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बांका: प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की हुई मौत, अस्पताल प्रबंधन पर लगा लापरवाही का आरोप

जिले के धोरैया स्थित सीएचसी में प्रसव कराने पहुंची प्रसूता के साथ उसके बच्चे की भी मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर के साथ-साथ एएनएम पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. वहीं, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने परिजनों के आरोप को बेबुनियाद बताया है.

Banka
प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों की हुई मौत
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Published : Feb 2, 2021, 10:04 PM IST

बांका: जिले के धोरैया प्रखंड स्थित सीएचसी में डॉक्टर और एएनएम की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां मंगलवार को जयपुर पंचायत के परिहार गांव निवासी तौकीर आलम की 30 वर्षीय पत्नी फरजाना खातून अपने परिजनों के साथ प्रसव कराने पहुंची थी. अस्पताल पहुंचने के आधा घंटा के अंदर प्रसूता फरजाना ने मृत बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के बाद फरजाना को अत्यधिक ब्लीडिंग शुरू हो गई, जिसके चलते आनन-फानन में फरजाना को चिकित्सकों ने भागलपुर रेफर कर दिया, लेकिन महिला की रास्ते में ही मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर और एएनएम पर लापरवाही आरोप लगाया है.

अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
वहीं, प्रसूता के साथ अस्पताल पहुंची पड़ोसी जमीला बेगम ने आरोप लगाते हुए बताया कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा एक भी दवाई प्रसूता को नहीं दी गई. प्रसूता को दी जाने वाली सारी दवाई परिजनों को बाहर से खरीदनी पड़ी. लेकिन हद तो तब हो गई जब प्रसूता की स्थिति नाजुक देखकर एएनएम ने परिजनों से रजिस्टर पर अंगूठा के निशान लगाते हुए अस्पताल से बाहर कर दिया.

यह भी पढ़े: बांका: लॉरी और बाइक की टक्कर में एक युवक की मौत, दूसरा घायल भागलपुर रेफर

परिजनों का लगाया गया आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद
धोरैया अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्याम सुंदर दास ने बताया कि प्रसूता के शरीर में खून की काफी कमी थी, इसलिए प्रसूता को अस्पताल आते ही बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया गया था, लेकिन परिजन समय पर प्रसूता को नहीं ले गए. उन्होंने कहा कि परिजन ने जो भी आरोप लगा रहे हैं वह सब बेबुनियाद और तथ्य से परे हैं. उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिला के खान-पान पर ध्यान नहीं दिया गया और न ही स्वास्थ्य का कभी परीक्षण कराया गया, जिसके चलते जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हुई है.

बांका: जिले के धोरैया प्रखंड स्थित सीएचसी में डॉक्टर और एएनएम की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां मंगलवार को जयपुर पंचायत के परिहार गांव निवासी तौकीर आलम की 30 वर्षीय पत्नी फरजाना खातून अपने परिजनों के साथ प्रसव कराने पहुंची थी. अस्पताल पहुंचने के आधा घंटा के अंदर प्रसूता फरजाना ने मृत बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के बाद फरजाना को अत्यधिक ब्लीडिंग शुरू हो गई, जिसके चलते आनन-फानन में फरजाना को चिकित्सकों ने भागलपुर रेफर कर दिया, लेकिन महिला की रास्ते में ही मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर और एएनएम पर लापरवाही आरोप लगाया है.

अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
वहीं, प्रसूता के साथ अस्पताल पहुंची पड़ोसी जमीला बेगम ने आरोप लगाते हुए बताया कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा एक भी दवाई प्रसूता को नहीं दी गई. प्रसूता को दी जाने वाली सारी दवाई परिजनों को बाहर से खरीदनी पड़ी. लेकिन हद तो तब हो गई जब प्रसूता की स्थिति नाजुक देखकर एएनएम ने परिजनों से रजिस्टर पर अंगूठा के निशान लगाते हुए अस्पताल से बाहर कर दिया.

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परिजनों का लगाया गया आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद
धोरैया अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्याम सुंदर दास ने बताया कि प्रसूता के शरीर में खून की काफी कमी थी, इसलिए प्रसूता को अस्पताल आते ही बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया गया था, लेकिन परिजन समय पर प्रसूता को नहीं ले गए. उन्होंने कहा कि परिजन ने जो भी आरोप लगा रहे हैं वह सब बेबुनियाद और तथ्य से परे हैं. उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिला के खान-पान पर ध्यान नहीं दिया गया और न ही स्वास्थ्य का कभी परीक्षण कराया गया, जिसके चलते जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हुई है.

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