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सरकार की एक्स्ट्रा क्लास स्कीम यहां बेअसर, खामियाजा भुगत रहे छात्र

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Published : Nov 10, 2019, 1:52 PM IST

प्रिंसिपल शिवानी कुमारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूल में वर्क लोड ज्यादा होने के कारण अभी एक्स्ट्रा क्लास की शुरुआत नहीं हुई है. प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि बहुत जल्द ही कमजोर बच्चों के लिए स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास चालू किया जाएगा.

स्कूल

बांका: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बिहार सरकार लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन, जमीनी स्तर पर सुचारू रूप से काम नहीं हो रहा है. कमजोर छात्रों को स्कूल खत्म होने के बाद एक्स्ट्रा क्लास देने के लिए विभाग ने आदेश दिया था. लेकिन, कई स्कूलों में अभी तक इसका संचालन नहीं हो सका है. जिससे कमजोर छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

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बच्चों को पढ़ाते शिक्षक

ईटीवी भारत ने जब बांका के स्कूलों का जायजा लिया तो ऐसे कई स्कूल पाए गए. जिसमें अबतक इस सिस्टम को संचालित नहीं किया गया. सरकारी आदेश के बाद जिले के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू होनी थी. जिनमें डीईओ कार्यालय के पास के राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, मध्य विद्यालय विजयनगर, मध्य विद्यालय जगतपुर, प्राथमिक विद्यालय बाबूटोला आदि कई स्कूल शामिल हैं.

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स्कूल में पढ़ते बच्चे

कमजोर बच्चों की लिस्ट
लगभग सभी स्कूलों में 100 से 350 बच्चे नामांकित हैं. सैजपुर में अधिकतम 68 और राजकीय कन्या मध्य विद्यालय में सबसे कम 23 कमजोर कैटेगरी के बच्चे हैं. लेकिन, सैजपुर स्कूल को छोड़कर किसी विद्यालय के बच्चों को एक्स्ट्रा क्लास की जानकारी नहीं थी.

छात्रों ने दी जानकारी
ईटीवी भारत ने जब छात्रा से बात की तो मालूम चला कि स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं, अन्य छात्राओं से बातचीत में मालूम चला कि स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था नहीं है.

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डीईओ मो. अहसन

प्रिंसिपल का क्या है कहना?
वहीं, जब प्रिंसिपल शिवानी कुमारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूल में वर्क लोड ज्यादा होने के कारण अभी एक्स्ट्रा क्लास की शुरुआत नहीं हुई है. प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि बहुत जल्द ही कमजोर बच्चों के लिए स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास चालू किया जाएगा.

बांका से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जल्द शुरू होगी क्लास'
वहीं, डीईओ भी शिक्षकों के बचाव में ही दिखे. डीईओ मो. अहसन ने कहा कि जिले के 2067 प्रारंभिक स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार होता है. इसके बाद बच्चों की ग्रेडिंग की जाती है. उन्होंने कहा कि हालांकि अभी एक्स्ट्रा क्लास का संचालन नहीं हो रहा है. लेकिन, दो-तीन दिनों में जिले के सभी स्कूलों में एक्स्ट्रा क्लास का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है.

बांका: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बिहार सरकार लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन, जमीनी स्तर पर सुचारू रूप से काम नहीं हो रहा है. कमजोर छात्रों को स्कूल खत्म होने के बाद एक्स्ट्रा क्लास देने के लिए विभाग ने आदेश दिया था. लेकिन, कई स्कूलों में अभी तक इसका संचालन नहीं हो सका है. जिससे कमजोर छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

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बच्चों को पढ़ाते शिक्षक

ईटीवी भारत ने जब बांका के स्कूलों का जायजा लिया तो ऐसे कई स्कूल पाए गए. जिसमें अबतक इस सिस्टम को संचालित नहीं किया गया. सरकारी आदेश के बाद जिले के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू होनी थी. जिनमें डीईओ कार्यालय के पास के राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, मध्य विद्यालय विजयनगर, मध्य विद्यालय जगतपुर, प्राथमिक विद्यालय बाबूटोला आदि कई स्कूल शामिल हैं.

