बांकाः जिले में फाइलेरिया मुक्त अभियान की शुरूआत कर दी गई है. इसकी जानकारी एसीएमओ डॉ परवेज आलम ने दिया. उन्होंने बताया कि 2 वर्ष के ऊपर सभी को फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दवा की खुराक दी जाएगी. गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को एल्बेंडाजोल और डीईसी की खुराक नहीं दी जाएगी. सभी प्रखंड में इस अभियान की शुरूआत कर दी गई है.
14 दिनों तक चलेगा अभियान
एसीएमओ डॉ परवेज आलम ने बताया कि 14 दिनों तक जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलेगा. इसके लिए जिले भर के 11 प्रखंडों में 12 से 10 टीम को लगाया गया है. इसकी मॉनिटरिंग सुपरवाइजर और जिला स्तरीय अधिकारी करेंगे. 2 हजार आशा कार्यकर्त्ता गांव-गांव जाकर प्रत्येक घर के लोगों को फाइलेरिया के बारे में अवगत कराएंगी और उन्हें एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवाई भी देंगी.
6 से 8 वर्ष के बाद दिखने लगता है मलेरिया का लक्षण
डब्ल्यूएचओ से आए डॉ शांतनु सेन ने बताया कि 6 से 8 वर्ष के बाद फाइलेरिया का लक्षण दिखने लगता है. लोगों को दवा लेनी चाहिए. सुरक्षित व्यक्ति में भी माइक्रो फाइलेरिया नामक लार्वा हो सकता है. इसके लिए जरूरी है कि सभी लोग एल्बेंडाजोल और डीईसी दवाई का खुराक लें और सुरक्षित रहें.
रैपिड एक्शन टीम
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को जिले भर में बेहतर तरीके से संचालित कराने के लिए रैपिड एक्शन टीम का गठन किया गया है. यह टीम जिलेभर में सुपरवाइजर और आशा कार्यकर्त्ता के साथ मिलकर किसी भी शिकायत पर तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगे. रैपिड एक्शन टीम में एक डॉक्टर के अलावा 4 मेडिकल स्टॉफ रहेंगे.