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बिहार के इस शिक्षक ने बदली सरकारी स्कूल की सूरत, राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान - ऐसे होता है शिक्षकों का चयन

प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन को काफी लोग बधाई दे चुके हैं. जिसमें मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, डीएम डीईओ सहित शिक्षक और उनके शुभचिंतक शामिल हैं.

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शिक्षक ने बदली सरकारी स्कूल की सूरत
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Published : Dec 29, 2019, 6:46 AM IST

बांका: बिहार के बांका जिले के लिए साल 2019 काफी अहम रहा. यहां के प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया के लिए ये साल स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा. और इसका श्रेय इस विद्यालय के शिक्षक पप्पू हरिजन को जाता है. दरअसल इन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हाथों 'नेशनल टीचर अवार्ड' हासिल कर बांका की शिक्षा व्यवस्था में चार चांद लगा दिए हैं.

इसलिए मिला सम्मान
बिहार के बच्चों को इंजिनियर और डॉक्टर बनाने का सपना देखने वाले पप्पू हरिजन को ये सम्मान उनके कामों को देखते हुए दिया गया है. पप्पू ने प्रोन्नत मध्य विद्यालय में संसाधनों की कमी के बावजूद खुद के पैसों से लैपटाप और एलईडी टीवी खरीद कर स्मार्ट क्लासेस की नींव रखी. इसके माध्यम से बच्चे ऑडियो और वीडियो के माध्यम से पढ़ाई करते हैं. यह सिलसिला अभी भी जारी है. स्कूल के बच्चे भी अपने टीचर को सम्मानित किए जाने के बाद से खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ शिक्षक

5 सितंबर को राष्ट्रपति ने किया था सम्मानित
शिक्षक पप्पू हरिजन ने बताया कि 5 सितंबर को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित होटल अशोका में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साल 2018 के लिए 'नेशनल टीचर अवार्ड' से उनको सम्मानित किया था. साथ ही पचास हजार नकद राशि के अलावा सिल्वर मेडल भी प्रदान किया था. उन्होंने बताया कि सम्मान मिलने के बाद से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्हें अभी तक काफी लोग बधाई दे चुके हैं. जिसमें सीएम नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा, डीएम डीईओ सहित शिक्षक और उनके शुभचिंतक शामिल हैं.

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प्रोन्नत मध्य विद्यालय, कुलड़िया

बिहार से चुने गए थे 6 शिक्षक
शिक्षक पप्पू हरिजन ने बताया कि इस बार बिहार से राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ग्रहण करने के लिए 6 शिक्षकों का चयन हुआ था. सभी शिक्षकों की सूची दिल्ली में जूरी की टीम को भेजी गई. जूरी की टीम के जरिए 6 में से मात्र एक शिक्षक का चयन किया गया. जिसमें पप्पू हरिजन का नाम शामिल था.

पेश है रिपोर्ट

नेशनल टीचर अवार्ड के लिए ऐसे होता है शिक्षकों का चयन
शिक्षक पप्पू हरिजन ने बताया कि 'नेशनल टीचर अवार्ड' के लिए जिला स्तर पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. आवेदन में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा भी मांगा जाता है. तीन सदस्यीय टीम जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग करती है. जिसमें डीएम, डीईओ और डाइट कॉलेज के प्राचार्य शामिल होते हैं. जिला स्तर पर शिक्षक अभ्यर्थियों के आवेदन प्राप्त होने के बाद चयन प्रक्रिया शुरू की जाती है. चयनित प्रतिभागी को राज्य स्तर पर भेजा जाता है और राज्य स्तर पर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जूरी की टीम के पास दिल्ली भेजा जाता है. जूरी टीम के सदस्यों के जरिए पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन अंतिम रूप से किया जाता है. पूरी प्रक्रिया के बाद 5 सितंबर यानि शिक्षक दिवस के दिन चयनित शिक्षकों को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया जाता है.

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स्कूल परिसर में पढ़ते बच्चे

12 साल का सूखा समाप्त
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन 12 साल के सूखे को समाप्त किया. 12 साल बाद बांका के किसी शिक्षक को राष्ट्रपति के हाथों 'नेशनल टीचर अवार्ड' मिला है. इससे पहले 2007 में जिले के कैथाटीकर मदरसा के हेड मौलवी इब्नुल हसन को राष्ट्रपति से सम्मान मिला था. हालांकि वे अब नहीं रहे. इब्नुल हसन से पहले मोहनपुर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक सुबोध नारायण सिंह को भी यह सम्मान मिल चुका है.

