बांका: जिले में बिहार राज्य खाद्य निगम का कार्यालय से लेकर गोदाम भगवान भरोसे चल रहा है. फर्जी एजीएम बनकर खगड़िया का तरुण कुमार नाम का एक युवक कई महीनों से अनाज का वितरण करवा रहा था, लेकिन इसकी भनक खाद्य निगम के अधिकारियों को नहीं लगी. धोरैया में पोस्टेड एजीएम ज्ञानेश शायद ही खाद्य निगम के गोदाम आता है.
बिहार राज्य खाद्य निगम के धोरैया स्थित गोदाम को चालू रखने के लिए ज्ञानेश ने फर्जी एजीएम को बहाल कर रखा था. फर्जी एजीएम तरुण कुमार कई महीनों से खाद्य निगम के गोदाम में अनाज के भंडारण से लेकर उसके वितरण तक के काम को अंजाम दे रहा था. प्रखंड कार्यालय परिसर में गोदाम रहने के बावजूद किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लग पाई. ईटीवी भारत की टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो मामला सामने आया.
फर्जी एजीएम बनकर चला रहा था खाद्य निगम का गोदाम
फर्जी एजीएम के तौर पर काम कर रहे तरुण कुमार कुछ भी बताने को तैयार नहीं था. उसका बस यही कहना था कि वह आज ही यहां आया है. उसने बताया कि धोरैया स्थित गोदाम में एजीएम के पद पर कार्यरत ज्ञानेश रजौन गए हैं. वहां का चार्ज भी इन्हीं को सौंपा गया है. दो घंटे पहले ही गए हैं. बस कुछ समय में पहुंच जाएंगे. वह सच्चाई को झुठलाता रहा. लगातार उससे पूछा गया कि खाद्य निगम के गोदाम में क्यों बैठा है? क्या कर रहा है? उसने जवाब नहीं दिया. वह गोदाम में बैठकर अनाज का वजन करा रहा था और वाहन पर अनाज को लोड भी करवा रहा था. स्थानीय लोगों से यह भी पता चला कि एजीएम ज्ञानेश धोरैया आता ही नहीं है और उसका सारा काम तरुण करता है.
निगम के कानून के खिलाफ हुआ तो होगी कार्रवाई
"मामले की जांच की जाएगी. अगर मामले में सत्यता पाई गई तो कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाएगी. ज्ञानेश के पास दो गोदाम का प्रभार है, जिसमें धोरैया और रजौन शामिल है. दूसरे के हाथ में करोड़ों रुपए का अनाज छोड़ना गलत है. किस परिस्थिति में ऐसा हुआ यह भी जानना जरूरी है. सारे प्रकरण की जांच की जाएगी. निगम के कानून के खिलाफ अगर पाया गया तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी."- प्रेम कुमार, जिला प्रबंधक, बिहार राज्य खाद्य निगम