बेगूसराय: जिले में कुशल युवा कार्यक्रम के लिए कुल 58 केंद्र बनाए गए हैं. कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी 229 पंचायतों में व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जा रहा है. कार्यक्रम की मॉनिटरिंग जिला अधिकारी स्वयं करते हैं. इस वजह से कुशल युवा प्रोग्राम में बेगूसराय बिहार में प्रथम स्थान पर बीते कई महीने से काबिज है.
इस कार्यक्रम की सफलता की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने इसका रियलिटी चेक किया. निजी प्रशिक्षण संस्थान वीपीएस इंफोसॉल्यूशन के संचालक अमरेंद्र कुमार, कुशल युवा कार्यक्रम का प्रशिक्षण देकर काफी आत्मविश्वास से लबरेज नजर आए. उनके मुताबिक इस प्रोग्राम ने ना सिर्फ उन्हें रोजगार दिया है, बल्कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर सभी युवक-युवती अपने स्वरोजगार के लिए स्वयं सक्षम होंगे. आर्थिक रूप से कमजोर छात्र छात्राओं के लिए यह प्रशिक्षण काफी फलदाई है.
प्रशिक्षकों से मिलता है भरपूर सहयोग
वहां, प्रशिक्षण ले रही छात्रा रिजवाना ने बताया कि वह 15 जुलाई से प्रशिक्षण लेने आ रही है. वह अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अपने पैर पर खड़ा होने के लिए यह प्रशिक्षण ले रही है. ट्रेनरों की ओर से काफी सहयोग किया जाता है. छात्र अभिषेक ने बताया कि उनकी माता पिता की मौत हो चुकी है. मौसी का वृद्धावस्था पेंशन ही एक मात्र जरिया है जिससे वो पढ़ाई कर रहा है. अब इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर उसे उम्मीद है वो अपने पैरों पर खड़ा हो पायेगा.
ये कार्यक्रम पूरी तरह से नि:शुल्क
डीआरसीसी की प्रबंधक सुनिरा प्रसाद के मुताबिक जो बच्चे प्रशिक्षण लेने आते हैं और जब प्रशिक्षण पूरा होता है तो दोनों में काफी बदलाव देखा जाता है. ज्यादातर पंचायत स्तर के बच्चे-बच्चियां पैसों की अभाव में कंप्यूटर का प्रशिक्षण नहीं ले पाते हैं. यह कार्यक्रम पूरी तरह से निशुल्क है इसलिए लड़के और लड़कियां बढ़-चढ़कर इसका लाभ ले रहे हैं. प्रशिक्षण के बाद न सिर्फ उन्हें कंप्यूटर की जानकारी होती है बल्कि उनका आत्मबल भी काफी मजबूत हो जाता है. आत्मबल मजबूत होने के बाद बच्चे अच्छे से इंटरव्यू फेस कर रहे हैं और देश के अन्य राज्यों के बच्चों की तुलना में अच्छा परफॉर्मेंस दे रहे हैं.
240 घंटे की दी जाती है ट्रेनिंग
कुशल युवा प्रोग्राम सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. इस कार्यक्रम में बेगूसराय पूरे बिहार में नंबर एक पायदान पर काबिज है. यह योजना बिहार में 2 अक्टूबर 2016 से शुरू की गई थी. बिहार के बेगूसराय में अभी तक 29303 युवाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है. वहीं 4000 से ज्यादा युवा अभी भी प्रशिक्षणरत हैं. इस योजना के लिए 39426 अभ्यर्थियों ने जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में रजिस्ट्रेशन कराया है. प्रशिक्षण के लिए तीन चरण बनाए गए हैं. इसमें 240 घंटे की ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें 120 घंटे की ट्रेनिंग कंप्यूटर के लिए दी जाती है.