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स्मार्ट क्लास में पढ़ते बच्चे

असामाजिक तत्वों का रहता था जमावड़ा
ग्रामीणों के मुताबिक पप्पू हरिजन के प्रधानाध्यापक बनने के पहले स्कूल में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था. यहां तक कि स्कूल में मवेशी भी बांधे जाते थे. स्कूल में मात्र तीन कमरे थे और दीवारें टूटी हुई थीं. स्कूल में मेन गेट भी नहीं लगा था. स्कूल की पहचान आपराधिक प्रवृत्ति वाले गांव के तौर पर होती थी. गांव में पढ़ाई का माहौल भी पूरी तरह से चौपट था. स्कूल रहते हुए भी बच्चे पढ़ाई से कोसों दूर थे.

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जानकारी देते शिक्षक मनोज कुमार

प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन की उपलब्धियां

  • 2016 में बेहतर एमडीएम संचालन के लिए पुरस्कृत हुए.
  • 2017 में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित हुए.
  • 2019 में 2018 के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मानित हुए.
  • 2019 में श्री अरविंदो सोसायटी की ओर से टीचर्स इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित हुए.
  • 2019 में दुबई और सिंगापुर से सम्मान ग्रहण करने के लिए आमंत्रण पत्र मिला.
  • 2019 में मुंबई सहित अन्य स्थानों के एनजीओ के जरिए सम्मान ग्रहण करने के लिए आमंत्रण पत्र मिला.
  • 2019 में राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ग्रहण करने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने घर पर आकर बधाई दी.
  • 2019 में राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किए जाने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद शर्मा ने बधाई दी.
  • 2019 में बिहार सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने 30 हजरा नकद पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
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    अभिषेक कुमार छात्र

स्कूल आने से कतराते थे शिक्षक
इस गांव में असामाजिक तत्वों का बोलबाला इस कदर सर चढ़कर बोल रहा था कि शिक्षक प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में आने से कतराते थे. यह सिलसिला नवंबर 2012 के अंत तक चलता रहा. इस चुनौती को पप्पू हरिजन ने स्वीकार किया और दिसंबर 2012 में प्रधानाचार्य के तौर पर पदभार ग्रहण किया. उनके सामने कई समस्याएं थीं. इससे निपटना भी उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. लेकिन उन्होंने इस परिस्थिति में भी अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया.

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नूतन देवी, अभिभाविका

2013 से बही परिवर्तन की बयार
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में योगदान देने के बाद पहले चारदीवारी का निर्माण कराकर असामाजिक तत्वों को आने से रोका. स्कूल में कमरों की कमी थी. तीन कमरे में एक से आठ कक्षा तक के 298 बच्चे नामांकित थे. शुरुआती दौर में महज 50 से 60 बच्चे ही स्कूल आते थे. 6 महीने के अथक प्रयास के बाद पप्पू हरिजन को कुछ ग्रामीणों का सहयोग मिला. उन्होंने स्कूल में कमरों का निर्माण करवाया. इसमें स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने श्रमदान दिया. इसके बाद स्कूल में पठन-पाठन का माहौल बना तो बच्चे भी स्कूल आने लगे.

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सुमन दास, अभिभावक

स्मार्ट क्लास का होता है संचालन
प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया के छात्रा अभिषेक कुमार और मनीषा कुमारी ने बताया कि प्रधानाचार्य के अथक प्रयास के बाद स्कूल में स्मार्ट क्लास का संचालन शुरू हो पाया. बता दें कि यह जिले का एकमात्र पहली से आठवीं कक्षा तक का स्कूल है, जहां स्मार्ट क्लास का संचालन होता है. इस क्लास में बच्चों को देश-दुनिया की खबरों के साथ-साथ ऑडियो और वीडियो के जरिए पढ़ाया जाता है. बच्चों ने बताया कि हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रधानाचार्य को राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिला.

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पप्पू हरिजन, प्रधानाचार्य

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से चलता है क्लास
स्कूली बच्चों ने बताया कि प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में ना सिर्फ अच्छी पढ़ाई होती है. इससे हटकर स्कूल में नवोदय विद्यालय और सिमुलतला आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी अलग से तैयारी करवाई जाती है. साथ ही पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए रिमेडियल क्लासेस अलग से चलाई जाती हैं.

