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बांका: कटोरिया के कड़वामारण में बूथ पर सन्नाटा, नाराज 250 लोग नहीं पहुंचे मतदान केंद्र - विधानसभा चुनाव की तैयारी

बांका के कड़वामारण नदी पर पुल और सड़क निर्माण की मांग को लेकर वोटर्स मतदान के दिन भी वोट बहिष्कार के निर्णय पर अड़े हुए हैं. जिसकी वजह से मतदाताओं की संख्या में कमी दिख रही है.

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Published : Oct 28, 2020, 2:06 PM IST

बांका(कटोरिया): जिले के कटोरिया प्रखंड अंतर्गत घोरमारा पंचायत के कड़वामारण गांव के मतदाता वोट बहिष्कार के निर्णय पर अड़े हैं. जिसकी वजह से बूथ पर सन्नाटा पसरा है. अलग-अलग गांव के लगभग 250 मतदाता आम दिनों की तरह अपने गृह कार्य में व्यस्त दिखे. कड़वामारण और लीलावरण नदी में पुल और सड़क निर्माण की मांग को लेकर लीलावरण बूथ संख्या 58 के पांच गांवों के मतदाताओं ने सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार का ऐलान किया है.

लीलावरण बूथ पर देर से शुरू हुआ मतदान
वोट बहिष्कार का निर्णय लेने वालों में कड़वामारण के अलावा तरगच्छा, नीमावरण, लीलावरण और धोबनी गांव के मतदाता शामिल थे. लेकिन बुधवार को अधिकारियों के समझाने बुझाने पर अन्य गांव के मतदाता तो लीलावरण बूथ पर मतदान करने पहुंचे. लेकिन कड़वामारण गांव के मतदाता अपनी जिद पर अड़े रहे. मतदाताओं के देर से पहुंचने के कारण लीलावरण बूथ संख्या 58 पर मतदान का कार्य हुई देर से शुरू हुआ.

8 सालों से अधूरा है पुल निर्माण का कार्य
जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण कड़वामारण और लीलावरण नदी में लगभग 8 सालों से पुल निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिससे सालों भर ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जनहित से जुड़ी इस समस्या को सुलझाने के प्रति अधिकारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं की उदासीनता के कारण लोगों का आक्रोश मतदान के दिन भी ठंडा नहीं पड़ा.

बांका(कटोरिया): जिले के कटोरिया प्रखंड अंतर्गत घोरमारा पंचायत के कड़वामारण गांव के मतदाता वोट बहिष्कार के निर्णय पर अड़े हैं. जिसकी वजह से बूथ पर सन्नाटा पसरा है. अलग-अलग गांव के लगभग 250 मतदाता आम दिनों की तरह अपने गृह कार्य में व्यस्त दिखे. कड़वामारण और लीलावरण नदी में पुल और सड़क निर्माण की मांग को लेकर लीलावरण बूथ संख्या 58 के पांच गांवों के मतदाताओं ने सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार का ऐलान किया है.

लीलावरण बूथ पर देर से शुरू हुआ मतदान
वोट बहिष्कार का निर्णय लेने वालों में कड़वामारण के अलावा तरगच्छा, नीमावरण, लीलावरण और धोबनी गांव के मतदाता शामिल थे. लेकिन बुधवार को अधिकारियों के समझाने बुझाने पर अन्य गांव के मतदाता तो लीलावरण बूथ पर मतदान करने पहुंचे. लेकिन कड़वामारण गांव के मतदाता अपनी जिद पर अड़े रहे. मतदाताओं के देर से पहुंचने के कारण लीलावरण बूथ संख्या 58 पर मतदान का कार्य हुई देर से शुरू हुआ.

8 सालों से अधूरा है पुल निर्माण का कार्य
जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण कड़वामारण और लीलावरण नदी में लगभग 8 सालों से पुल निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिससे सालों भर ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जनहित से जुड़ी इस समस्या को सुलझाने के प्रति अधिकारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं की उदासीनता के कारण लोगों का आक्रोश मतदान के दिन भी ठंडा नहीं पड़ा.

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