बांका: लेमन ग्रास की खेती को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. किसानों में लेमन ग्रास के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए इस बार कृषि कार्यालय ने 1 हजार एकड़ में खेती करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिले के चांदन कटोरिया, बेलहर, फुल्लीडुमर और धोरैया के बंजर भूमि पर लेमन ग्रास की खेती करवाया जाएगा. 1 एकड़ में लेमन ग्रास की खेती करने पर किसानों को 6 से 8 हजार किलोग्राम हरी घास मिलता है.
सालाना 8 लाख का होता है मुनाफा
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि प्रसंस्करण के बाद 30 से 32 लीटर तेल निकलता है और किसानों को 15 सौ रुपए प्रति किलो कीमत मिल जाती है. जिला कृषि कार्यालय ने किसानों को बाजार की समस्या से भी निजात दिलाया है. लेमन ग्रास से निकले तेल को बेंगलुरु और मुंबई से शहरों में भेजा जा रहा है. लेमन ग्रास और खस की खेती कर सालाना 8 लाख मुनाफा होता है. वहीं, धोरैया के वीरनियां गांव के किसान राजेश कुमार सिंह ने 2018 लेमनग्रास की खेती शुरू की है. वर्तमान में वो 8 एकड़ में लेमन ग्रास और 3 एकड़ में खस की खेती कर रहे है.
5 वर्षों तक होता है खर्च
जिला कृषि अधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि 1995 में आई बाढ़ के बाद अधिकांश जमीन बंजर हो गई थी. जिस पर लेमन ग्रास और खस की खेती की शुरुआत की गई. सालाना 5 से 8 लाख तक का मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं, किसान राजेश सिंह ने बताया कि लेमन ग्रास को लगाने के बाद इसे 6 वर्षों तक हार्वेस्ट किया जा सकता है. पहले वर्ष तो मुनाफा कम होता है, लेकिन अगले 5 वर्षों तक खर्च कम होने की वजह से मुनाफा अधिक बढ़ जाता है. 1 हजार एकड़ में लेमन ग्रास की खेती करवाने का लक्ष्य है.
'1 हजार एकड़ में होगी लेमन ग्रास की खेती'
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि बंजर भूमि पर लेमन ग्रास की खेती एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है. वर्तमान में 110 से अधिक किसान इसकी खेती कर रहे हैं. जिला प्रशासन लेमन ग्रास की खेती करवाने के लिए किसानों को लगातार प्रेरित कर रहे हैं. इस बार 1 हजार एकड़ में लेमन ग्रास की खेती करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लेमन ग्रास से तेल निकालने की समस्या से निजात दिलाने के लिए कटोरिया के जयपुर डिस्टिलेशन प्लांट प्लांट को वहां के किसानों को सुपुर्द कर दिया गया है. इसके अलावा चांदन में प्लांट स्थापित किया जा रहा है और सदर प्रखंड बांका के लोधम में डिस्टिलेशन प्लांट प्लांट लगवाने की तैयारी की जा रही है.