कार्यकुशलता से प्रभावित हैं अभिभावक
कुलड़िया के ग्रामीणों से लेकर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे तक इनके बेहतर कार्यप्रणाली और प्रबंधन से प्रभावित हैं. अभिभावक सुमन दास ने बताया कि स्कूल में पहले कुछ नहीं था. प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन स्कूल आए तो यहां का माहौल ही बदल गया. उन्होंने शौचालय का निर्माण करवाया और स्कूलों में पेड़-पौधे लगाकर स्कूल को सुसज्जित किया. नूतन देवी ने बताया कि पहले स्कूल में पढ़ाई नहीं होती थी. प्रधानाचार्य ने अपनी कार्य दक्षता से स्कूल में पढ़ाई का माहौल बनाया.

स्कूल के शिक्षक भी कार्य से हैं प्रभावित
शिक्षक राजीव कुमार रंजन ने बताया कि वे विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए हमेशा नए प्रयास करते रहते हैं. उन्होंने बताया कि उनके योगदान देने के बाद स्कूल पूरी तरह से बदल चुका है. शिक्षक मनोज कुमार बताते हैं कि स्कूल में पहले संसाधनों का घोर अभाव था. इनके आने के बाद परिस्थितियां बदल चुकी है. शिक्षिका सुरभि रानी ने बताया कि हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे प्रधानाध्यापक पप्पू हरिजन को राष्ट्रपति के हाथों नेशनल टीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उनका मैनेजमेंट शानदार रहता है. उनका हर काम हमेशा अपडेट रहता है.

समाज के वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ा
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि स्कूल से ड्रॉपआउट बच्चों को खासकर समाज से वंचित वर्ग के बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए मुहीम चलाई, जिसमें सफलता भी मिली. वर्तमान में 510 बच्चे स्कूल में नामांकित है. पप्पू हरिजन अपनी कार्यकुशलता से प्रोन्नत मध्य विद्यालय को जिले के मॉडल स्कूल में परिणत कर दिया. उन्होंने बताया कि बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए स्वच्छता भी जरूरी है. इसलिए मुखिया और ग्रामीणों के सहयोग से स्वच्छता अभियान भी चलाया. स्वच्छता अभियान के तहत स्कूल को फूलों की क्यारियों से सजाया गया. बेहतर शौचालय और किचन शेड के साथ-साथ बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था मुकम्मल की गई. दिव्यांग बच्चों के लिए रैंप और उनके अनुकूल शौचालय का भी निर्माण कराया गया

बांका: बिहार के बांका जिले के लिए साल 2019 काफी अहम रहा. यहां के प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया के लिए ये साल स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा. और इसका श्रेय इस विद्यालय के शिक्षक पप्पू हरिजन को जाता है. दरअसल इन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हाथों 'नेशनल टीचर अवार्ड' हासिल कर बांका की शिक्षा व्यवस्था में चार चांद लगा दिए हैं.

इसलिए मिला सम्मान
बिहार के बच्चों को इंजिनियर और डॉक्टर बनाने का सपना देखने वाले पप्पू हरिजन को ये सम्मान उनके कामों को देखते हुए दिया गया है. पप्पू ने प्रोन्नत मध्य विद्यालय में संसाधनों की कमी के बावजूद खुद के पैसों से लैपटाप और एलईडी टीवी खरीद कर स्मार्ट क्लासेस की नींव रखी. इसके माध्यम से बच्चे ऑडियो और वीडियो के माध्यम से पढ़ाई करते हैं. यह सिलसिला अभी भी जारी है. स्कूल के बच्चे भी अपने टीचर को सम्मानित किए जाने के बाद से खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ शिक्षक

5 सितंबर को राष्ट्रपति ने किया था सम्मानित
शिक्षक पप्पू हरिजन ने बताया कि 5 सितंबर को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित होटल अशोका में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साल 2018 के लिए 'नेशनल टीचर अवार्ड' से उनको सम्मानित किया था. साथ ही पचास हजार नकद राशि के अलावा सिल्वर मेडल भी प्रदान किया था. उन्होंने बताया कि सम्मान मिलने के बाद से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्हें अभी तक काफी लोग बधाई दे चुके हैं. जिसमें सीएम नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा, डीएम डीईओ सहित शिक्षक और उनके शुभचिंतक शामिल हैं.

