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बेगूसरायः रेल हादसे और गैस कांड के विरोध में माले का 'धिक्कार दिवस', बताया सरकार की लापरवाही - Aurangabad train accident

औरंगाबाद ट्रेन हादसा और विशाखापट्टनम गैस कांड के विरोध में भाकपा माले ने शोक और धिक्कार दिवस मनाया. पार्टी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 20-20 लाख रुपए और सरकारी नौकरी की मांग की.

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Published : May 10, 2020, 1:08 PM IST

बेगूसरायः भाकपा माले ने जिला मुख्यालय स्थित पार्टी कार्यालय में औरंगाबाद ट्रेन हादसा और विशाखापट्टनम गैस कांड के विरोध में शनिवार को शोक सभा आयोजित की. इस दिन को पार्टी ने शोक और धिक्कार दिवस के रूप में मनाया. भाकपा माले ने इसे हादसा नहीं हत्या करार दिया है और इसके लिए सरकार को दोषी बताया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने बांह पर काली पट्टी लगाकर विरोध जताया.

20 लाख रुपये और नौकरी की मांग
भाकपा माले नेता चन्द्रदेव वर्मा ने कहा कि दोनों घटना सरकार की बदइंतजामी और लापरवाही का नतीजा है. इसमें मारे गए लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सरकार पूंजीपतियों की कठपुतली बनकर रह गई. गरीब-मजदूरों की इसे कोई परवाह नहीं है.

बेगूसराय
शोक और धिक्कार दिवस में शामिल कार्यकर्ता

दो अलग-अलग हादसे में 28 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद से मध्य प्रदेश लौट रहे 17 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कटकर दर्दनाक मौत हो गई थी. मजदूर लॉकडाउन में काम-धंधा ठप पड़ने के बाद घर जाने के लिए रेलवे ट्रेक पर पैदल चल रहे थे. वहीं, विशाखापट्टनम में एक फैक्ट्री में जहलीरी गैस के रिसाव से 11 लोगों की मौत गई.

बेगूसरायः भाकपा माले ने जिला मुख्यालय स्थित पार्टी कार्यालय में औरंगाबाद ट्रेन हादसा और विशाखापट्टनम गैस कांड के विरोध में शनिवार को शोक सभा आयोजित की. इस दिन को पार्टी ने शोक और धिक्कार दिवस के रूप में मनाया. भाकपा माले ने इसे हादसा नहीं हत्या करार दिया है और इसके लिए सरकार को दोषी बताया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने बांह पर काली पट्टी लगाकर विरोध जताया.

20 लाख रुपये और नौकरी की मांग
भाकपा माले नेता चन्द्रदेव वर्मा ने कहा कि दोनों घटना सरकार की बदइंतजामी और लापरवाही का नतीजा है. इसमें मारे गए लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सरकार पूंजीपतियों की कठपुतली बनकर रह गई. गरीब-मजदूरों की इसे कोई परवाह नहीं है.

बेगूसराय
शोक और धिक्कार दिवस में शामिल कार्यकर्ता

दो अलग-अलग हादसे में 28 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद से मध्य प्रदेश लौट रहे 17 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कटकर दर्दनाक मौत हो गई थी. मजदूर लॉकडाउन में काम-धंधा ठप पड़ने के बाद घर जाने के लिए रेलवे ट्रेक पर पैदल चल रहे थे. वहीं, विशाखापट्टनम में एक फैक्ट्री में जहलीरी गैस के रिसाव से 11 लोगों की मौत गई.

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