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बांका में फर्जी थाना मामले में महिला सहित 2 और गिरफ्तार - ईटीवी बिहार न्यूज

बांका में फर्जी थाना चलाने का मुख्य सरगना फुल्लीडुमर निवासी भोला यादव और उसकी महिला सहयोगी अलका देवी को भागलपुर जिले से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 22, 2022, 10:11 PM IST

बांका: बिहार के बांका जिला मुख्यालय में पुलिस के नाक के नीचे फर्जी थाना (Fake Police Station In Banka) चलने के मुख्य आरोपी भोला यादव और उसकी महिला सहयोगी अलका देवी को को रविवार देर रात भागलपुर के सुल्तानगंज से गिरफ्तार कर लिया गया. सोमवार को दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. 17 अगस्त को शहर के एक निजी गेस्ट हाउस में फर्जी थाना पकड़ा गया था. मामले पहले भी 6 से ज्यादा लोगों की पहले ही गिरफ्तारी की जा चुकी है.

पढ़ें-बिहार में फर्जी थाना.. यहां नकली पुलिस वाले सॉल्व कर रहे थे केस

"भोला यादव इसमें मास्टरमाइंड था. उसके साथ गिरफ्तार अलका का पति रमेश कुमार पहले भी इसी प्रकार के मामले में जेल भी जा चुका है. इस कांड में संलिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. भोला यादव के पास से पुलिस ने यूको बैंक का पासबुक, दो चेक बुक, एक आधार कार्ड, मुख्यमंत्री का नाम लिखा लिफाफा जब्त किया गया था. मौके से पांच विभिन्न प्रकार का मुहर, तीन फ्लेक्स बैनर, उपस्थिति पंजी, दो पुलिस यूनिफॉर्म भी बरामद किया गया है. मामले में पीड़ितों की तलाश की जा रही है. पीड़ितों की जानकारी मिलने के बाद इनके अवैध कमाई के बारे में सही जानकारी मिल पायेगी."- सत्य प्रकाश, बांका एसपी

अनुराग गेस्ट हाउस में चल रहा था फर्जी थाना: बांका में फर्जी थाना अनुराग गेस्ट हाउस (Fake police station in Anurag guest house) में चलाया जा रहा था. पुलिस को जब पता चला कि गेस्ट हाउस में फर्जी तरीके से कृत्रिम थाने का संचालन हो रहा है तो छापेमारी की गई. इस छापेमारी में फर्जी वर्दी में कई लोगों को पकड़ा गया. सबसे बड़ी बात कि थाने में दारोगा भी थी. दारोगा के किरदार को एक युवती अनिता देवी निभा रही थी. गिरफ्तार अनिता के पास से एक देसी कट्टा भी बरामद किया गया है. अनिता बताती है कि यह कट्टा उसके वरीय पदाधिकारी द्वारा सीखने के लिए दिया गया था. उसकी बहाली झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कहने पर हुई है.

फर्जी अवैध वसूली से जुड़ा था पूरा रैकेटः पुलिस जांच में पता चला कि फर्जी थाना चलाने वाला गिरोह सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए लोगों से पैसा वसूल कर मामले को रफा-दफा करने का नाटकीय खेल बीते आठ महीने से चल रहा था. इतना ही नहीं कई प्रकार की नौकरी दिलाने, पीएम आवास योजना, राशन कार्ड, पीडीएस दुकान दिलाने सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों से रुपया वसूल किया जा रहा था. छापामारी के दौरान कई प्रकार का बही खाता जब्त किया गया था. पुलिस वर्दी में फर्जी दारोगा, चौकीदार, सिपाही, मुंशी सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी.

पढ़ें-बांका में फर्जी थाना मामले में मुख्य आरोपी फरार.. गिरफ्तारी के लिए टीम गठित

बांका: बिहार के बांका जिला मुख्यालय में पुलिस के नाक के नीचे फर्जी थाना (Fake Police Station In Banka) चलने के मुख्य आरोपी भोला यादव और उसकी महिला सहयोगी अलका देवी को को रविवार देर रात भागलपुर के सुल्तानगंज से गिरफ्तार कर लिया गया. सोमवार को दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. 17 अगस्त को शहर के एक निजी गेस्ट हाउस में फर्जी थाना पकड़ा गया था. मामले पहले भी 6 से ज्यादा लोगों की पहले ही गिरफ्तारी की जा चुकी है.

पढ़ें-बिहार में फर्जी थाना.. यहां नकली पुलिस वाले सॉल्व कर रहे थे केस

"भोला यादव इसमें मास्टरमाइंड था. उसके साथ गिरफ्तार अलका का पति रमेश कुमार पहले भी इसी प्रकार के मामले में जेल भी जा चुका है. इस कांड में संलिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. भोला यादव के पास से पुलिस ने यूको बैंक का पासबुक, दो चेक बुक, एक आधार कार्ड, मुख्यमंत्री का नाम लिखा लिफाफा जब्त किया गया था. मौके से पांच विभिन्न प्रकार का मुहर, तीन फ्लेक्स बैनर, उपस्थिति पंजी, दो पुलिस यूनिफॉर्म भी बरामद किया गया है. मामले में पीड़ितों की तलाश की जा रही है. पीड़ितों की जानकारी मिलने के बाद इनके अवैध कमाई के बारे में सही जानकारी मिल पायेगी."- सत्य प्रकाश, बांका एसपी

अनुराग गेस्ट हाउस में चल रहा था फर्जी थाना: बांका में फर्जी थाना अनुराग गेस्ट हाउस (Fake police station in Anurag guest house) में चलाया जा रहा था. पुलिस को जब पता चला कि गेस्ट हाउस में फर्जी तरीके से कृत्रिम थाने का संचालन हो रहा है तो छापेमारी की गई. इस छापेमारी में फर्जी वर्दी में कई लोगों को पकड़ा गया. सबसे बड़ी बात कि थाने में दारोगा भी थी. दारोगा के किरदार को एक युवती अनिता देवी निभा रही थी. गिरफ्तार अनिता के पास से एक देसी कट्टा भी बरामद किया गया है. अनिता बताती है कि यह कट्टा उसके वरीय पदाधिकारी द्वारा सीखने के लिए दिया गया था. उसकी बहाली झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कहने पर हुई है.

फर्जी अवैध वसूली से जुड़ा था पूरा रैकेटः पुलिस जांच में पता चला कि फर्जी थाना चलाने वाला गिरोह सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए लोगों से पैसा वसूल कर मामले को रफा-दफा करने का नाटकीय खेल बीते आठ महीने से चल रहा था. इतना ही नहीं कई प्रकार की नौकरी दिलाने, पीएम आवास योजना, राशन कार्ड, पीडीएस दुकान दिलाने सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों से रुपया वसूल किया जा रहा था. छापामारी के दौरान कई प्रकार का बही खाता जब्त किया गया था. पुलिस वर्दी में फर्जी दारोगा, चौकीदार, सिपाही, मुंशी सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी.

पढ़ें-बांका में फर्जी थाना मामले में मुख्य आरोपी फरार.. गिरफ्तारी के लिए टीम गठित

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