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प्रोन्नत मध्य विद्यालय, कुलड़िया

बिहार से चुने गए थे 6 शिक्षक
शिक्षक पप्पू हरिजन ने बताया कि इस बार बिहार से राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ग्रहण करने के लिए 6 शिक्षकों का चयन हुआ था. सभी शिक्षकों की सूची दिल्ली में जूरी की टीम को भेजी गई. जूरी की टीम के जरिए 6 में से मात्र एक शिक्षक का चयन किया गया. जिसमें पप्पू हरिजन का नाम शामिल था.

पेश है रिपोर्ट

नेशनल टीचर अवार्ड के लिए ऐसे होता है शिक्षकों का चयन
शिक्षक पप्पू हरिजन ने बताया कि 'नेशनल टीचर अवार्ड' के लिए जिला स्तर पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. आवेदन में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा भी मांगा जाता है. तीन सदस्यीय टीम जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग करती है. जिसमें डीएम, डीईओ और डाइट कॉलेज के प्राचार्य शामिल होते हैं. जिला स्तर पर शिक्षक अभ्यर्थियों के आवेदन प्राप्त होने के बाद चयन प्रक्रिया शुरू की जाती है. चयनित प्रतिभागी को राज्य स्तर पर भेजा जाता है और राज्य स्तर पर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जूरी की टीम के पास दिल्ली भेजा जाता है. जूरी टीम के सदस्यों के जरिए पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन अंतिम रूप से किया जाता है. पूरी प्रक्रिया के बाद 5 सितंबर यानि शिक्षक दिवस के दिन चयनित शिक्षकों को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया जाता है.

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स्कूल परिसर में पढ़ते बच्चे

12 साल का सूखा समाप्त
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन 12 साल के सूखे को समाप्त किया. 12 साल बाद बांका के किसी शिक्षक को राष्ट्रपति के हाथों 'नेशनल टीचर अवार्ड' मिला है. इससे पहले 2007 में जिले के कैथाटीकर मदरसा के हेड मौलवी इब्नुल हसन को राष्ट्रपति से सम्मान मिला था. हालांकि वे अब नहीं रहे. इब्नुल हसन से पहले मोहनपुर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक सुबोध नारायण सिंह को भी यह सम्मान मिल चुका है.

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स्मार्ट क्लास में पढ़ते बच्चे

असामाजिक तत्वों का रहता था जमावड़ा
ग्रामीणों के मुताबिक पप्पू हरिजन के प्रधानाध्यापक बनने के पहले स्कूल में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था. यहां तक कि स्कूल में मवेशी भी बांधे जाते थे. स्कूल में मात्र तीन कमरे थे और दीवारें टूटी हुई थीं. स्कूल में मेन गेट भी नहीं लगा था. स्कूल की पहचान आपराधिक प्रवृत्ति वाले गांव के तौर पर होती थी. गांव में पढ़ाई का माहौल भी पूरी तरह से चौपट था. स्कूल रहते हुए भी बच्चे पढ़ाई से कोसों दूर थे.

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जानकारी देते शिक्षक मनोज कुमार

प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन की उपलब्धियां

  • 2016 में बेहतर एमडीएम संचालन के लिए पुरस्कृत हुए.
  • 2017 में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित हुए.
  • 2019 में 2018 के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मानित हुए.
  • 2019 में श्री अरविंदो सोसायटी की ओर से टीचर्स इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित हुए.
  • 2019 में दुबई और सिंगापुर से सम्मान ग्रहण करने के लिए आमंत्रण पत्र मिला.
  • 2019 में मुंबई सहित अन्य स्थानों के एनजीओ के जरिए सम्मान ग्रहण करने के लिए आमंत्रण पत्र मिला.
  • 2019 में राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ग्रहण करने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने घर पर आकर बधाई दी.
  • 2019 में राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किए जाने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद शर्मा ने बधाई दी.
  • 2019 में बिहार सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने 30 हजरा नकद पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
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    अभिषेक कुमार छात्र

स्कूल आने से कतराते थे शिक्षक
इस गांव में असामाजिक तत्वों का बोलबाला इस कदर सर चढ़कर बोल रहा था कि शिक्षक प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में आने से कतराते थे. यह सिलसिला नवंबर 2012 के अंत तक चलता रहा. इस चुनौती को पप्पू हरिजन ने स्वीकार किया और दिसंबर 2012 में प्रधानाचार्य के तौर पर पदभार ग्रहण किया. उनके सामने कई समस्याएं थीं. इससे निपटना भी उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. लेकिन उन्होंने इस परिस्थिति में भी अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया.

