बेगूसराय: श्रम कानून में हुए संशोधन के विरोध में ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू) कार्यकर्ताओं ने जिले में दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने नए श्रम कानून के आदेश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही नए आदेश की प्रतियां को भी जलाया.
सीपीएम कार्यालय में आयोजित इस धरना कार्यक्रम में एआईसीसीटीयू नेताओं ने मोदी सरकार पर मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाते हुए बिहार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा को बर्खास्त करने की भी मांग की. जानकारी के मुताबिक कई राज्य सरकारों की ओर से श्रम कानून को 3 साल तक स्थगित किए जाने पर नेताओं ने अपनी गहरी प्रतिक्रिया व्यक्त की. इस प्रदर्शन में नेताओं ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर पूंजीपति परस्त और पूंजीपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाया.
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन कर रहे नेताओं का आरोप था कि लोगों का आरोप था कि मजदूरों की शहादत से श्रम कानून को खत्म करना कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों की तिजोरी भरने के लिए इस तरह का काम कर रही है. ऐसे में वे श्रम कानून को स्थगित करने का विरोध और घोर निंदा करते हैं. नेताओं ने ये भी कहा कि कोरोना महामारी के बहाने मोदी सरकार मजदूरों का हक छीनने का काम कर रही है, जिसके विरोध में वे 2 दिनों तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार ने श्रम कानून को वापस नहीं लिया तो देशभर में आंदोलन किया जाएगा.