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हाथी का दांत साबित हो रहा है दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना - किसान

किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पटवन की समस्या दूर करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत हुई, ताकि सस्ते दर पर किसानों को खेतों पर बिजली मिल सके. लेकिन यह योजना जिले में हाथी का दांत साबित हो रहा है. पोल और ट्रांसफार्मर लगाए 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसानों के खेतों तक बिजली नहीं पहुंच सका है.

बांका
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Published : Jun 6, 2020, 3:46 AM IST

Updated : Jun 6, 2020, 6:45 AM IST

बांका : बांका एक कृषि प्रधान जिला है. यहां की 80 फीसदी आबादी कृषि पर ही निर्भर है. किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार की योजनाएं चल तो रही है, लेकिन जमीनी तौर पर इसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है. आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पटवन की समस्या से जूझते किसानों के दर्द पर मरहम लगाने के लिए सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत की.

6 हजार 642 किसानों को दिया जाना था कनेक्शन
इस योजना से किसानों में खुशी भी देखी गई, लेकिन अब जब इसको मूर्त रूप देने की बारी आई तो विद्युत कंपनी के हाथ-पांव फूल रहे हैं. बांका जिले में कृषि फीडर के तहत 7 विद्युत सब स्टेशन में से छह का काम पूरा हो चुका है. इसके तहत 6 हजार 642 किसानों को कनेक्शन दिया जाना था, लेकिन यह आंकड़ा आधा भी नहीं पहुंच सका है. किसानों के खेतों तक पोल और ट्रांसफार्मर तो लगा दिया गया है, लेकिन पिछले एक वर्ष से एक 11 हाजर वोल्ट का तार नहीं जोड़ा जा सका है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'हाथी का दांत साबित हो रहा है योजना'
किसान नारायण शर्मा सलिल बताते हैं कि सिर्फ पोल गाड़कर ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है, लेकिन पिछले एक वर्ष से बिजली की आपूर्ति नहीं की जा सकी है. इस बात को लेकर आशान्वित थे कि सस्ते दर पर बिजली मिलने से अच्छी तरीके से खेती कर सकेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले वर्ष घोषणा किया था कि 15 अगस्त तक निश्चित तौर पर कनेक्शन सभी जगह पहुंचा दिया जाएगा, लेकिन अब तक नहीं पहुंच सका है. ग्रामीण क्षेत्रों में यह हाथी का दांत साबित हो रहा है.

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किसान

वहीं किसान प्रियव्रत शर्मा बताते हैं कि सरकार ने जो कहा था उसे इस तरह पूरा किया है कि पोल और ट्रांसफार्मर लगाकर छोड़ दिया, लेकिन सरकार ने यह वादा नहीं किया था कि किसान को खुशहाल बनाने के लिए कुछ करेंगे. महंगी कीमत पर डीजल खरीदकर कर पटवन करने को विवश हैं.

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ट्रांसफार्मर

'जुलाई के अंत तक किसानों को मिल जाएगा कनेक्शन'
विद्युत कंपनी के कनीय अभियंता प्रसेनजीत कुमार मिश्रा बताते हैं कि 6 हजार 442 लोगों में से 3 हजार 130 लोगों को कनेक्शन दिया गया है, जबकि 3 हजार 322 देना बांकी है. सात में से छह विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 1 हाजर 435 ट्रांसफार्मर लगाए जाने थे. जिसमें 746 ट्रांसफार्मर लगाए जा चुके हैं, जबकि 689 बाकी है. कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में काम पूरी तरह से ठप हो गया था. अब काम फिर से चालू कर दिया गया है. जुलाई के अंत तक सभी जगह विद्युत कनेक्शन मुहैया करा दिया जाएगा. किसान सुविधा ऐप के माध्यम से ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. सुविधा एप से अब तक 1 हाजर 700 किसानों का आवेदन प्राप्त हुआ है.

बांका : बांका एक कृषि प्रधान जिला है. यहां की 80 फीसदी आबादी कृषि पर ही निर्भर है. किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार की योजनाएं चल तो रही है, लेकिन जमीनी तौर पर इसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है. आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पटवन की समस्या से जूझते किसानों के दर्द पर मरहम लगाने के लिए सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत की.

6 हजार 642 किसानों को दिया जाना था कनेक्शन
इस योजना से किसानों में खुशी भी देखी गई, लेकिन अब जब इसको मूर्त रूप देने की बारी आई तो विद्युत कंपनी के हाथ-पांव फूल रहे हैं. बांका जिले में कृषि फीडर के तहत 7 विद्युत सब स्टेशन में से छह का काम पूरा हो चुका है. इसके तहत 6 हजार 642 किसानों को कनेक्शन दिया जाना था, लेकिन यह आंकड़ा आधा भी नहीं पहुंच सका है. किसानों के खेतों तक पोल और ट्रांसफार्मर तो लगा दिया गया है, लेकिन पिछले एक वर्ष से एक 11 हाजर वोल्ट का तार नहीं जोड़ा जा सका है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'हाथी का दांत साबित हो रहा है योजना'
किसान नारायण शर्मा सलिल बताते हैं कि सिर्फ पोल गाड़कर ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है, लेकिन पिछले एक वर्ष से बिजली की आपूर्ति नहीं की जा सकी है. इस बात को लेकर आशान्वित थे कि सस्ते दर पर बिजली मिलने से अच्छी तरीके से खेती कर सकेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले वर्ष घोषणा किया था कि 15 अगस्त तक निश्चित तौर पर कनेक्शन सभी जगह पहुंचा दिया जाएगा, लेकिन अब तक नहीं पहुंच सका है. ग्रामीण क्षेत्रों में यह हाथी का दांत साबित हो रहा है.

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किसान

वहीं किसान प्रियव्रत शर्मा बताते हैं कि सरकार ने जो कहा था उसे इस तरह पूरा किया है कि पोल और ट्रांसफार्मर लगाकर छोड़ दिया, लेकिन सरकार ने यह वादा नहीं किया था कि किसान को खुशहाल बनाने के लिए कुछ करेंगे. महंगी कीमत पर डीजल खरीदकर कर पटवन करने को विवश हैं.

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'जुलाई के अंत तक किसानों को मिल जाएगा कनेक्शन'
विद्युत कंपनी के कनीय अभियंता प्रसेनजीत कुमार मिश्रा बताते हैं कि 6 हजार 442 लोगों में से 3 हजार 130 लोगों को कनेक्शन दिया गया है, जबकि 3 हजार 322 देना बांकी है. सात में से छह विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 1 हाजर 435 ट्रांसफार्मर लगाए जाने थे. जिसमें 746 ट्रांसफार्मर लगाए जा चुके हैं, जबकि 689 बाकी है. कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में काम पूरी तरह से ठप हो गया था. अब काम फिर से चालू कर दिया गया है. जुलाई के अंत तक सभी जगह विद्युत कनेक्शन मुहैया करा दिया जाएगा. किसान सुविधा ऐप के माध्यम से ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. सुविधा एप से अब तक 1 हाजर 700 किसानों का आवेदन प्राप्त हुआ है.

Last Updated : Jun 6, 2020, 6:45 AM IST
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