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नूतन देवी, अभिभाविका

2013 से बही परिवर्तन की बयार
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में योगदान देने के बाद पहले चारदीवारी का निर्माण कराकर असामाजिक तत्वों को आने से रोका. स्कूल में कमरों की कमी थी. तीन कमरे में एक से आठ कक्षा तक के 298 बच्चे नामांकित थे. शुरुआती दौर में महज 50 से 60 बच्चे ही स्कूल आते थे. 6 महीने के अथक प्रयास के बाद पप्पू हरिजन को कुछ ग्रामीणों का सहयोग मिला. उन्होंने स्कूल में कमरों का निर्माण करवाया. इसमें स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने श्रमदान दिया. इसके बाद स्कूल में पठन-पाठन का माहौल बना तो बच्चे भी स्कूल आने लगे.

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सुमन दास, अभिभावक

स्मार्ट क्लास का होता है संचालन
प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया के छात्रा अभिषेक कुमार और मनीषा कुमारी ने बताया कि प्रधानाचार्य के अथक प्रयास के बाद स्कूल में स्मार्ट क्लास का संचालन शुरू हो पाया. बता दें कि यह जिले का एकमात्र पहली से आठवीं कक्षा तक का स्कूल है, जहां स्मार्ट क्लास का संचालन होता है. इस क्लास में बच्चों को देश-दुनिया की खबरों के साथ-साथ ऑडियो और वीडियो के जरिए पढ़ाया जाता है. बच्चों ने बताया कि हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रधानाचार्य को राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिला.

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पप्पू हरिजन, प्रधानाचार्य

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से चलता है क्लास
स्कूली बच्चों ने बताया कि प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में ना सिर्फ अच्छी पढ़ाई होती है. इससे हटकर स्कूल में नवोदय विद्यालय और सिमुलतला आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी अलग से तैयारी करवाई जाती है. साथ ही पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए रिमेडियल क्लासेस अलग से चलाई जाती हैं.

कार्यकुशलता से प्रभावित हैं अभिभावक
कुलड़िया के ग्रामीणों से लेकर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे तक इनके बेहतर कार्यप्रणाली और प्रबंधन से प्रभावित हैं. अभिभावक सुमन दास ने बताया कि स्कूल में पहले कुछ नहीं था. प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन स्कूल आए तो यहां का माहौल ही बदल गया. उन्होंने शौचालय का निर्माण करवाया और स्कूलों में पेड़-पौधे लगाकर स्कूल को सुसज्जित किया. नूतन देवी ने बताया कि पहले स्कूल में पढ़ाई नहीं होती थी. प्रधानाचार्य ने अपनी कार्य दक्षता से स्कूल में पढ़ाई का माहौल बनाया.

स्कूल के शिक्षक भी कार्य से हैं प्रभावित
शिक्षक राजीव कुमार रंजन ने बताया कि वे विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए हमेशा नए प्रयास करते रहते हैं. उन्होंने बताया कि उनके योगदान देने के बाद स्कूल पूरी तरह से बदल चुका है. शिक्षक मनोज कुमार बताते हैं कि स्कूल में पहले संसाधनों का घोर अभाव था. इनके आने के बाद परिस्थितियां बदल चुकी है. शिक्षिका सुरभि रानी ने बताया कि हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे प्रधानाध्यापक पप्पू हरिजन को राष्ट्रपति के हाथों नेशनल टीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उनका मैनेजमेंट शानदार रहता है. उनका हर काम हमेशा अपडेट रहता है.

समाज के वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ा
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि स्कूल से ड्रॉपआउट बच्चों को खासकर समाज से वंचित वर्ग के बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए मुहीम चलाई, जिसमें सफलता भी मिली. वर्तमान में 510 बच्चे स्कूल में नामांकित है. पप्पू हरिजन अपनी कार्यकुशलता से प्रोन्नत मध्य विद्यालय को जिले के मॉडल स्कूल में परिणत कर दिया. उन्होंने बताया कि बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए स्वच्छता भी जरूरी है. इसलिए मुखिया और ग्रामीणों के सहयोग से स्वच्छता अभियान भी चलाया. स्वच्छता अभियान के तहत स्कूल को फूलों की क्यारियों से सजाया गया. बेहतर शौचालय और किचन शेड के साथ-साथ बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था मुकम्मल की गई. दिव्यांग बच्चों के लिए रैंप और उनके अनुकूल शौचालय का भी निर्माण कराया गया