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स्कूल में पढ़ते बच्चे

कमजोर बच्चों की लिस्ट
लगभग सभी स्कूलों में 100 से 350 बच्चे नामांकित हैं. सैजपुर में अधिकतम 68 और राजकीय कन्या मध्य विद्यालय में सबसे कम 23 कमजोर कैटेगरी के बच्चे हैं. लेकिन, सैजपुर स्कूल को छोड़कर किसी विद्यालय के बच्चों को एक्स्ट्रा क्लास की जानकारी नहीं थी.

छात्रों ने दी जानकारी
ईटीवी भारत ने जब छात्रा से बात की तो मालूम चला कि स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं, अन्य छात्राओं से बातचीत में मालूम चला कि स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था नहीं है.

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डीईओ मो. अहसन

प्रिंसिपल का क्या है कहना?
वहीं, जब प्रिंसिपल शिवानी कुमारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूल में वर्क लोड ज्यादा होने के कारण अभी एक्स्ट्रा क्लास की शुरुआत नहीं हुई है. प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि बहुत जल्द ही कमजोर बच्चों के लिए स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास चालू किया जाएगा.

बांका से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जल्द शुरू होगी क्लास'
वहीं, डीईओ भी शिक्षकों के बचाव में ही दिखे. डीईओ मो. अहसन ने कहा कि जिले के 2067 प्रारंभिक स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार होता है. इसके बाद बच्चों की ग्रेडिंग की जाती है. उन्होंने कहा कि हालांकि अभी एक्स्ट्रा क्लास का संचालन नहीं हो रहा है. लेकिन, दो-तीन दिनों में जिले के सभी स्कूलों में एक्स्ट्रा क्लास का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है.

Intro:बांका। जिले के सरकारी स्कूलों में कमजोर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए विभाग द्वारा आदेश दिए जाने के बाद भी जिले के सभी प्रारंभिक विद्यालयों में विशेष कक्षा संचालन नहीं हो पा रहा है। इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की सरकारी अवधारणा बुरी तरह से कुंठित हो रही है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने मूल्यांकन शुरू होने के बाद स्कूलों में पढ़ने में कमजोर बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। सरकारी आदेश के बाद जिले के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू होनी थी। पांच स्कूलों के स्थलीय जांच जिनमें डीईओ कार्यालय परिसर स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, मध्य विद्यालय विजयनगर, मध्य विद्यालय जगतपुर, प्राथमिक विद्यालय बाबुटोला एवं प्रोन्नत मध्य विद्यालय सैजपुर शामिल है। सभी स्कूल में 100 से लेकर 350 बच्चे नामांकित है।सैजपुर में अधिकतम 68 और राजकीय कन्या मध्य विद्यालय में सबसे कम 23 कमजोर कैटेगरी के बच्चे है। सैजपुर स्कूल को छोड़कर किसी विद्यालय के बच्चों को स्पेशल क्लास की जानकारी नहीं थी। बच्चे सुबह 8:45 बजे के कक्षा संचालन की बात कर रहे थे। स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को स्पेशल क्लास के बारे में जानकारी ही नहीं दी थी। प्रधानाध्यापक ऑफिस वर्क का लोड और शिक्षकों की कमी का रोना रो रहे थे। कोई जल्द तो कोई 15 नवंबर तक चालू करने का बात कह रहे थे। डीइओ भी शिक्षकों के बचाव ही करने लगे। डीईओ मो. अहसन ने कहा कि जिले के 2067 प्रारंभिक स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार होता है। इसके बाद बच्चों की ग्रेडिंग की जाती है। हालांकि अभी स्पेशल क्लास का संचालन नहीं हो रहा है। दो-तीन दिनों में जिले के सभी स्कूलों में स्पेशल क्लास का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी प्रधानाध्यापकों को हरहाल में स्पेशल कक्षा संचालित करने का निर्देश दिया गया है।



