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धार्मिक झंडे को लाल किले पर फहराने के खिलाफ ABVP, निकाला आक्रोश मार्च

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने 26 जनवरी को दिल्ली में हुए आंदोलन के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया गया है.

आक्रोश मार्च निकालते हुए लोग
आक्रोश मार्च निकालते हुए लोग
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Published : Jan 29, 2021, 6:29 AM IST

बेगूसराय: 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के नाम पर दिल्ली और इसके आस-पास के इलाके में तिरंगे का अपमान और धार्मिक झंडे को लाल किले पर फहराने की घटना को लेकर लोगों के अंदर आक्रोश भरा हुआ है. इसी क्रम में जिले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला.

आंदोलन में घुसे थे भारत विरोधी तत्व
इस मौके पर पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजित चौधरी ने कहा कि जिस राष्ट्रीय ध्वज को प्राप्त करने के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान की आहुति दी है, उसे अपमानित करते हुए खालिस्तानीयों को थोड़ी भी शर्म नहीं आई. किसानों के वेश में आंदोलन में भारत विरोधी तत्व घुसे हुए थे. जिसने गणतंत्र दिवस के दिन भारतीय ध्वज को अपमानित करने का कुत्सित प्रयास किया और सफल भी हुए.

इसे भी पढ़ें: तेजस्वी ने NDA सरकार को घेरा, कहा- क्यों नहीं हुई लाल किले पर झंडा फहराने वाले की गिरफ्तारी?
लाखों भारतीय ने कटाया सिर
इस मौके पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सोनू सरकार और नगर मंत्री पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि 300 वर्षों के संघर्ष के परिणाम स्वरूप इस राष्ट्रीय ध्वज को प्राप्त किया गया है. राष्ट्रध्वज के गर्व को ऊंचा रखने के लिए लाखों भारतीयों ने अपना सिर कटा दिया. लेकिन इसे झुकने नहीं दिया. अब अन्नदाताओं के नाम पर वामपंथी और कांग्रेसी अराजकतता फैलाने का काम कर रहे हैं.

बेगूसराय: 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के नाम पर दिल्ली और इसके आस-पास के इलाके में तिरंगे का अपमान और धार्मिक झंडे को लाल किले पर फहराने की घटना को लेकर लोगों के अंदर आक्रोश भरा हुआ है. इसी क्रम में जिले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला.

आंदोलन में घुसे थे भारत विरोधी तत्व
इस मौके पर पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजित चौधरी ने कहा कि जिस राष्ट्रीय ध्वज को प्राप्त करने के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान की आहुति दी है, उसे अपमानित करते हुए खालिस्तानीयों को थोड़ी भी शर्म नहीं आई. किसानों के वेश में आंदोलन में भारत विरोधी तत्व घुसे हुए थे. जिसने गणतंत्र दिवस के दिन भारतीय ध्वज को अपमानित करने का कुत्सित प्रयास किया और सफल भी हुए.

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