Intro:देशभर से चयनित 46 शिक्षकों को नेशनल टीचर अवॉर्ड से प्रत्येक वर्ष सम्मानित किया जाता है। यह सम्मानित पुरस्कार राष्ट्रपति के हाथों प्रदान किया जाता है। वर्ष 2018 के लिए पूरे देश से 152 आवेदन आए थे। बिहार से 6 आवेदन प्राप्त हुआ था। जूरी की टीम ने मानक पर खरा उतरने वाले बिहार के छह से मात्र एक को चयनित किया। वह चयनित शिक्षक बांका जिला के अमरपुर प्रखंड स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया के प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन थे। जिन्हें 5 सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में नेशनल टीचर अवॉर्ड से सम्मानित किया।


Body:- बांका के पप्पू हरिजन नेशनल टीचर अवॉर्ड से हुए सम्मानित

- जिले के अमरपुर प्रखंड स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया के प्रधानाचार्य हैं पप्पू हरिजन

- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 5 सितंबर को दिल्ली में आयोजित विशेष समारोह में प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन को किया सम्मानित

- 12 वर्ष बाद बांका के किसी शिक्षक को मिला नेशनल टीचर अवॉर्ड

- पहली से आठवीं कक्षा तक के लिए स्मार्ट क्लास संचालन करने वाला पहला स्कूल बना प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया

- बच्चों के पठन-पाठन के लिए प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में हर तरह की सुविधा है उपलब्ध


बांका। बिहार के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बांका बिहार ही नहीं देश में सुर्खियां बटोरने का काम किया है। बांका के शिक्षक ने अपनी मेहनत कौशल और कर्तव्यनिष्ठा के दम पर शिक्षा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया के प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन विद्यालय की दशा-दिशा बदलते हुए स्वच्छता और बेहतर प्रबंधन के दम पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों नेशनल टीचर अवॉर्ड से सम्मानित हुए।

सुर्खियों में है यह स्कूल
प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया ना सिर्फ अमरपुर और बांका बल्कि पूरे बिहार में सुर्खियां बटोरने का काम किया है। सुर्खियों में यह स्कूल इसलिए है कि इस स्कूल के प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन को नेशनल टीचर अवार्ड मिला है। प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन 12 वर्ष के सूखे को समाप्त किया। 12 वर्ष बाद बांका के किसी शिक्षक को राष्ट्रपति के हाथों नेशनल टीचर अवॉड मिला है। इससे पहले 2007 में जिले के कैथाटीकर मदरसा के हेड मौलवी इब्नुल हसन को राष्ट्रपति से सम्मान मिला था। हालांकि वे अब नहीं रहे। इब्नुल हसन से पहले मोहनपुर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक सुबोध नारायण सिंह को यह सम्मान मिल चुका है।

असामाजिक तत्वों का रहता था जमावड़ा
पप्पू हरिजन के प्रधानाध्यापक बनने के पूर्व स्कूल में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था। यहां तक कि स्कूलों में मवेशी तक को भी बांधा जाता था। स्कूल में मात्र तीन कमरे थे और चारदीवारी टूटा हुआ था। स्कूल के मुख्य द्वार पर गेट तक नहीं था। अमरपुर प्रखंड स्थित कुलड़िया की पहचान अपराधिक प्रवृत्ति वाले गांव में होती थी। गांव में पढ़ाई का माहौल पूरी तरह से चौपट था। स्कूल रहते हुए भी बच्चे पढ़ाई से कोसों दूर थे।

शिक्षक स्कूल में नहीं देना चाहते थे योगदान
इस गांव में असामाजिक तत्वों का बोलबाला इस कदर सर चढ़कर बोल रहा था कि शिक्षक प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में आने से कतराते थे। यह सिलसिला नवंबर 2012 के अंत तक चलता रहा। इस चुनौती को पप्पू हरिजन ने स्वीकार किया और दिसंबर 2012 में प्रधानाचार्य के तौर पर पदभार ग्रहण किया। प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन के सामने समस्याएं भी कम नहीं थी। इससे निपटना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी।

2013 से बहने लगी परिवर्तन की बयार
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में योगदान देने के बाद सबसे पहले चारदीवारी का निर्माण कराकर असामाजिक तत्वों को आने से रोका। स्कूल में कमरे की कमी थी। तीन कमरे में एक से आठ कक्षा तक के 298 बच्चे नामांकित थे। शुरुआती दौर में महज 50 से 60 बच्चे ही स्कूल आते थे। 6 महीने के अथक प्रयास के बाद पप्पू हरिजन को कुछ ग्रामीणों का सहयोग मिला। उन्होंने स्कूल में कमरे का निर्माण करवाया। जिसमें स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने श्रमदान दिया। स्कूल में पठन-पाठन का माहौल बना तो बच्चे स्कूल आने लगे।

