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बांका: मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों की होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ अब ऑनलाइन मॉनिटरिंग की तैयारी की जा रही है. जिले के किसानों को अब बारकोड युक्त मधुमक्खी का बक्सा उपलब्ध कराया जाएगा. ताकि सभी जानकारी विभाग तक जल्द से जल्द पहुंचे. वहीं, मधुमक्खी पालन के एक बॉक्स की लागत पूंजी 4 हजार रुपये है. जिसपर सामान्य जाति के किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान और अनुसूचित जाति के किसानों को 90 प्रतिशत के अनुदान पर बॉक्स दिया जाएगा.

बांका
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Published : Mar 2, 2021, 4:17 PM IST

बांका: जिले में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ अब ऑनलाइन मॉनिटरिंग की तैयारी की जा रही है. किसानों को अब बार कोड युक्त मधुमखी का बक्सा उपलब्ध कराया जाएगा. ताकि किस किसान को योजना का लाभ दिया गया है. कहां मधुमक्खी पालन किया जा रहा है, कितना अनुदान दिया गया है. तमाम जानकारी को ऑनलाइन रखी जा सके. अभी तक मधुमक्खी पालन से संबंधित विभाग को पूरी जानकारी जिला द्वारा जारी रिपोर्ट पर ही निर्भर रहना पड़ता था.

यह भी पढ़ें: बांका: ठंड और शीतलहर के कारण आलू की फसल बर्बाद, किसानों की बढ़ी चिंता

पारदर्शिता लाने के लिए होगी मॉनिटरिंग
सहायक निदेशक उद्यान डॉ. अमृता कुमारी ने बताया कि योजना में पारदर्शिता बरतने के लिए विभाग द्वारा तैयारी की गई है. इस वर्ष जितने भी बॉक्स का वितरण किया जाएगा उसमें बार कोड लगा होगा. बार कोड में योजना का नाम, वित्तीय वर्ष, लाभुक का नाम आदि जानकारी होगी. ताकि कभी भी और किसी समय योजना से संबंधित जानकारी मुख्यालय स्तर से ली जा सके. प्रत्येक क्लस्टर में कम से कम पांच किसान का होना जरूरी है. प्रत्येक किसान को अधिकतम 50 बॉक्स दिया जाएगा. मधुमक्खी पालन में इस बार जीविका को प्राथमिकता दी जाएगी. अब तक जिले में 800 से अधिक बक्से का वितरण किया जा चुका है. साथ ही जीविका के लिए 600 बॉक्स सुरक्षति रखा गया है. 4 हजार रुपये प्रति बॉक्स लागत पूंजी है. जिसपर सामान्य जाति को 75 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के लाभुकों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. इक्षुक किसान मधुमक्खी पालन से जुड़ने के लिए ऑनलाइन भी आवेदन भी कर सकते हैं.

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा
मधुमक्खी पालन को बढ़ावा

यह भी पढ़ें: आम बजट से पहले बोले बांका के किसान, अबकी बार खेतों तक पानी पहुंचा दो सरकार

छोटे किसानों के लिए लाभकारी योजना
सहायक निदेशक उद्यान डॉ. अमृता कुमारी ने बताया कि मधुमक्खी पालन से जुड़कर किसान या बेरोजगार साल में लाखों रुपए का व्यवसाय कर सकते हैं. खासकर छोटे जोत के किसानों के लिए यह लाभकारी योजना है. इस व्यवसाय को कम लागत में छतों पर, मेड़ों के किनारे, तालाब के किनारे किया जा सकता है. मधुमक्खी के डंक के डर से ज्यादातर लोग पालन करने से भागते हैं. प्रशिक्षण के दौरान डंक से बचाव के तरीके भी बताए जाते हैं. उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में युवक और किसान पांच बॉक्स से मधुमक्खी पालन का कारोबार शुरू कर सकते हैं.

बांका: जिले में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ अब ऑनलाइन मॉनिटरिंग की तैयारी की जा रही है. किसानों को अब बार कोड युक्त मधुमखी का बक्सा उपलब्ध कराया जाएगा. ताकि किस किसान को योजना का लाभ दिया गया है. कहां मधुमक्खी पालन किया जा रहा है, कितना अनुदान दिया गया है. तमाम जानकारी को ऑनलाइन रखी जा सके. अभी तक मधुमक्खी पालन से संबंधित विभाग को पूरी जानकारी जिला द्वारा जारी रिपोर्ट पर ही निर्भर रहना पड़ता था.

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पारदर्शिता लाने के लिए होगी मॉनिटरिंग
सहायक निदेशक उद्यान डॉ. अमृता कुमारी ने बताया कि योजना में पारदर्शिता बरतने के लिए विभाग द्वारा तैयारी की गई है. इस वर्ष जितने भी बॉक्स का वितरण किया जाएगा उसमें बार कोड लगा होगा. बार कोड में योजना का नाम, वित्तीय वर्ष, लाभुक का नाम आदि जानकारी होगी. ताकि कभी भी और किसी समय योजना से संबंधित जानकारी मुख्यालय स्तर से ली जा सके. प्रत्येक क्लस्टर में कम से कम पांच किसान का होना जरूरी है. प्रत्येक किसान को अधिकतम 50 बॉक्स दिया जाएगा. मधुमक्खी पालन में इस बार जीविका को प्राथमिकता दी जाएगी. अब तक जिले में 800 से अधिक बक्से का वितरण किया जा चुका है. साथ ही जीविका के लिए 600 बॉक्स सुरक्षति रखा गया है. 4 हजार रुपये प्रति बॉक्स लागत पूंजी है. जिसपर सामान्य जाति को 75 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के लाभुकों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. इक्षुक किसान मधुमक्खी पालन से जुड़ने के लिए ऑनलाइन भी आवेदन भी कर सकते हैं.

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा
मधुमक्खी पालन को बढ़ावा

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छोटे किसानों के लिए लाभकारी योजना
सहायक निदेशक उद्यान डॉ. अमृता कुमारी ने बताया कि मधुमक्खी पालन से जुड़कर किसान या बेरोजगार साल में लाखों रुपए का व्यवसाय कर सकते हैं. खासकर छोटे जोत के किसानों के लिए यह लाभकारी योजना है. इस व्यवसाय को कम लागत में छतों पर, मेड़ों के किनारे, तालाब के किनारे किया जा सकता है. मधुमक्खी के डंक के डर से ज्यादातर लोग पालन करने से भागते हैं. प्रशिक्षण के दौरान डंक से बचाव के तरीके भी बताए जाते हैं. उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में युवक और किसान पांच बॉक्स से मधुमक्खी पालन का कारोबार शुरू कर सकते हैं.

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