बांका: बिहार के बांका जिले के शंभू थाना क्षेत्र के मेहरपुर महादलित बस्ती में सर्पदंश से छात्र की मौत हो गई. मृतक छात्र की पहचान बस्ती के पंकज दास के 15 वर्षीय पुत्र राजू दास के रूप में हुई है. घटना शनिवार रात की है. पीड़ित पंकज दास और उसकी पत्नी संजू देवी ने बताया कि राजू रात्री में भोजन करने के बाद घर के बरामदे पर लगे चारपाई पर सो गया. अचानक आधी रात में राजू के रोने की आवाज सुनकर जगे तो राजू ने दाएं हाथ की अंगुली में किसी जहरीले जंतु के काटने की बात कही.
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सर्पदंश से छात्र की मौत: पीड़ित ने बताया कि स्वजनों ने पहले तो गर्म पानी सहित अन्य घरेलू नुस्खा किया. इससे जब कुछ सुधार नहीं हुआ तो कुछ ग्रामीणों के कहने पर झाड़-फूंक के लिए फुल्लीडुमर के केडिया बिषहरी स्थान लेकर पहुंचे. वहां भी जब राजू की हालत बिगड़ने लगा तो स्वजन राजू को आनन-फानन में अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे, लेकिन रास्ते में ही राजू ने दम तोड़ दिया. घटना के बाद स्वजनों में कोहराम मच गया. गांव में भी मातमी सन्नाटा पसर गया. मां संजू देवी तो बार-बार अचेत हो रही थी.
झाड़ फूंक के चक्कर में गई जान: पिता पंकज दास की मानें तो आंखों से आंसू ही गायब हो गया. राजू दास उच्च विद्यालय प्रतापपुर में दसवीं कक्षा का छात्र था. माता-पिता का सपना था, मैट्रिक पास करने के बाद राजू आगे की पढ़ाई के लिए बड़े शहरों में जाए लेकिन सब सपना ही रह गया. स्वयं यदि झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पड़ते तो शायद राजू दास की जान बच सकती थी.
"झाड़-फूंक के कारण जहर शरीर के नस-नाड़ी सहित सभी हिस्सों में फैल जाता है. अस्पताल में पर्याप्त एंटी रैबीज सहित सर्पदंश का वैक्सीन उपलब्ध है. सांप काटने पर झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए."- डॉ अजय शर्मा, प्रभारी चिकित्सक, सीएचसी