स्मार्ट क्लास का होता है संचालन
प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में पढ़ने वाले बच्चे अभिषेक कुमार और मनीषा कुमारी ने बताया कि प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन के अथक प्रयास के बाद स्कूल में स्मार्ट क्लास का संचालन शुरू हो पाया। यह जिले का एकमात्र पहली से आठवीं कक्षा तक का स्कूल है, जहां स्मार्ट क्लास का संचालन होता है। स्मार्ट क्लास में बच्चों को देश-दुनिया की खबरों के साथ-साथ ऑडियो और वीडियो के माध्यम से सिलेबस के तहत पढ़ाया जाता है। बच्चों ने बताया कि हमारे लिए गर्व की बात है प्रधानाचार्य को राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिला।

प्रतियोगी परीक्षाओं के चलता है क्लास
स्कूली बच्चों ने बताया कि प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में ना सिर्फ रूटीन के तहत पढ़ाई होती है। इससे हटकर स्कूल में नवोदय विद्यालय और सिमुलतला आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए होने वाले प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी तैयारी करवाया जाता है। साथ ही कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए रिमेडियल क्लासेस अलग से चलाया जाता है।

अभिभावक भी कार्यकुशलता से है प्रभावित
कुलड़िया के ग्रामीण से लेकर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे तक इनके बेहतर कार्यप्रणाली और प्रबंधन से प्रभावित हैं। अभिभावक सुमन दास ने बताया कि स्कूल में पहले कुछ नहीं था। प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन स्कूल आए तो पढ़ाई को सुचारू रूप से चलने लगा। शौचालय का निर्माण करवाया। वाटिका लगाकर स्कूल को सुसज्जित किया। नूतन देवी ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई का माहौल नहीं था। प्रधानाचार्य ने अपनी कार्य दक्षता से स्कूल में पढ़ाई का माहौल बनाया। जिससे बच्चे घरों में रहने के बजाय स्कूल आने लगे।

स्कूल के शिक्षक भी कार्य से हैं प्रभावित
प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया में प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन के साथ काम करने वाले शिक्षक राजीव कुमार रंजन ने बताया कि विद्यार्थियों के बेहतर काम करने के लिए हमेशा प्रयास करते हैं 2012 में योगदान देने के बाद स्कूल पूरी तरह से बदल चुका है। वहीं शिक्षक मनोज कुमार ने स्कूल में पहले संसाधनों का घोर अभाव था इनकी आने के बाद परिस्थितियां बदल चुकी है। शिक्षिका सुरभि रानी ने बताया कि हमारे लिए गर्व की बात है कि बिहार से मात्र एक शिक्षक हमारे प्रधानाध्यापक पप्पू हरिजन को राष्ट्रपति के हाथों बेस्ट टीचर का सम्मान मिला। उनका मैनेजमेंट शानदार रहता है और हर काम अप टू डेट रहता है।

समाज के वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ा
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि स्कूल से ड्रॉपआउट बच्चों को खासकर समाज से वंचित वर्ग के बच्चों को स्कूल से जोड़ने का मुहीम चलाया गया और सफलता भी मिली। वर्तमान में 510 बच्चे स्कूल में नामांकित है। पप्पू हरिजन अपनी कार्यकुशलता से प्रोन्नत मध्य विद्यालय को जिले के मॉडल स्कूल में परिणत कर दिया।

स्कूल में चलाया स्वच्छता अभियान
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि स्वच्छता के प्रति उनका स्पष्ट नजरिया था कि बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए स्वच्छता जरूरी है। इसलिए स्थानीय मुखिया और ग्रामीणों के सहयोग से स्वच्छता अभियान भी चलाया। स्वच्छता अभियान के तहत स्कूलों को फूलों की क्यारियों से सजाया गया। बेहतर शौचालय और किचन शेड के साथ-साथ बच्चों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था मुकम्मल की गई। दिव्यांग बच्चों के लिए रैंप और उनके अनुकूल शौचालय का भी निर्माण कराया गया।