कुशल युवा कार्यक्रम के लिए बनाए गए 58 केंद्र
80 घंटे की ट्रेनिंग में कम्युनिकेशन स्किल सिखाया जाता है जिसमें इंग्लिश और हिंदी कम्युनिकेशन शामिल है. 40 घंटे में सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग दी जाती है और बच्चों का व्यवहार कुशल बनाया जाता है. इसके बाद वह इंटरव्यू वगैरह के लिए तैयार हो जाते हैं. तमाम ट्रेनिंग प्रशिक्षित ट्रेनरों द्वारा दी जाती है. बेगूसराय जिले में कुशल युवा कार्यक्रम के लिए 58 केंद्र बनाए गए हैं जिसमें 18 प्रखंड के लिए ब्लॉक स्किल डेवलपमेंट सेंटर प्रखंड कार्यालयों में स्थापित किए गए हैं. वहीं 40 ऐसे सेंटर बनाए गए हैं जो स्किल डेवलपमेंट के लिए निजी एजेंसियों के माध्यम से संचालित की जा रही हैं. इसकी मॉनिटरिंग बिहार युवा कौशल विभाग करता है.
जिले के डीएम करते हैं प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग
बेहतरीन ट्रेनिंग दिये जाने के फलस्वरूप बच्चे अच्छे संस्थानों में प्लेसमेंट पा रहे हैं. हर महीने इनकी प्रगति की समीक्षा की जाती है. खास करके इस प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग बेगूसराय के डीएम खुद करते हैं. बिहार के अन्य जिलों की तुलना में बेगूसराय में यह कार्यक्रम काफी सफल साबित हुआ है. यही वजह है कि बिहार में बेगूसराय को प्रथम स्थान भी प्राप्त है. इस योजना का लाभ लेने के मामले में लड़कों की तुलना में लड़कियां काफी अच्छा प्रदर्शन प्रदर्शन कर रही हैं. वैसे तो प्रतिशत के आधार पर 40 से 45% ही लड़कियां युवा प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हैं लेकिन जो उनका सक्सेस रेश्यो है उसकी तुलना में लड़के काफी पीछे रह जाते हैं.
ऑनलाइन ट्रेनिंग की व्यवस्था
सरकार और युवा कौशल विभाग की सोच है कि लड़कियां इसमें ज्यादा से ज्यादा जुड़े और अपने पैरों पर खड़ी हो सके. कोई भी ऐसी लड़की बेगूसराय में ना बचे जिसने कंप्यूटर का प्रशिक्षण न लिया हो. इस कार्यक्रम में वैसे कोचिंग संस्थान जो प्रोग्राम को संचालित कर रहे हैं उन्हें प्रति अभ्यर्थी लगभग ₹8000 अनुदान के रूप में दिए जा रहे हैं. इसमें बच्चों को सारी सुविधाएं उपलब्ध करानी होती है. चूंकि ऑनलाइन ट्रेनिंग की व्यवस्था है इसलिए सारी जवाबदेही संस्थान की होती है.
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र बेगूसराय में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना भी लागू किया गया है. इसका लाभ वैसे युवक युवतियां ले सकती हैं जो आर्थिक कमजोरी के कारण उच्य शिक्षा से महरूम रह जाती हैं. इसमें मैट्रिक के बाद डिप्लोमा का कोर्स है और प्लस टू के बाद सभी ऐसे कोर्स शामिल किए गए हैं जिसे बच्चे पढ़ना चाहते हैं. इसमें कुल 42 कोर्स शामिल किए गए हैं जिसके लिए चार लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है ताकि उनकी पढ़ाई जारी रहे.
2202 छात्रों को मिला लाभ
इस पैकेज में पढ़ाई लिखाई के साथ लिविंग एक्सपेंस, किताब-कॉपी और ट्यूशन फी भी शामिल है. बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 3774 छात्रों का पंजीयन किया गया है जिसमें 2202 को इसका लाभ दिया गया है. इसके लिए 20 करोड़ 96 लाख रुपये सरकार ने खर्च किए हैं. यह सभी बच्चे संबंधित संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं.
स्वयं सहायता भत्ता योजना
यह योजना वैसे छात्र-छात्राओं के लिए है जो 12वीं तक की पढ़ाई के बाद आर्थिक कमजोरी के कारण आगे नहीं पढ़ पाए. ऐसे अभ्यर्थियों को सरकार 2 साल तक स्वरोजगार के लिए 1000 प्रति माह के हिसाब से भुगतान करती है. इसके लिए 9616 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें 6593 लोगों को इसका लाभ दिया गया है. इसके लिए सरकार ने 6 करोड़ 93 लाख रुपए खर्च किए हैं. इस योजना को लागू करने का उद्देश्य वैसे युवाओं को आगे बढ़ाना है जिन्होंने इंटरमीडिएट या प्लस टू की पढ़ाई के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी.