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बांकाः फाइलेरिया मुक्त अभियान की हुई शुरुआत, 14 दिनों तक चलेगा अभियान - Filaria free campaign launched in Banka

डब्ल्यूएचओ से आए डॉ शांतनु सेन ने बताया कि 6 से 8 वर्ष के बाद फाइलेरिया का लक्षण दिखने लगता है. लोगों को दवा लेनी चाहिए.

14 दिनों तक चलेगा अभियान
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Published : Nov 6, 2019, 6:20 PM IST

बांकाः जिले में फाइलेरिया मुक्त अभियान की शुरूआत कर दी गई है. इसकी जानकारी एसीएमओ डॉ परवेज आलम ने दिया. उन्होंने बताया कि 2 वर्ष के ऊपर सभी को फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दवा की खुराक दी जाएगी. गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को एल्बेंडाजोल और डीईसी की खुराक नहीं दी जाएगी. सभी प्रखंड में इस अभियान की शुरूआत कर दी गई है.

14 दिनों तक चलेगा अभियान
एसीएमओ डॉ परवेज आलम ने बताया कि 14 दिनों तक जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलेगा. इसके लिए जिले भर के 11 प्रखंडों में 12 से 10 टीम को लगाया गया है. इसकी मॉनिटरिंग सुपरवाइजर और जिला स्तरीय अधिकारी करेंगे. 2 हजार आशा कार्यकर्त्ता गांव-गांव जाकर प्रत्येक घर के लोगों को फाइलेरिया के बारे में अवगत कराएंगी और उन्हें एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवाई भी देंगी.

6 से 8 वर्ष के बाद दिखने लगता है मलेरिया का लक्षण
डब्ल्यूएचओ से आए डॉ शांतनु सेन ने बताया कि 6 से 8 वर्ष के बाद फाइलेरिया का लक्षण दिखने लगता है. लोगों को दवा लेनी चाहिए. सुरक्षित व्यक्ति में भी माइक्रो फाइलेरिया नामक लार्वा हो सकता है. इसके लिए जरूरी है कि सभी लोग एल्बेंडाजोल और डीईसी दवाई का खुराक लें और सुरक्षित रहें.

फाइलेरिया मुक्त अभियान की हुई शुरुआत

रैपिड एक्शन टीम
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को जिले भर में बेहतर तरीके से संचालित कराने के लिए रैपिड एक्शन टीम का गठन किया गया है. यह टीम जिलेभर में सुपरवाइजर और आशा कार्यकर्त्ता के साथ मिलकर किसी भी शिकायत पर तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगे. रैपिड एक्शन टीम में एक डॉक्टर के अलावा 4 मेडिकल स्टॉफ रहेंगे.

बांकाः जिले में फाइलेरिया मुक्त अभियान की शुरूआत कर दी गई है. इसकी जानकारी एसीएमओ डॉ परवेज आलम ने दिया. उन्होंने बताया कि 2 वर्ष के ऊपर सभी को फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दवा की खुराक दी जाएगी. गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को एल्बेंडाजोल और डीईसी की खुराक नहीं दी जाएगी. सभी प्रखंड में इस अभियान की शुरूआत कर दी गई है.

14 दिनों तक चलेगा अभियान
एसीएमओ डॉ परवेज आलम ने बताया कि 14 दिनों तक जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलेगा. इसके लिए जिले भर के 11 प्रखंडों में 12 से 10 टीम को लगाया गया है. इसकी मॉनिटरिंग सुपरवाइजर और जिला स्तरीय अधिकारी करेंगे. 2 हजार आशा कार्यकर्त्ता गांव-गांव जाकर प्रत्येक घर के लोगों को फाइलेरिया के बारे में अवगत कराएंगी और उन्हें एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवाई भी देंगी.

6 से 8 वर्ष के बाद दिखने लगता है मलेरिया का लक्षण
डब्ल्यूएचओ से आए डॉ शांतनु सेन ने बताया कि 6 से 8 वर्ष के बाद फाइलेरिया का लक्षण दिखने लगता है. लोगों को दवा लेनी चाहिए. सुरक्षित व्यक्ति में भी माइक्रो फाइलेरिया नामक लार्वा हो सकता है. इसके लिए जरूरी है कि सभी लोग एल्बेंडाजोल और डीईसी दवाई का खुराक लें और सुरक्षित रहें.

फाइलेरिया मुक्त अभियान की हुई शुरुआत

रैपिड एक्शन टीम
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को जिले भर में बेहतर तरीके से संचालित कराने के लिए रैपिड एक्शन टीम का गठन किया गया है. यह टीम जिलेभर में सुपरवाइजर और आशा कार्यकर्त्ता के साथ मिलकर किसी भी शिकायत पर तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगे. रैपिड एक्शन टीम में एक डॉक्टर के अलावा 4 मेडिकल स्टॉफ रहेंगे.

Intro:फलेरिया मुक्त अभियान की बांका में शुरुआत कर दी गई है। इसकी जानकारी देते हुए एसीएमओ डॉ परवेज आलम ने बताया कि 2 वर्ष के ऊपर सभी को फलेरिया से मुक्ति के लिए दवा की खुराक दी जाएगी। गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को एल्बेंडाजोल ओर डीईसी की खुराक नहीं दी जाएगी। सभी प्रखंड में इस अभियान की शुरुआत कर दी गई है। इसके लिए रैपिड एक्शन टीम का भी गठन किया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर मदद ली जा सके।


Body:14 दिनों तक चलेगा अभियान
एसीएमओ डॉ परवेज आलम ने बताया कि 14 दिनों तक जिले में फलेरिया उन्मूलन अभियान चलेगा। इसके लिए जिले भर के 11 प्रखंडों में 1210 टीम को लगाया गया है। इसकी मॉनिटरिंग सुपरवाइजर और जिला स्तरीय अधिकारी करेंगे। दो हजार आशा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर प्रत्येक घर पर दस्तक देकर लोगों को फलेरिया के बारे में अवगत कराएंगे और उन्हें एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवाई का खुराक भी देंगे।

6 से 8 वर्ष के बाद दिखने लगता है मलेरिया का लक्षण
डब्ल्यूएचओ से आए डॉ शांतनु सेन ने बताया कि 6 से 8 वर्ष के बाद फलेरिया का लक्षण दिखने लगता है। लोगों को दवा लेनी चाहिए। सुरक्षित व्यक्ति में भी फलेरिया के माइक्रो फलेरिया नामक लार्वा हो सकता है। यही आगे चलकर यह हाथी पांव यानी फलेरिया का रूप धारण कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि सभी लोग एल्बेंडाजोल और डीईसी दवाई का खुराक लें और सुरक्षित रहें।




Conclusion:रैपिड एक्शन टीम का क्या गया है गठन
मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को जिले भर में बेहतर तरीके से संचालित कराने के लिए रैपिड एक्शन टीम का गठन किया गया है यह टीम जिलेभर में सुपरवाइजर और आशा कार्यकर्ता से मिले किसी भी शिकायत पर तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगे रैपिड एक्शन टीम में एक डॉक्टर के अलावा चार पारा मेडिकल स्टॉफ रहेंगे।

बाईट-1- आशीष कुमार, फलेरिया कॉर्डिनेटर
बाईट-2- डॉ परवेज आलम, एसीएमओ बांका
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