बांका: जिले में शिक्षा को लेकर सरकारी दावे खोखले साबित हो रहा है. जिले में 25 लाख की आबादी पर मात्र एक अंगीभूत पीबीएस कॉलेज है. 1959 में स्थापित किया कॉलेज संसाधनों की कमी की मार से जूझ रहा है. यहां 12 शिक्षकों के भरोसे 3 हजार छात्रों की पढ़ाई चल रही है.
24 शिक्षकों के बजाए 12 ही कार्यरत
कॉलेज में इंटर से लेकर स्नातक तक 3 हजार छात्र छात्राएं नामांकित है. शिक्षकों की कमी की वजह से कॉलेज में पठन-पाठन का माहौल पूरी तरह से समाप्त हो गया है. कॉलेज में न्यूनतम 24 शिक्षकों की जरूरत है लेकिन वर्तमान में 12 ही कार्यरत है.
दूसरे शहरों में पलायन कर रहे बच्चे
इसके अलावा कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं की भी घोर कमी है. शिक्षा विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक हर साल लगभग 15 हजार छात्र-छात्राएं इंटर पास करते हैं. उच्च शिक्षा के लिए जिले में बेहतर प्रबंधन नहीं रहने की वजह से बच्चे पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में पलायन कर जाते हैं.
महत्वपूर्ण विषयों के कॉलेज में नहीं है शिक्षक
पीबीएस कॉलेज के छात्र नीतीश कुमार ने बताया कि इस कॉलेज में शिक्षकों की घोर कमी है. इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी सहित कई ऐसे विषय हैं जिसकी पढ़ाई शिक्षकों की कमी के चलते बरसों से नहीं हो पा रही है. कॉलेज के छात्रावास पर जिला प्रशासन ने कब्जा कर रखा है. इससे छात्रों को हॉस्टल भी नहीं मिल पाता है. इस कॉलेज में पढ़ाई कम चुनाव के काम अधिक होते हैं.
शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई प्रभावित
कॉलेज संघ के अध्यक्ष अमरजीत कुमार ने बताया कॉलेज में पठन-पाठन की व्यवस्था बहाल करने की हर संभव कोशिश नाकाम रही. पढ़ाई को लेकर शिक्षकों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं में भी आलस्य और जागरूकता के अभाव में पटरी पर लौटी पढ़ाई की व्यवस्था 10 दिन तक भी जारी नहीं रही.
24 के बजाए 12 शिक्षक से चल रहा काम
कॉलेज में खेलकूद से लेकर पुस्तकालय तक का घोर अभाव है. कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर राम सुंदर ठाकुर ने बताया कि 24 शिक्षकों की जरूरत है महज 12 से ही काम चल रहा है. नॉन टीचिंग स्टाफ की भी कमी है.
शिक्षा विभाग के मंत्री को लिखा पत्र
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने बताया कि पीबीएस कॉलेज बांका में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वे खुद चिंतित है. इसके लिए शिक्षा विभाग के मंत्री को भी पत्र लिखा था. तकनीकी टीम बांका आकर सर्वे का काम कर चुकी है और इसके लिए डीपीआर भी तैयार कर लिया है.
जल्द ही काम होगा शुरू
मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के लिए जल्द ही काम शुरू करवाया जाएगा. जहां तक शिक्षकों की कमी का सवाल है, इसके लिए तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर जरूरत पड़ने पर राज्यपाल से भी बात की जाएगी, ताकि बच्चों के भविष्य को संवारा जा सके.