Body:परफॉर्मेंस बेहतर नहीं रहने पर लिया गया निर्णय
डीईओ मो. अहसन ने बताया कि मूल्यांकन रिपोर्ट आने के बाद खराब परफॉर्मेंस से शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लेते हुए सभी विद्यालयों में स्पेशल क्लास चलाने का निर्णय लिया था। इसके उलट विद्यालयों में शिक्षक छात्र हित से जुड़े कार्य को आगे नहीं बढ़ाया गया। विद्यालयों के ढुलमुल रवैये से निजी कोचिंग संस्थानों को बल मिल रहा है। जहां आम परिवार के अभिभावकों व उनके बच्चों का जमकर आर्थिक शोषण हो रहा है। ऐसा नहीं है कि कमजोर बच्चे अपनी शिक्षा दीक्षा को बेहतर नहीं करना चाहते। लेकिन उनके पास सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसर उनके हाथ नहीं लग रहे हैं। ऐसे में प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने की तमाम कोशिशें धराशाई हो रही है। इससे संबंधित बच्चे व उनके अभिभावक नाखुश हैं।

कमजोर बच्चों को विशेष कोचिंग देने का है प्रावधान
स्कूलों में स्पेशल क्लास चलाने के बाद परीक्षा लेकर मूल्यांकन में करने का प्रावधान है। जिस विषय में विद्यार्थी कमजोर था, वह अगले मूल्यांकन परीक्षा में कितना सुधार कर पाया है। स्कूलों में 3 से 4 बजे तक कमजोर बच्चों को स्पेशल क्लास देने का प्रावधान है। स्कूलों में विशेष क्लास चलाने के निर्णय से बच्चों को लेकर अभिभावक भी खुश थे कि अब बच्चों के लिए अलग से ट्यूशन की व्यवस्था नहीं करनी होगी। लेकिन उनके अरमानों पर फिलहाल पानी फिर गया है।

नई व्यवस्था शीघ्र शुरू करने का दिल आ रहे भरोसा
शिक्षा विभाग का निर्देश है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक छुट्टी के बाद ही बच्चों को पढ़ाएंगे। प्रारंभिक स्कूलों में कमजोर बच्चों को स्पेशल क्लास दिया जाएगा। प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों का मूल्यांकन रिपोर्ट आने के बाद विषयवार कमजोर बच्चों को चिन्हित किया गया है। जिन बच्चों को मूल्यांकन परीक्षा के बाद सी, डी या ई ग्रेड का अंक प्राप्त हुआ है। उनको स्कूल की छुट्टी के बाद 1 घंटे का स्पेशल क्लास दिया जाना है ताकि उसमें सुधार हो सके। हालांकि विभागीय अधिकारी, प्रधानाध्यापक और शिक्षक सिर्फ भरोसा दिलाने पर ही लगे हुए हैं।


Conclusion:ग्रेडिंग का यह है प्रावधान
मूल्यांकन परीक्षा में विभाग द्वारा ग्रेडिंग का प्रावधान किया गया है। इसके तहत ए, बी,सी, डी और ई ग्रेड दिया जाता है। 82 से 100 फीसदी अंक लाने वाले को एक ग्रेड, 61 से 80 फीसद अंक लाने वाले को बी ग्रेड, 41 से 60 फीसद वाले को सी, 33 से 40 फीसद अंक लाने वाले को डी एवं 0 से 32 फीसद अंक आने पर ई ग्रेड दिया जाता है। सबसे कमजोर सी, डी एवं ई ग्रेड वाले को इस नई व्यवस्था से लाभ पहुंचाने के लिए स्पेशल क्लास का प्रावधान किया गया है।

बाईट- खुशी कुमार, छात्रा
बाईट- शिवानी कुमारी, छात्रा
बाईट- चंचल कुमार, छात्र
बाईट- शिवानी कुमारी, प्रधानाध्यापिका
बाईट- प्रतिमा श्याम सिंह, प्रधानाध्यापिका
बाईट- शंकर हरिजन, प्रधानाध्यापक
बाईट- मो. अहसन, डीईओ बांका
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