बांकाः कोरोना महामारी का कहर ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिलने लगा है. लागातर लोगों को मौत हो रही है. शायद ही ऐसा कोई गांव है जहां सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित लोग ना हों. ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश लोग झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में फंसकर बिना कोरोना जांच कराए ही मौत को गले लगा ले रहे हैं. इसका आंकड़ा ना तो जिला स्वास्थ्य टीम के पास है और न ही जिला प्रशासन के पास.
शंभूगंज थाना क्षेत्र के गढ़ी मोहनपुर गांव में एक सप्ताह के अंदर संदेहास्पद स्थिति में पांच लोगों की मौत हो गई है और कई पीड़ित हैं. इसको लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल है.
पांच लोगों की हो चुकी है मौत
गढ़ी मोहनपुर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक सप्ताह के अंदर राघवेन्द्र सिंह उर्फ नटवर सिंह, पुरण सिंह, रणधीर सिंह, रणवीर सिंह एवं दिवाकर सिंह की पत्नी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई. जबकि रंजीत सिंह की हालत नाजुक देखकर बेहतर इलाज के लिए भागलपुर ले जाया गया है. ग्रामीणों का मानना है कि सभी में कोरोना का लक्षण था.
गांव में लगातार हो रही मौत से लोगों में भय और दहशत है. जबकि गढ़ी मोहनपुर गांव में अब भी सौ से ज्यादा लोगों ने सर्दी, खांसी, बुखार जैसे बीमारी से ग्रसित होकर खुद को आइसोलेट कर लिया है. स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना देने के बाद भी कोई पहल नहीं की गई है.
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'नहीं पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम'
गढ़ी मोहनपुर के ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी को सूचना देने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया. वहीं, शंभूगंज सीएचसी के स्वास्थ्य प्रबंधक संजय सिंह ने बताया कि गढ़ी मोहनपुर गांव में लोगों की मौत व एक को रेफर कर देने की सूचना ग्रामीणों ने फोन पर दी है. इसको लेकर आशा कार्यकर्ता और एएनएम को अलर्ट कर दिया गया है. जल्द ही गांव में डॉक्टरों की टीम भेजकर जांच कराई जाएगी.