बांका: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करीब एक दशक के बाद सोमवार को पैतृक गांव शंभुगंज के भलुआ आएंगे. उपराज्यपाल के आगमन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. जिलानी सड़क पर जगह-जगह अनावश्यक दर्जनों ब्रेकर को तोड़कर समतल बनाने का काम किया गया. सुरक्षा व्यवस्था का भी पुख्ता इंतजाम किया गया है.
इसे भी पढ़ेंः Banka News: बांका में वरमाला के दौरान दूल्हा बेहोश, बाराती बने बंधक..समझौते के बाद हुई शादी
"उपराज्यपाल के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त है. सभी पुलिस पदाधिकारियों एवं जवानों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है. रविवार को भी झारखंड की सीमा दर्दमारा के पास बेलहर एसडीपीओ प्रेमचंद सिंह पूरे दलबल के साथ मौजूद थे. हर चौक चौराहे पर पुलिस बल तैनात हैं"- पंकज कुमार राउत, थानाध्यक्ष
सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंदः छत्रहार के बदुआ नदी से बांका जिले में जगहों पर जगह-जगह चेक पोस्ट बनाया गया है. सुबह नौ बजे से ही जिलानी सड़क पर जरूरी वाहनों को छोड़ सभी वाहनों पर पाबंदी लगा दी गई है. यहां तक कि भलुआ सड़क में दो पहिए वाहनों पर भी सख्त पहरा रहेगा. गांव प्रवेश करने के पहले पार्किंग की व्यवस्था है. सुबह 10 बजे से करीब तीन घंटे तक गांव में स्वजनों, शुभचिंतकों और ग्रामीणों से मिलने के बाद उपराज्यपाल खेसर के रास्ते देवघर पहुंचेंगे. फिर जम्मू-कश्मीर के लिए प्रस्थान करेंगे.
ग्रामीणों में उम्मीदः उपराज्यपाल के आने से क्षेत्रवासियों में अधूरे सपनों के साकार होने की उम्मीद है. ग्रामीणों ने बताया कि शंभुगंज में रेल परियोजना, चैक डैम, कोल्ड स्टोरेज और सड़क मूलभुत समस्याएं हैं. जिसका समाधान आवश्यक है. इससे पहले जब मनोज सिन्हा रेल राज्य मंत्री बने थे तो भलुआ गांव में मिठाइयां बांटी गई थी. ग्रामीणों में उम्मीद जगी थी कि अब सुलतानगंज-बांका रेलखंड वाया शंभुगंज पर तीव्र गति से काम होगा. इसके अलावा पौकरी गांव के समीप बदुआ नदी में चेक डैम निर्माण, जिलानी सड़क को पीडब्ल्यूडी में परिणत करने, किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज निर्माण कराने इत्यादि अन्य समस्याओं को समाधान की उम्मीदें जग चुकी है.