ऐसे होता है अवार्ड के लिए शिक्षकों का चयन
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि शिक्षक अवार्ड के लिए जिला स्तर पर ऑनलाइन आवेदन देना होता है। आवेदन में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा भी मांगा जाता है। जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग 3 सदस्य टीम करते है। जिसमें डीएम, डीईओ और डाइट कॉलेज के प्राचार्य शामिल होते हैं। जिला स्तर पर शिक्षक अभ्यर्थियों के आवेदन प्राप्त होने के बाद चयन प्रक्रिया शुरू की जाती है। चयनित प्रतिभागी को राज्य स्तर पर भेजा जाता है और राज्य स्तर पर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिल्ली जूरी टीम के पास भेजा जाता है।जूरी टीम के सदस्य द्वारा पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन अंतिम रूप से किया जाता है। पूरी प्रक्रिया हो जाने के बाद 5 सितंबर को राष्ट्रपति के हाथों शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है।

बिहार से 6 शिक्षकों का हुआ था चयन
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि इस बार बिहार से राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ग्रहण करने के लिए 6 शिक्षकों का चयन हुआ था। सभी शिक्षकों की सूची दिल्ली में बैठे जूरी की टीम को भेजा गया। जूरी की टीम के द्वारा 6 में से मात्र एक शिक्षक को चयन किया गया। जिसमें पप्पू हरिजन का नाम शामिल था।

5 सितंबर को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
5 सितंबर को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित होटल अशोका में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 2018 के लिए बेस्ट टीचर अवार्ड से पप्पू हरिजन को सम्मानित किया। साथ ही सम्मान में 50 हजार के अलावा सिल्वर मेडल भी प्रदान किया गया। सम्मान मिलने के बाद प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। सम्मान मिलने के बाद बधाई देने वालों का तांता लग गया। मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, डीएम डीईओ सहित शिक्षकों एवं उनके शुभचिंतक शामिल है। प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया की प्रत्येक वर्ष देशभर के 46 शिक्षकों को यह सम्मान दिया जाता है। इस बार पूरे देश से 152 शिक्षकों का आवेदन प्राप्त हुआ था। जिसमें 46 को चयन कर पुरस्कार दिया गया। इससे पहले विद्यालय स्वच्छता पुरस्कार बेहतर एमडीएम संचालन के लिए पुरस्कृत हो चुके थे।

प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन की उपलब्धियां

- 2016 में बेहतर एमडीएम संचालन के लिए पुरस्कृत हुए

- 2017 में स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित हुए

- वर्ष 2019 में 2018 के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों हुए सम्मानित

- वर्ष 2019 में श्री अरविंदो सोसायटी की ओर से टीचर्स इनोवेशन अवार्ड से हुए सम्मानित

- वर्ष 2019 में दुबई और सिंगापुर से सम्मान ग्रहण करने के लिए मिला आमंत्रण पत्र

- वर्ष 2019 में मुंबई सहित अन्य स्थानों के एनजीओ द्वारा सम्मान ग्रहण करने के लिए मिला आमंत्रण पत्र

- वर्ष 2019 में राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ग्रहण करने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने घर पर आ कर दी बधाई

- वर्ष 2019 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद शर्मा ने बधाई दी

वर्ष 2019 में बिहार सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने 30 नगद के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।




Conclusion:अच्छे कार्य का मिलना था प्रतिफल
प्रधानाचार्य पप्पू हरिजन ने बताया कि राष्ट्रपति के हाथों बेस्ट शिक्षक का अवार्ड मिलना बड़ी बात है। जो काम किया उसका प्रतिफल तो मिलना ही था। हमारी इच्छा है कि ऐसे ही सभी शिक्षक कार्य करें। निश्चित तौर पर उन्हें भी पुरस्कार मिलेगा। प्रधानाचार्य ने आगे बताया कि बेस्ट टीचर अवार्ड के साथ-साथ उन्हें स्वच्छता के लिए भी सम्मान मिल चुका है। साथ ही बेहतर एमडीएम संचालन के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया है। इसके अलावा दुबई और सिंगापुर से भी सम्मान ग्रहण करने का न्योता मिला था। कई एनजीओ भी हैं जिन्होंने सम्मान देने के लिए आमंत्रण पत्र भेजा है।

बाईट- अभिषेक कुमार, छात्र
बाईट- मनीषा कुमारी, छात्रा
बाईट- सुमन दास, अभिभावक
बाईट- नूतन देवी, अभिभावक
बाईट- राजीव कुमार रंजन, शिक्षक
बाईट- मनोज कुमार, शिक्षक
बाईट- सुरभि रानी, शिक्षिका
बाईट- पप्पू हरिजन, प्रधानाचार्य प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुलड़िया

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