बांका: कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इस दौरान जरूरतमंदों तक अनाज पहुंचाने के लिए सरकार हर मुमकिन कदम उठा रही है. लेकिन इस विपदा की घड़ी में भी कुछ लोग अवैध कमाई कर रहे हैं. जिला प्रशासन सभी घरों तक अनाज पहुंचाने के लिए राशन कार्ड बनवा रहा है. इस काम में जीविका को फॉर्म जमा करवाने के काम में लगाया गया है. लेकिन जीविका दीदी राशन कार्ड बनाने के नाम पर एक हजार रुपये की मांग कर रही हैं.
खाने-पीने में हो रही परेशानी
यह मामला तब प्रकाश में आया जब रजौन प्रखंड के धोनी बामदेव पंचायत की कुछ महिलाएं राशन कार्ड बनवाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र पहुंची थी. मदनी गांव की महिलाओं ने बताया कि राशन कार्ड बनाने के नाम पर जीविका दीदी पैसे की मांग कर रही हैं.
मदनी गांव की रिंकू देवी ने बताया कि लॉकडाउन में पिछले दो महीने से खाने की तकलीफ हो गई है. छोटे-छोटे बच्चों को संभालना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में राशन कार्ड बनाने के नाम पर जीविका दीदी पैसे मांग रही है. गरीबी की हालत में पैसे कहां से दे पाएंगे.
मुखिया से नहीं हुआ संपर्क
रिंकू देवी ने कहा कि उनके पति लॉकडाउन के दौरान बाहर फंसे हुए हैं. उन्हें भी तकलीफ हो रही है. साहूकार से पैसे कर्ज पर लेकर पति को भेजा है. किसी महिला के पति गोवा में तो, किसी के प्रति औरंगाबाद में फंसे हुए हैं. जब इस मामले में पंचायत के मुखिया से संपर्क साधना चाहा तो उनका नंबर स्विच ऑफ आया. जबकि कई अधिकारी इस मामले से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं.
मामले की कराई जाएगी जांच
रजौन प्रखंड के बीडीओ गुरुदेव प्रसाद ने बताया कि मामला गंभीर है. राशन कार्ड बनाने के नाम पर अवैध वसूली करना गलत है. महिला के आरोप की जांच की जाएगी. जांच में अगर अवैध वसूली का मामला सही पाया गया, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.