बांकाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के साथ-साथ ड्रीम प्रोजेक्ट में हर घर नल जल योजना शामिल है. जो धरातल पर उतरता नहीं दिख रहा है. संवेदकों पर योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरतने के आरोप लगते रहे हैं. जिले में हर घर नल जल योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो रही है. ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए 2016 में नीतीश सरकार की तरफ से नल जल योजना की शुरुआत की गई थी लेकिन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
लोगों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
बांका प्रखंड के लीलावरण, गिद्दा पहाड़ी, गलगला, रातोठिया, ढोलिया, पीठम्भा, सासन, गौरीपुर, जनकपुर, कहुआ कुरम, मनाड्डा सहित दर्जनों गांवों में पेयजल की समस्या है. कहीं पानी की टंकी लगाकर छोड़ दिया गया है तो कहीं बोरिंग की समस्या है. कहीं पाइप ही नहीं बिछी है और कहीं पाइप बिछी भी है तो वहां पानी नहीं आता. जिससे ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
'सिर्फ कागजों पर होता है काम'
ग्रामीणों ने कहा कि यहां सिर्फ कागजों पर काम होता है. हम लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. पीने के पानी की बहुत समस्या है. कुए और चापाकल के पानी से लोग बिमार हो रहे हैं. लोगों ने बताया कि अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की लेकिन हमारा कोई सुनने वाला नहीं है.
ठेकेदार है उदासिन
नल जल योजना के पंप संचालक बुधन यादव ने बताया कि महीनों से मोटर खड़ा पड़ा हुआ है. पाइप भी जगह-जगह टूटा गया है. ठेकेदार को इसके बारे में बताया है. लेकिन ठेकेदार ने तबीयत ठीक नहीं होने का बहाना बना लिया. पानी नहीं आने के कारण पंप संचालक को ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है.
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'जल्द करें खामियों को दूर'
समाज कल्याण मंत्री सह बांका के प्रभारी मंत्री रामसेवक सिंह ने बताया कि डीएम को निर्देश दिया गया है कि जिले में चल रही योजनाओं का निरीक्षण करें और इसे ठीक तरीके से लागू करवाएं ताकि लोगों को योजनाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री होने के नाते अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द खामियों को दूर कर योजना को पूरा कराएं.