2700 छापेमारी की गई थी. 289 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें 275 तस्करों की गिरफ्तारी की हुई थी. कुल 14 हजार 642 लीटर शराब जब्त किए गए थे. इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 1180 छापेमारी हुई है. 125 केस दर्ज किए गए हैं और 109 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. कुल 15 हजार 990 लीटर अवैध शराब जब्त किए गए हैं.

Intro:एंकर- बेगूसराय में ताबड़तोड़ अपराध से आम लोग दहशत में है ऐसा नहीं है कि पुलिस कार्रवाई नहीं हो रही है लेकिन अपराधिक वारदात थमने का नाम नहीं ले रही है ।प्रबुद्ध लोग अपराध की मूल वजह शराबबंदी के बावजूद भी धड़ल्ले से शराब की बिक्री को मानते हैं ,वहीं विभाग का दावा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अवैध शराब पर ज्यादा कार्रवाई हुई है।


Body:vo- बेगूसराय जिले में लगातार हो रहे अपराधिक वारदातों को रोकने के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है लेकिन अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है जो स्थानीय प्रबुद्ध लोग हैं वह मानते हैं कि जब तक बेगूसराय जिले में शराबबंदी पूरी तरह से लागू नहीं हो जाती तब तक ऐसे ही शराब के नशे में धुत लोगों द्वारा अपराध दर अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया जाता रहेगा। प्रबुद्ध लोगों का मानना है कि बिहार सरकार में डॉक्टर इंजीनियर और वकालत की डिग्री लेकर बैठे लोग सड़क पर धक्के खा रहे हैं वही बिहार में सरकार द्वारा लाई गई शराबबंदी नीति आपराधिक मानसिकता वाले युवकों के लिए संजीवनी साबित हुई और जितने भी इस तरह के के लोग थे वह अवैध शराब के कारोबार में इंगेज हो गए और देखते ही देखते इस अवैध कारोबार के जरिए करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं। दुखद स्थिति तब उत्पन्न हो जाती है जब पुलिस तो कार्रवाई नहीं करती जब स्थानीय लोग शराब की सूचना पुलिस के थाना से लेकर वरीय अधिकारियों को देते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।बीते दिनों बछवाड़ा थाना इलाके के रानी गांव के लोगों ने पुलिस को बार-बार सूचना दिया कि गांव से अवैध शराब की भठ्ठी को नष्ट करें लेकिन जब पुलिस नही गई तो स्थानीय ग्रामीणों ने कानून हाथ में लेते हुए सभी अवैध शराब के भट्ठियों को ध्वस्त कर दिया, और शराब जप्त कर पुलिस को बुलाया।वही सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल सिंह बताते हैं कि उन्होंने पुलिस के एक वरीय अधिकारी को शराब की सूचना दी लेकिन उस पर करवाई नही की गई ।गोपाल सिंह के अनुसार अबैध शराब ही अपराध के मां और बाप है ।
बाइट-गोपाल सिंह,सामाजिक कार्यकर्ता
vo- वही अधिवक्ता अरविंद कुमार यादव बताते हैं कि थाना स्तर पर अपराधियों शराब तस्करों और थाना पुलिस की मिलीभगत के कारण ही बेगूसराय जिले में शराब बंदी कानून फलीभूत नहीं हो पा रहा है क्योंकि अवैध शराब के कारोबार में नीचे से ऊपर तक पैसे का खेल हो रहा है जो अपराध की मूल वजह है जब तक बेगूसराय में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगेगा यहां इसी तरह नशे में धुत होकर अपराधी आपराधिक वारदातों को अंजाम देते रहेंगे।
बाइट-अरविंद यादव,अधिवक्ता
-vo वही कार्रवाई की बात करें तो उत्पाद विभाग के आंकड़ों के अनुसार उत्पाद विभाग ने पिछले पूरे वर्ष में जो कार्रवाई और जप्ती की थी उसके तुलना में इस वर्ष कार्रवाई और जप्ती बीते 10 महीने में पिछले पूरे साल से ज्यादा हुई है।उनके मुताबिक सभी थाना और विभाग के बेहतर तालमेल के कारण जहां से भी सूचना मिलती है त्वरित कार्रवाई की जाती है और विभाग की प्राथमिकता जिले में पूर्ण शराबबंदी लागू करना है।
बाइट-ए के सहाय,उत्पाद अधीक्षक,बेगूसराय


Conclusion:fvo- बहर हाल इतना तय है उत्पाद विभाग और बेगूसराय पुलिस जब तक संयुक्त रणनीति बनाकर शराब के अवैध कारोबार के जड़ों को काटने का दृढ़ संकल्प नहीं लेंगे तब तक इसी तरह बेगूसराय में अवैध शराब के कारोबार का खेल चलता रहेगा और कहीं ना कहीं अवैध शराब के कारोबार के कारण ही लोगों के खून सड़कों पर बिखरे मिलेंगे।
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